कांग्रेस पर व्यंग्य : Best 4 Congress Par Vyangya | Satire in Hindi – कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन आज जो उसकी हालत है वह काफी दयनीय है और कांग्रेस के साथ कांग्रेस महामहिम राहुल जी भी हालत पतली है। यहाँ कांग्रेस पर आधारित 4 हास्य व्यंग्य है। जिनका उद्देश्य केवल राजनीतिक मनोरंजन है। किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत दुर्भावना इसमें नहीं है। – 1 कांग्रेस का लीडर 2. कांग्रेस ढूंढे फ्यूचर 3. कांग्रेस का अस्तित्व 4. राहुल के राफेल ने फिर डुबाया
कांग्रेस पर व्यंग्य
व्यंग्य – कांग्रेस का लीडर
इस सवाल को लेकर भैयाजी जनता से ज्यादा congress परेशान है अब चुनाव दर चुनाव congress की हार और congress दिन ब दिन हो रही है बेकार। बताओ कैसे बनेगी congress की सरकार।
भैयाजी जब से सबसे सीधे-साधे, भोले-भाले, अर्थशास्त्र के महाज्ञानी तथा congress व सोनिया के Best आज्ञाकारी leader मि. मनमोहन सिंह जी सत्ता से गये और भाजपा के कर्णधार व उद्धारक भाई नरेन्द्र दामोदर दास मोदी आये तब से congress के लाडले राहुल गाँधी की हालत और पार्टी की सेहत बेचारी-बेचारी हो गई है।
खैर जैसा की हम बात कर रहे थे कि आखिर congress का best leader कौन है तो फ़िलहाल जो congress की 2024 में फिर से डूब रही नौका को जो पार लगाएगा वही best leader कहलायेगा।
अब तक congress का अध्यक्ष पद सालों से congress की आधुनिक माँ श्री मती सोनिया जी को सुशोभित कर रहा था पर congress की सेहत सोनिया जी की सेहत के साथ ही बिगड़ती जा रही है ना कोई दवा काम आ रही है ना दुआ। ये congress को किस की लगी बद्दुआ
हिंदुस्तान की राजनीति का इतिहास लिखने वाली congress को समझ नहीं आ रहा कि अब भविष्य का क्या होगा? और साथ बेचारे राहुल बाबा का? जिनके हाथ में कड़ी मेहनत के बाद भी हर चुनाव में बाबा जी का ठुल्लू ही आ रहा है।
हम तो कहते हैं भैयाजी किसी अच्छे से ज्योतिष से राहुल जी का हाथ दिखा लीजिये सुना है जयपुर के एक पंडित ने जब मोदी जी का हाथ देखा था तो उसी वक़्त उन्होंने घोषणा कर दी थी कि इस हाथ के हाथ में एक दिन देश की सत्ता होगी।
पर बेचारे राहुल जी के हाथ ना तो अभी तक बीवी आयी ना सत्ता congress के नेता भी उनके विचारो पर विचार करते नजर नहीं आते और राहुल गाँधी भी खुद बीच–बीच में छुट्टियाँ मनाने नानी के यहाँ चले जाते हैं। तो अब आप ही बताइए congress की चिंता लाजमी है की नहीं।
कांग्रेस निर्णय लेती है कि कांग्रेस को राहुल जी की छत्र छाया से एक कमरे दूर माँ की छत्र छाया में ले जाया जाये। ताकि कांग्रेस के शहजादे का भविष्य बचाया जा सके। किन्तु फिर कुछ दिनों बाद निर्णय होता है छत्र को वापिस कांग्रेस के शिरोमणि राहुल जी के सिर पर ही रख दिया जाये। इस प्रकार कांग्रेस का छत्र बदलता है पर कांग्रेस नहीं।
प्रियंका गाँधी congress के लिए एक दूसरा विकल्प हो सकती है लेकिन भाई-बहन का प्यार सत्ता में बदनाम हो जायेगा। इस का डर सोनिया जी को सताता दिखाई दे रहा है
congress का एक बड़ा तबका प्रियंका को अपने leader के रूप में देखना चाहता है और क्यों नहीं देखना चाहेगा वैसे भी पार्टी को लम्बे समय से एक महिला के Under काम करने की आदत हो गई है और पार्टि में जेंट्स नेताओं को तो यह बड़ी रास भी आ रही है।
वैसे भी एक पुरुष को बचपन में माँ नचाती है जवानी में girlfriend और शादी कर लो तो बुढ़ापे तक wife को यह सौभाग्य प्राप्त होता है। तो नाचना तो है ही फिर पार्टी से काहे का हर्ज। तो congress पार्टी का पुरुष वर्ग तो प्रियंका को लेकर 100% leader बनाना चाहेगा लेकिन प्रियंका को leader के रूप में सोनिया कितना देखना पसंद करेगी यह प्रियंका खुद जानती है और congress के आंतरिक नेता भी।
आशा तो यह ही congress फिर से खड़ी हो वो चाहे राहुल करे या प्रियंका एक ऐतिहासिक पार्टी की ऐसी हालत भविष्य में देश के लोकतंत्र को खतरा पहुंचा सकती है। विपक्षीय कमजोर लीडरशिप किसी भी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को अराजक बना सकती है और ऐसे कई मामले देखने को भी मिलें हैं। तो खैर उम्मीद करतें हैं लीडरशिप कोई भी करे, चुनाव में जीत किसी भी पार्टी की हो बस लोकतंत्र का शासन हो, अराजकता का नहीं।
Congress Par Vyangya
व्यंग्य – कांग्रेस ढूंढे फ्यूचर
असेम्ब्ली चुनाव में जीत के खूब पटाखे फोड़ने के बाद कांग्रेस की बम्प से असली धुंआ लोकसभा के चुनावों में निकल जाता है और इस तरह कांग्रेस का भविष्य निरंतर साफ हो रहा है। इतना साफ कि कांग्रेस देश से ही साफ होती दिखाई दे रही है।
अमेठी की हार के बाद राहुल गाँधी व कांग्रेस के आंसू ने इस भविष्य की तस्वीर बेहतर ढंग से प्रदर्शित की है। आने वाले समय में Rahul Gandhi और उनकी पार्टी की स्तिथि सुधरने के आसार नजर आयेंगे। देखना होगा कि future में राहुल जी जनता का मूड कैसे समझते है और अपना व कांग्रेस का future कहाँ ले जाते हैं।
राहुल गाँधी ने पूरे चुनाव में सिर्फ एक काम सबसे बहादुरी से सबसे अच्छा किया। नरेंद्र मोदी को गाली देने का और सारी गालियां ऐसा लगा मानो राहुल जी के लिए मोदी की तरफ से शाप बन गयी। राहुल जी की चुनाव दर चुनाव जो गत हुई है यह अपने आप में एक ऐतिहासिक राजनितिक सन्देश है।
कांग्रेस की राजनीतिक जमीन दरअसल खिसक गयी है। अब यह जमीन मोदी सुनामी से खिसकी है या भूकंप से। यह तो रिसर्च का विषय है। किन्तु हाँ यदि राहुल अब कांग्रेस को छोड़कर इटली भागे तो शायद इटली में भी भूंकम्प आ सकता है और आ गया तो राहुल जी नहायेंगे क्या और निचोड़ेंगे क्या या फिर नानी के घर ही बैठकर चने खायेंगे।
कांग्रेस तो मोदी को ताइवान का मशरूम खिलाके के भी गुजरात से बाहर ना निकाल सकी। खुद हिंदुस्तान से बाहर होने की कगार पर है। यदि राहुल जी आने वाले Election में जीत पाना चाहते हैं तो उन्हें जनता के मुद्दों पर आना होगा नाकि बीजेपी के मुद्दों पर जाना है
युवाओ का मूड पलटने में समय नहीं लगता। आज का युवा पूर्वजों की तरह पार्टीवादी मतदाता नहीं है।रोजाना whatsapp, facebook, twitter जैसे सोशल मीडिया के साथ electronic मीडिया से update होता रहता है और उस युवा को निरंतर जो परेशान करने वाले मुद्दे बेरोजगारी और भ्रस्टाचार है So कांग्रेस की रणनीति साफ और simple होनी चाहिए।
ना तो केजरीवाल वाली खांसी हो, ना ही विकास पागल हो और चौकीदार चोर है से कांग्रेस इतनी घायल हो चुकी है कि और ज्यादा जख्म मिले तो क्या होगा वह आप ही जानते हैं किसी की अंतिम यात्रा में तो यह सुपरहिटसोंग गाया ही होगा ….राम नाम ……..
इसलिये राहुल शिव और राम के नाम को छोड़ के देश के काम को पकडे तो कांग्रेस का डूबता जहाज जो नाव की शक्ल ले चुका है कहीं तिनके की तरह बह ना जाये और हम नहीं चाहते ऐसा हो क्यों कि किसी national पार्टी की क्षति देश के लिए मुश्किलें खड़ी करेगी। इसलिए जरूरी है कि आने वाले Election में कांग्रेस किसी तरह खुद ही खड़ी हो जाये।
Congress Satire in Hindi | कांग्रेस पर हास्य व्यंग्य
कांग्रेस का अस्तित्व
कांग्रेस के लिए अब सभी चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं वैसे भी राहुल के हाथों में congress party का अस्तित्व चुनाव की अग्नि में ही दहन हो रहा है। वैसे राहुल जी पूरी क्षमता से मोदी जी की सीट छीनने में लगे है। पर मीडिया, सोशल मीडिया और पार्टी उनका ही व्यक्तित्व छीन लेते हैं। खैर Indian Politics छिना- झपटी के खेल से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
किसी भी पार्टी का अस्तित्व में बने रहने के लिए जरूरी है। उसका चुनाव जीतते रहना वरना पार्टी विलुप्त होना तय है। Congress की बात करें तो उनके लिए Rahul Gandhi का विकास ज्यादा Important हो गया है और उनके विकास में कांग्रेस का खुद का विकास बौना हो गया और जब पार्टी का विकास बोना हो जाये। तो उसके अध्यक्ष का विकास कहाँ से बड़ा होगा।
अभी तक congress ने सबसे बड़ा मुद्दा बनाया किसान को और किसानों की कर्जमाफी। अफ़सोस यह है कि आज भी कांग्रेस किसानों की कर्जमाफी पर ही सोच रही है जबकि स्वयं किसान ही इसके अलावा कहीं मुद्दों पर सोचता है। आप कह सकते हैं कांग्रेस राहुल गाँधी जी जितना ही सोचती है।
अब एक ही पहलु को बार बार दोहराने से तो राहुल और कांग्रेस अपने जीत के झंडे गाड़ने से तो रहे नहीं। क्योंकि ये दिखावी लड्डू और ललचाने वाले लड्डू किसान, मजदूर, युवा खूब खा चुके हैं।
और राहुल जी स्वयं कांग्रेस के लिए शादी का लड्डू बने हुए हैं। हां कोई कोई कांग्रेसी मन में गले की हड्डी भी कह सकता है। ना तो राहुल जी कांग्रेस द्वारा उगले जा रहे हैं ना निगले जा रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी को देख लगता है कि उनके लिए देश के मुद्दों से ज्यादा नरेंद्र मोदी मुद्दा बन जाते हैं। बढ़ती महंगाई हो, बेरोजगारी हो या फिर अन्य मामले कांग्रेस से ज्यादा चिंतित इस देश में आम आदमी है।
कांग्रेस वर्तमान में उन मुद्दों को निशाना बनाती है जिस पर सरकार काम कर रही है चाहे वह सीमा सुरक्षा का मामला हो या फिर गंगा सफाई अभियान का। अन्य मामलों में कांग्रेस फंस जाती है क्योंकि ऐसे ही हालत उन राज्यों में भी जहाँ उनकी सरकार है।
लेकिन पंजाब हो या राजस्थान वहां कांग्रेस के अंदर अलग ही डिशुम डिशुम चल रहा है। जब पार्टी के अध्यक्ष की छवि धूमिल हो या पार्टी का सर्वे सर्वा कमजोर दीखता है तो उस पार्टी के लोगों में फुट पड़ना स्वाभाविक है।
अतः बात बड़ी ही साफ़ है कांग्रेस को यदि अपना अस्तित्व बचाना है। तो उसे कांग्रेस का अस्तित्व देखना होगा ना कि अपने युवराज का। यदि कांग्रेस की तरक्की होगी तो युवराज की स्वाभाविक रूप से हो जाएगी।
कांग्रेस पार्टी पर व्यंग | Congress Par Hasya Vyangya
राहुल के राफेल ने फिर डुबाया
कांग्रेस स्वामी श्री Rahul Gandhi राफेल को लेकर बीजेपी के सिरमौर प्रधानमंत्री मोदी जी पर खूब हमला इतना किया। हमला इतना भीषण था कि राहुल जी खुद राफेल बन गए। दनादन राहुल जी ने भाजपा की चुनावी जमीन और मोदी ब्रांड नाम के टावर पर बम बरसाए। लेकिन सारे के सारे फुस्स हो गए। और फिर राहुल हमेशा की तरह नानी को गये।
हालांकि राहुल जी की इस मुहीम में कांग्रेस कर्मचारी भी छोटे मोटे हथगोले, फूलझड़ियां, पटाखे लेकर बीजेपी पर हमला बोले। किसी ने काली स्याही भरकर पिचकारी भी चलाई। किन्तु उनकी पिचकारी का यह रंग उन पर ही रास्ते में गिर गया। मोदी जी का हेलीकाप्टर राहुल जी के राफेल से तेज निकल गया।
अब Congress कर्मचारी कहने से थोड़ी तकलीफ हो सकती है लेकिन यह भी सच है कि भले ही Rafel Deal में हेर-फेर हो सकती है। परन्तु Rahul की रसना से निकले शब्दों को कोई कांग्रेसी कार्यकर्ता हिलाना तो दूर की बात आँख उठाके देख भी नहीं सकता। क्योंकि यह एक अपराध नहीं बल्कि घोर पाप होगा। ठीक वैसा ही जैसा राहुल जी Rafel Scam के रूप में जगजाहिर किया।
Rahul जी Rafel Deal की Detail की मांगी और सरकार ने Rahul को माँग भरने जितना भी नहीं बताया। बल्कि राहुल जी कि यह माँग उनके लिए गहरी खाई बनी। और राहुल जी कांग्रेस को डुबाने में एक बार फिर कामयाब हुए। कांग्रेस पर व्यंग्य | Congress Par Vyangya | कांग्रेस पर हास्य व्यंग्य
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Conclusion – Congress Party Par Hasya Vyangya
आज के दौर में कांग्रेस अपने सबसे निचले पायदान में है। वह बिलकुल रसातल में चली गई। जो कांग्रेस एक वक्त देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी थी। आज कहीं राज्यों में तो उसका अस्तित्व हुए भी वह समझौते की स्तिथि में रहती है। Congress Satire in Hindi | कांग्रेस पार्टी पर व्यंग Read & Share – Kisan Par Slogans
कांग्रेस की इस दुरगति का कारण सही नेतृत्व का ना मिलना है। कांग्रेस के पास राहुल गाँधी के अतिरिक्त कोई दूसरा चेहरा नहीं है। या यूँ कहे कि राहुल के अतिरिक्त कांग्रेस किसी दूसरे नेता को आगे नहीं कर सकती है। कांग्रेस पर व्यंग्य | Congress Par Vyangya | कांग्रेस पर हास्य व्यंग्य पढ़े – लाल बहादुर शास्त्री जीवनी
चुनाव दर चुनाव कांग्रेस व राहुल की मुश्किलें बढ़ती चली जा रही है। कांग्रेस का कुनबा निरंतर छोटा हो रहा है। कोई राहुल को हटाने की बात करता है तो कोई प्रियंका को आगे लाने की बात कह रहा है। किन्तु कुछ सालों से स्तिथि जस की तस है। Congress Satire in Hindi | कांग्रेस पार्टी पर व्यंग Read – Christmas Par Shayari
इसका दूसरा कारण यह भी है कि कांग्रेस के पास नरेंद्र मोदी जी फायर ब्रांड चेहरा नहीं है। राहुल जी को एक मंदबुद्धि नेता के रूप में पूरा देश जानने लगा है। अब सोशल मीडिया पर उनको लेकर गंभीरता काम जोक्स ज्यादा है। Watch – Gandhi Jayanti Status in Youtube
अब तो कोई करिश्मा ही कांग्रेस पार्टी को इस स्तिथि से निकाल सकता है। कुछ तो कहते हैं इक बार तो यह पार्टी पूरी तरह समाप्त होगी और फिर इसका का पुनर्गठन होगा। फिर देश में एक बार फिर इसको मजबूत नेतृत्व मिलेगा। कांग्रेस पर व्यंग्य | Congress Par Vyangya | कांग्रेस पर हास्य व्यंग्य Read – Anti Corruption Slogans in Hindi
लेकिन बात यह है कि कांग्रेस को ऐसा नेतृत्व देगा कौन। प्रियंका गाँधी ने तो अभी तक ऐसी कोई इच्छा शक्ति नहीं जताई है। ले दे के राहुल जी के कन्धों पर ही कभी कांग्रेस को बैठाया जाता है तो कभी कांग्रेस को राहुल जी के कन्धों से उतारा जाता है। Congress Satire in Hindi | कांग्रेस पार्टी पर व्यंग Read – AIDS Awareness Slogans in Hindi
यूँ इस तरह तो बेचारे राहुल जी कंधे ही कमजोर हो गए। किन्तु कांग्रेस पार्टी करे भी तो क्या वह दूसरा विकल्प भी नहीं चुन सकती है। उनके पास राहुल के अलावा दूसरा विकल्प है ही नहीं। कांग्रेस पर व्यंग्य | Congress Par Vyangya | कांग्रेस पर हास्य व्यंग्य Read – Job Par Shayari
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