राम मंदिर अयोध्या आया (व्यंग्य) – Ram Mandir Hasya Vyang

राम मंदिर निर्माण की बाधाओं और नेताओं के पर करारा व्यंग करता यह लेख अवश्य पढ़ें।

राम मंदिर अयोध्या

एक वक्त था जब सरकार, नेताओं और कानून का रवैया देखकर लगता था। जैसे राम भक्तों ने मंदिर नहीं मदिरा मांग ली। शायद मदिरा मांगी होती तो बहुत पहले ही दे दी होती।

मंदिर को आने में आज भले ही 450 साल लग गए। लेकिन मदिरा साढ़े 4 घंटे में उपलब्ध हो जाती। खैर अभी तो सम्पूर्ण निर्माण में वक्त लगेगा।

बीजेपी सरकार को मंदिर का क्रेडिट जाता है। क्योंकि राहुल जी के मुंह से जब भी राम निकला। तो उसमें मंदिर का विरोध समाहित था। कांग्रेसी की माता जी तो राम का अस्तित्व ही नहीं मानती थी। Read – Ram Mandir Kavita

राहुल जी स्वयं को जनेऊ धारी शिवभक्त बताते थे। और राम के मंदिर के अतिरिक्त चुनाव में शिव के मंदिरों के चक्कर लगाते थे। सो भगवन राम की राहुल जी पर कृपा कम कोप ज्यादा है।

राम भक्तों की एक बहुत बड़ी सेना राहुल जी के इस विरोध के कारण उनके खिलाफ खड़ी हो गई है।

खैर मंदिर नेताओं के प्रपंचों और कानूनी प्रक्रिया से निकलकर अयोध्या राम भूमि आ ही गया। और इसके आने से कहीं नेताओं की सुलगी हुई है। खूब पानी डालकर बुझाने के बाद भी नहीं बुझा पा रहे हैं।

अतः नेता अपने जुबानी दांव पेच चला रहे हैं। किन्तु आग और भभक रही है। राम भक्तों के लिए वो किसी गद्दार से कम नहीं। और क्यों ना हो जो नेता राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का विरोध करे। वो आस्था शत्रु ही नहीं, अपितु घोर पापी है।

और केवल एक पापी ही भगवान राम का विरोध कर सकता है।

फिलहाल तो नेताओं के उलटे सीधे बयान भगवान् राम और राम भक्त दोनों समझ नहीं पा रहे कि अपना कान बंद करे या उनका मुंह।  खैर नेताओं का मुंह है और मुंह में राम और बगल में राम से दूरी है तथा राम मंदिर चाहने वालों के लिए कुछ नेता छुरी लेके बैठे हुए हैं।

यदि संसद में बिल आता तो राम राम करके कहीं राम विरोधी बिल बिलाने लगते। किन्तु कोर्ट के निर्णय देने के बाद भी उनका रावण रूप गया नहीं है। सच में रावण त्रेता युग में ही नहीं, इस कलयुग में भी विद्यमान हैं।

राम मंदिर बिल पास होने से कई नेताओं का अस्तित्व खतरे में होगा तो कुछ नेताओ का जनाधार। तो वो बिल अटकाने को पूर्ण प्रयास करेंगे। नहीं अटकाएंगे तो राम मंदिर तो बने या ना बने लेकिन उनकी कुर्सी के नीचे एक पटाखा जरूर फूटेगा और पटाखे का धुंआ चुनावों के दिन उस नेता के मुंह से निकलेगा। Watch – Ram Mandir Poem – Hari Om Pawar

राम मंदिर बनने से कहीं नेताओं की तशरीफ़ के नीचे पटाखे फुट रहे हैं। और धुंआ मुंह से निकल रहा है। क्योंकि ये नेता लोकतान्त्रिक नहीं वोटतांत्रिक हैं। वोटों के लिए तंत्र मंत्र इनका निरंतर जारी रहता है।

आज जब राम मंदिर निर्माण हो रहा है तो राम से प्रार्थना है। कि हे प्रभु राम, आप इस आस्थाविहीन और जन भावना विरोधी नेताओं का नाश करें। ये इस देश में नेता बने रहने के लायक बिल्कल नहीं।

खैर भगवन राम के विरोध के कारण इनका विरोध निश्चित रूप से शनैः शनैः हो भी रहा है।

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Below Watch Ram Mandir Poem By Poet Lokesh Indoura

मंदिर कैसे बनेगा। यह जनता के लिए एक यक्ष प्रश्न के समान था। किन्तु आज इस सवाल का सम्पूर्ण रूप से निदान हो गया है। Visit hasya vyangya suchi

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