एड्स की जानकारी लक्षण, इलाज, बचाव – AIDS Information in Hindi – एड्स अवश्य जानलेवा एक गंभीर बिमारी है। किन्तु जानकारी के आभाव के कारण इसकी बेवजह की भयावकता ज्यादा है। यहाँ इस वेब पेज पर आपको सम्पूर्ण जानकारी लक्षण व इलाज तथा बचाव से अवगत करवाया जायेगा।
एड्स की जानकारी व परिचय | Information of AIDS in Hindi
एड्स का पूरा नाम है। AIDS – Acquired Immune Deficiency Syndrome. तथा इस बिमारी का जो वायरस है वह एच् आई वी जिसका पूरा नाम है। HIV – Human Immunodeficiency Virus. यह अवशय है कि एड्स एक लाइलाज बिमारी है और जानलेवा है। किन्तु साथ में आप यह भी ध्यान रखिये कि कौनसी बिमारी है जो जानलेवा नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को बुखार भी आ जाये तो उचित ट्रीटमेंट के अभाव में वह भी जानलेवा है।
निसंदेह आज भी 12 मिलियन लाख से ऊपर लोग एड्स के पूर्ण इलाज का इंतज़ार कर रहे हैं। और बहुत से लोग ऐसे है जो हमारे बीच में है जिनको एड्स है किन्तु उनको इस बात की जानकारी ही नहीं है।
एड्स जानलेवा है तो इससे डरने की जरूरत नहीं है। सही मायने में डॉक्टर्स का भी यह मानना है कि यदि आप एड्स का भय निकाल दें, उचित ट्रीटमेंट लें और योग करें तो इसके साथ जीना शुगर (डायबिटीज) के साथ जीने से ज्यादा सरल है। और आप जानते हैं। कि आज हर एक तीसरे भारतीय को डायबिटीज है।
तो आप को ऐसा लगा रहा होगा कि यह कितनी मजाकिया बात यहाँ कही जा रही है। कि डायबिटीज मरीज से ज्यादा आसान लाइफ एड्स मरीज की है। हाँ तो यह बिलकुल सच है। पहली बात तो आप को यह बता दें कि HIV वायरस से ग्रसित लोगों को कई सालों तक तो यह पता ही नहीं चलता है कि उनको एड्स जैसे कोई बिमारी है।
एड्स का वायरस हर एक शरीर में अलग अलग समय पर प्रभाव देता है। किसी के शरीर में यह 2 से 5 साल बाद लक्षण देने लगता है तो किसी को यह 10 साल बाद लक्षण दिखाने लगता है। 10 साल एक बहुत लम्बा समय होता है। जबकि डायबिटीज के मरीज के साथ ऐसा नहीं होता है। उसके लक्षण बहुत जल्द आ जाते हैं।
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एड्स की जानकारी व परिचय | Information of AIDS in Hindi
एड्स कैसे होता है | AIDS Kaise Hota Hai
हमारे देश में एड्स को लेकर कहीं प्रकार की भ्रांतियां है। कुछ लोगों का यह मानना है कि एड्स छूने, मच्छर के काटने से, स्पर्श करने से, किस्स करने से, कपडे शेयर करने से, टॉयलेट यूज करने से हो जाता है। किन्तु यह सभी बातें सरासर गलत है।
क्योंकि अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है। जिसमें इन वजह से किसी को कोई बिमारी हुई हो। HIV का संक्रमण हुआ हो। यह सभी भ्रांतियां दूर हो इसके लिए जरूरी है। कि हमें एड्स सम्बंधित सभी कारणों की समझ होनी चाहिए।
मुख्य तौर पर एड्स होने का सबसे बड़ा जो कारण देखा गया है। वह है असुरक्षित यौवन सम्बन्ध। आप जब किसी स्त्री या पुरुष के साथ सेक्स करते हैं तो यह जरूरी है कि आप कंडोम का इस्तमाल करें या करवाएं। क्योंकि आज के इस युग में एक पुरुष का अनेक स्त्रियों से सम्बन्ध होना या एक स्त्री का अनेक पुरुषों के साथ सम्बन्ध रहना अब सामान्य रूप से देखा जाने लगा है।
दूसरा जो सबसे बड़ा कारण है वह है संक्रमित सुई प्रयोग। अस्पताल, या किसी क्लिनिक अब इस प्रकार से कोई इंजेक्शन नहीं लगाए जाते हैं। कोई डॉक्टर किसी भी प्रकार की संक्रमित सुई का इस्तेमाल नहीं करता। क्योंकि अब सिरिंज यूज एंड थ्रो आती है। किन्तु जो लोग इंजेक्शन के माध्यम से नशे का सेवन कर रहे हैं। उनमें पूर्ण रूप से एड्स की सम्भावना है।
एड्स का तीसरा कारण किसी माता से उसके शिशु को है। यदि माँ एड्स संक्रमित है तो बहुत हद तक यह संभावना हो जाती है कि होने वाले बच्चे को भी एड्स जैसे लाइलाज बिमारी हो जाए। क्योंकि प्रेगनेंसी बड़ी ही जटिल चीज होती है तो इसमें संभावना ज्यादा रहती है।
एड्स की जानकारी व परिचय | Information of AIDS in Hindi
HIV वायरस का शरीर में प्रवेश और उसकी प्रक्रिया
जैसे ही HIV हमारे शरीर में प्रवेश करता है। तो सबसे पहले वह होस्ट सेल में एंट्री लेता है। वहां वह अपने आनुवंशिक तत्वों को सेल में डालता है। उसके बाद वह कोशिका के न्युक्लियर्स का अंश बन जाता है। और कहीं सालों तक यह वायरस वहीँ रहता है।
यहाँ इस दौरान यह वायरस निरंतर अपनी संख्या बढ़ाता है। या यूँ कहे अपनी ताकत को बढ़ाता है। इसी स्तिथि में संक्रमित व्यक्ति में किसी भी प्रकार के कोई लक्षण सामने नजर नहीं आते हैं। फिर यह सिढ़िपोर कोशिकाये नष्ट करने लगता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट करता चला जाता है।
इस बिमारी की जो सबसे बुरी बात यह है कि जब तक वायरस अपने आपको डेवेलोप नहीं कर लेता है तब तक वह किसी भी प्रकार का कोई ऐसा प्रभाव शरीर में नहीं छोड़ता है जिससे वह पकड़ाई में आ सके। हां यहाँ एक बात जरूर है जब यह वायरस शरीर में प्रवेश करता है उस दौरान आपको बुखार, घबराहट सिरदर्द उस सप्ताह के अंत तक हो सकती है। किन्तु कुछ दिन बाद यह अपने आप ख़त्म हो जाती है।
एड्स के लक्षण | Symptoms of AIDS in Hindi
HIV वायरस इस बीमारी में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुक्सान पहुंचाता है। इसलिए इसके लक्षण भी हमारी शरीर से उसी प्रकार से जुड़े हुए हैं। जो आपके सामने क्रम से निम्न प्रकार है।
- रोगी को लगातार चक्कर आना व चक्कर बने रहना। इस में यह एक प्रमुख कारण है चूँकि उसका शरीर कमजोर हो जाता है तो रोगी को इसमें चक्कर आते हैं।
- निरंतर दस्त की समस्या रहना। इस बिमारी में मरीज को दस्त को लेकर काफी समस्या होती है क्योंकि उसका पाचन तंत्र उतना अच्छे से वर्क नहीं करता है।
- शरीर का वजन कम हो जाता है। इस बीमारी में निरंतर शरीर के वजन में गिरावट होती रहती है।
- लसिका गांठों में सूजन आ जाना। इसके तहत जितने भी शरीर के जोड़ होते हैं वहां सूजन आ जाती है और जोड़ों में दर्द रहने लगता है।
- रात में पसीना आना। इसका यह भी एक बड़ा लक्षण है। इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति को रात में बेहद पसीना होता है। जो कि एक सामान्य व्यक्ति के साथ नहीं होता है।
- सम्पूर्ण शरीर में एक प्रकार की थकावट रहना। इसमें बिमारी में हमारे शरीर में एक प्रकार की थकान रहती है।
- कुछ भी निगलने में परेशानी होना। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को कोई भी चीज आसानी से निगलने में नहीं आती है। क्योंकि उसको गले में कुछ चुभ रहा है ऐसा लगता है।
- जिह्वा का सफ़ेद होना भी इस बिमारी में एक प्रकार का लक्षण है। तथा सफ़ेद होने के साथ ही मुंह में छाले भी हो सकते हैं।
- त्वचा व गुप्त अंगों में दाने व लाल चकते उभर आना। इस बीमारी में मरीज की स्किन व गुप्त अंगों में दाने व लाल लाल से चकते उभर आते हैं।
एड्स का इलाज, बचाव व उपाय | AIDS Treatment and Safety
चूँकि एड्स एक लाइलाज रोग है इसलिए इसकी कोई पक्की दवा तो नहीं हैं। किन्तु आज के साइंस के युग में इतना जरूर है कि शुगर बीपी जैसे बिमारियों के समान ही एक सामान्य लाइफ जी सकते हैं।
एड्स की जानकारी व परिचय | Information of AIDS in Hindi
पूरे देश भर में ART सेण्टर बने हुए हैं। इन सेण्टर में एड्स की जांच मरीज की देखभाल व इलाज होता है। यहाँ एड्स के मरीजों को दवाई एकदम मुफ्त दी जाती है। यहाँ ARD प्रणाली का उपयोग होता है जिससे आज के इस युग में HIV संक्रमित व्यक्ति को गंभीर बीमारी से बचाना आसान है।
बहुत ही आसान तरीके से एक एड्स मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। यदि वह सही समय पर अपना ट्रीटमेंट शुरू कर देता है। अतः यह जरूरी है कि सभी व्यक्ति इस बिमारी के प्रति जागरूक रहें। यह बिमारी CD4 को प्रभावित करती है। आपका CD4 सामान्यतः 500 से ऊपर होना चाहिए यदि ऐसा नहीं है तो सम्भावना है कि उसे कोई गंभीर बिमारी हो।
आज के इस समय में रोज एक गोली सामान्य जीवन दिलवाने पूर्ण रूप से सक्षम है। बस साथ ही उसे कुछ एहतियात बरतनी होगी। अपने आप को पौष्टिक भोजन देना होगा। रोजाना व्यायाम को जीवन में स्थान देना होगा। साथ ही उस व्यक्ति को यह भी चाहिए। कि वह खुद से किसी और को यह संक्रमण ना जाने दे।
इसका बचाव ही सबसे बड़ा इलाज व उपाय है। आप किसी भी प्रकार से किसी अजनबी लड़के या लड़की सम्बन्ध बनाते है तो सुरक्षा का पूरा पूरा ध्यान रखे। क्योंकि असुरक्षित यौवन सम्बन्ध एड्स की सबसे बड़ी दावत है।
किसी भी प्रकार की कोई संक्रमित सिरींज का उपयोग ना करे और ध्यान रखें यदि किसी कोई एड्स है तो उसके खून अपने खून के संपर्क में ना आने दे।
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AIDS Essay in Hindi | एड्स पर निबंध
तो हम देखे तो सबसे बड़ी बिमारी यदि किसी बिमारी को माना गया है तो वह एड्स ही है। एड्स को कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक माना गया है। किन्तु यही कहना चाहेंगे कि आखिर कौनसी ऐसी बिमारी है जो खतरनाक नहीं है। हर एक बिमारी किसी ना किसी प्रकार से जानलेवा है। Read – Motivational Kavita
एड्स की जानकारी व परिचय | Information of AIDS in Hindi | AIDS Essay in Hindi
अतः हमें जरूरत होती है सही इलाज की और सही प्रकार से देखभाल की। यदि हम एड्स में भी इसको अपना लेते हैं। तो स्वाभाविक रूप से हमारा जीवन अन्य लोगों की तरह ही सामान्य होगा। इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। एड्स की जानकारी | Information of AIDS in Hindi Read – Inspirational Shayari
एड्स को हम देखते हैं कि कुछ ज्यादा ही भयावह रूप से देखा जाता है। बिमारी कोई सी भी हो वह भयानक ही होती है। किन्तु हम उस पर कैसा रिएक्शन देते है। यह बात बड़ी ही जरूरी है। यहाँ यही बात है जो हमें समझनी होगी। कि एड्स से ज्यादा गंभीर एड्स को लेकर हो रही अफवाहें है। एड्स कैसे होता है | AIDS Essay in Hindi | एड्स पर निबंध Read – Khel Par Kavita
अतः आज के युग में एड्स से बचना बेहद जरूरी है। एड्स एक गंभीर बिमारी है। किन्तु इसके बचने के उपाय आसान है। यह बिमारी आपके पास खुद चलकर नहीं आती है। बल्कि आप अपनी लापरवाही की वजह से इस बिमारी को अपने गले लगाते हैं। Read – BJP Par Shayari
इसका वायरस बड़ा ही खतरनाक है। सबसे मजेदार बात यह है कि जब यह हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो बिलकुल सामान्य लक्षण होते है जो कि एक प्रकार से आम बिमारियों के होते हैं। किन्तु समय के साथ यह वायरस अंदर ही अंदर अपनी ताकत बढ़ाता है और फिर यह हमला करता है। Read – Sports Shayari
इस बिमारी से बचाव के लिए कहीं प्रकार के अभियान चलाएं जा रहे हैं। क्योंकि केवल इसकी जागरूकता है इसका एक मात्र इलाज है तो सभी लोग धीरे धीरे इसे समझ रहे हैं। Read – Health Par Kavita
आप को भी यह जरूरत है कम से कम इस खतरनाक बिमारी से तो अपने आप को बचाकर रखें। क्योंकि यह बिमारी आपको एक बार हो गई तो आपको फिर इसके साथ ही जीना पड़ेगा यह आप पक्का ध्यान रख लीजिए। तो अब यह आपको निश्चित करना है कि जागरूक होना है और इस बीमारी के प्रति सभी को जागरूक भी बनाना है। Read – Health Par Shayari
हमें एड्स के प्रति जो अफवाहें फ़ैल रही उनसे बचना जरूरी है। यह किसी भी प्रकार स्पर्श से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट नहीं करता है। बल्कि यह सीधा सीधा ट्रांसमिट करता है आपकी जानकारी के अभाव के कारण और संयम ना रखने से। जब आप किसी स्त्री या पुरुष के साथ सम्बन्ध बना रहे हैं तो संयम जरूर बरतें और कंडोम को यूज करना ना भूलें। एड्स की जानकारी | Information of AIDS in Hindi Go to – Home Page Maskaree
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