भाजपा के विवादित नेता – 5 Controversial Leaders BJP Government

5 भाजपा के विवादित नेता – Controversial Leaders BJP Government – यह हास्य लेख भाजपा में पल रहे बागी नेताओं से जुडी है।

भाजपा के विवादित नेता

वैसे तो भैयाजी ऐसे Political Leaders की कमी नहीं जो Modi जी और BJP Government  के against हैं। Surprising यह है। कि BJP के अपने Leaders सरकार की ऐसे बजाते हैं जैसे एक पियक्कड़ Husband अपनी Wife को। भूल जातें हैं जब ये भोली wife चंडी का रूप ले लेगी। तो रात कोअपने प्यारे पति की धुलाई वैसे ही करेगी। जितनी सुबह प्यार से उसके कपड़ों की करती है।

प्रज्ञा ठाकुर

भाजपा के जब ऐसे Popular Leaders की बात करें तो वर्त्तमान में सबसे टॉप पर है – प्रज्ञा ठाकुर। प्रज्ञा जी भोपाल क्या जीती। सच में स्वयं को सुरमा भोपाली समझ बैठी हैं। दिग्गी राजा को हराकर तो मानो वो स्वयं को महारानी ही मान बैठी है।

माना उनको गाँधी जी हत्यारे नाथूराम में अपार प्रेम व शृद्धा है। लेकिन जब ये शृद्धा मीडिया के सामने छलकती है। तो यह विरोधियों और मीडिया के लिए बीजेपी की बजाने का अद्भुत हथियार बन जाता है।

सुब्रमण्यम स्वामी

BJP के विद्वान leader सुब्रमण्यम स्वामी जी की तो बात ही क्या उनकी विद्वता जेटली से लेकर GST तक सब के लिए घातक है। जितनी बड़ी मिसाईल वो Opposition के लिए हैं उतना ही बड़ा टैंक वे अपनो के लिए हैं जिसका मुँह कब किस की तरफ हो जाये कहा नहीं जा सकता।

लेकिन सुब्रमण्यम जी वो हथियार हैं। जिनकी वजह से कांग्रेस आलाकमान की हालत बहुत बेचारी बेचारी है।

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LK आडवानी

आडवानी जी के प्रधानमंत्री के सपने क्या चूर चूर हुए। आडवानी जी इस उम्र में कभी कभार अपनी पार्टी को सही राह के तरीके दिखाई देते हैं। जबकि वे जानते हैं कि यह बीजेपी का अब तक का सबसे बेस्ट है। read – राहुल गाँधी पर व्यंग्य (हास्य)

Controversial Leaders BJP

मुरली मनोहर जोशी

मुरली मनोहर जोशी की बात करें तो जिस मार्गदर्शक मंडल के सदस्य वे हैं और वहां से Modi का मार्गदर्शन की बजाय मार्ग काटते हुए ज्यादा दिखाई देतें हैं। खैर वैसे भी कुछ दिनों तस्वीरों में ही दिखाई देने वाले हैं।

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अरुण शौरी

पत्रकार से नेता बने अरुण शौरी जी की तो बात ही क्या पत्रकार के रूप में उन्होंने ने किसी असामाजिक तत्व को इतनी गलियां भले ही ना दी हो लेकिन यहाँ modi जी के लिए जिस तरह से शब्दों का चुनाव वो करते हैं उससे पता चलता है कि एक प्रतिभाशाली पत्रकार को अपनी प्रतिभा अब बुढ़ापे में दिखाने को मिली है।

पूर्व वितमंत्री यशवंत सिन्हा जी ठीक इनके बाद में है चाहे जेटली की आर्थिक नीति हो या भाजपा सरकार की यशवंत जी अर्थ से सम्बंधित ऐसे अर्थ निकालते हैं कि BJP का यश वहां पहुँचने को मजबूर हो जाता है जहाँ ऐतिहासिक Congress ने पहले से ही seat बुक कर रखी है।

खैर निरंतर प्रयास करते रहे तो यशवंत जी इतने अच्छे leader तो हैं कि  BJP के लिए उसी seat का reservation करवा लेंगे जहाँ अभी बैठकर congress बैचैन की बंसी बजा रही है और अपने सोयी आत्मा को जगा रही है।

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