दहेज पर कविता : Best 2 Dahej Par Kavita | Dowry Poem in Hindi

दहेज पर कविता | Dahej Par Kavita | Dowry Poem in Hindi – प्रस्तुत दहेज़ कविता एक प्रकार से इस कुप्रथा पर व्यंग्य है। आज भी हमारे समाज में इस कुप्रथा के कारण स्त्रियों का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न हो रहा है।

दहेज पर कविता

दुल्हन हुई स्वार्थ की दुकान

शादियों में गजब दिखे जी दहेज़ का सामान
दुल्हन जीवनसाथी नहीं, हुई स्वार्थपूर्ति की दुकान

दुकान है जिसका जीवन पर्यन्त होवे शोषण
सपने हुए चूर चूर, चूरन बने लव के इमोशन

इमोशन दिल से धुआँ धुंआ राख छाने जिंदगी
क्योंकि पति के दिल में प्रेम नहीं, है दहेज़ की गन्दगी

गन्दगी का यह आलम सारे समाज में छाया
पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ कोई ना बच पाया

कोई ना बच पाया अमीर हो या गरीब
कोई तो अच्छे दहेज़ को ही समझे नसीब

नसीब के साथ अहंकार और स्वार्थपूर्ति पर इतराना
अच्छी जॉब और रसूखदारी पर ज्यादा है यह फ़साना

फ़साने के ये लालची भूत जाने सिर्फ पत्नी को डराना
ऐसे ही मर्दों का जीवन जहाँ में कहलावे कायराना

कायराना इन हरकतों से हो रहा हरदम उत्पीड़न
दूषित हुआ सामाजिक जीवन शोषित है तन मन

तन मन की नपुंसक पति कहाँ करे जी कदर
उसकी विवाहिता करे आत्महत्या या होवे मर्डर

आत्महत्या मर्डर से तो लगे शादी क्राइम की दस्तक
कब मिटेगा समाज से यह दंश इन्तजार आज तक

—- Lokesh Indoura

Dahej Par Kavita

दहेज़ की मांग को धूल से भर दो

जो दूल्हा करे दहेज़ की मांग
उसकी दुल्हन भर दे धूल से मांग

और फिर करके पुलिस को फ़ोन
बन जाये खुद परिवार सहित डॉन

दहेज़ के लालची ऐसे होंगे जी मौन
कहेगे सबसे दहेज़ लेता है जी कौन

बोलेंगे हमारे लिए तो बहु ही दहेज़
इसी को अच्छे से रखेंगे सहेज

प्लीज ना कीजिये आप विवाह से परहेज
हमें बहु चाहिए जी ऐसी ही समझदार तेज

किन्तु दुल्हन आप ना करना फिर भी शादी
भेज इनको इनके घर और दूसरे बुलाये बाराती

तब ही हम बना पाएंगे दहेज़ से मुक्त शादी
याद रखे इस बात को सम्पूर्ण देश की आबादी

—— Lokesh Indoura

Join  Facebook Page Maskaree and Youtube Channel Maskaree , follow Twitter Account Maskaree

Dahej Par Kavita | Dowry Poem in Hindi

आज भी समाज दहेज़ की इस घिनौनी प्रथा से पीड़ित है। लोग अपनी झूठी शान के दहेज़ देते हैं और लोग झूठी शान के लिए दहेज़ लेते भी हैं। और कुछ तो ऐसे दिखाते हैं जैसे दहेज़ लेना मानो उनका अधिकार है। Read – Purush Kavita

आज भी ऐसे ढेरों स्वार्थी परिवार हैं। जो दहेज़ की लालसा रखते हैं। और उनकी इस लालसा के कारण ही यह कुप्रथा निरंतर बढ़ रही है। ये ऐसी प्रथाएं सामाजिक रिश्तों को अंदर से खोखला बना रही है। दहेज पर कविता | Dahej Par Kavita | Dowry Poem in Hindi Read – Good Night Funny Shayari

विशेष रूप से यह प्रथा रसूखदार लोग ज्यादा फैला रहे हैं। या वो लोग जिनकी अच्छी जॉब होती है। इस कारण वे एक तरह से दहेज़ को अपना मानो धर्म ही समझ बैठे हैं। यूट्यूब पर देखें – महंगाई पर कविता

एक लड़की के माता पिता काफी अरमानों के साथ अपनी बैठी की शादी करते हैं। वह चाहते हैं कि उनकी बेटी को ससुराल में कोई तकलीफ ना हो। लेकिन जिस आशाओं के साथ वो ऐसा सोचते हैं दहेज़ की लालसा उन सब पर पानी फेर देती है। Read – Marriage Funny Poetry in Hindi

दहेज पर कविता

समाज में वैसे तो कहीं बुराइयाँ है। लेकिन जब कोई केवल अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए समाज को दूषित करे तो वह अपने आप में काफी घिनौना लगता है। और क्यों ना लगे आखिरकार यह जान तक जो ले लेता है। दहेज पर कविता | Dahej Par Kavita

दहेज़ पर निरंतर बहस तो देखने को मिलती है लेकिन कोई विशेष प्रभाव समाज में इसका नजर नहीं आता। लोग उसी प्रकार दिखावे में जी रहे हैं। दहेज़ को अपनी शान शौकत का हिस्सा समझ रहे हैं। और इस प्रकार से समाज को दुषित बना रहे हैं। Read – Top 5 Socila Evils in India

अच्छे समाज के निर्माण के लिए यह जरूरी है। कि ऐसी कुप्रथाओं का अंत हो। वरना यह समाज जो जीवन का आधार है। जीवन का विध्वंसक बन जायेगा। Watch – Dowry Poem in Youtube

Dowry Par Kavita | दहेज़ कविता

देश में आये दिन दहेज़ उत्पीड़न के मामले बढ़ ही रहे हैं। लाखों सामाजिक जन जागरण होने के बाद भी लोग सुधरना ही नहीं चाह रहे हैं। बल्कि अपने लालच को हर आये दिन नई उड़ान दे रहे हैं। लालचियों को मुंह बंद रखने के लिए क्या किया जाए यह समझ किसी को नहीं आ रहा है। Dowry Par Kavita | दहेज़ कविता पढ़े – लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

लोग लड़की वालों से पैसे मांगते हुए तनिक भी नहीं शर्माते हैं। पता नहीं इनको क्या समस्या है। दहेज़ का इतना लालच कि अपनी शर्म मर्यादा ही छोड़ देते हैं। हद हैं ऐसे स्वार्थी कुत्तों की। ऐसे लोगों पर वाकई थूकने का मन करता है। Read – Christmas Par Shayari

इनको समझाना वाकई भैंस के आगे बिन बजाना जैसा है। यदि आप इन दहेज़ के भेड़ियों को समझाने जायेंगे। तो ये बहुत ही प्यार से बात करेंगे और बड़े ही भोले और सीधे सादे बन जायेंगे। Dowry Par Kavita | दहेज़ कविता पढ़े – भ्रष्टाचार पर कविता

स्वार्थी लोग इस समाज के सबसे खतरनाक प्राणी है। इनके लिए समाज में कोई जगह नहीं है। इनकी वास्तविक जगह दरअसल जेल में हैं। इस मानसिकता तो शिक्षा भी दूर नहीं कर पा रही है। शिक्षा इनके सामने नत मस्तक हो रही है। Read – Anti Corruption Shayari

सम्पूर्ण समाज को आज यह संकल्प लेना जरूरी हैं। कि समाज में कोई दहेज़ ना ले। जितने भी सामूहिक विवाह हैं वहां भी यह जन जागरण होना जरूरी है। समाज वरना कभी इस बुराई से नहीं लड़ पायेगा। दहेज़ सम्पूर्ण समाज पर एक प्रकार का कलंक है। Watch – Blood Donation Shayari in Youtube

दुःख की बात यह है कि आज भी हमारा समाज ऐसी बुराइयों से लड़ रहा है। जबकि अब हम अधिकांश लोग शिक्षित हो गए हैं। Today dowry is very bad tradition in our society. Many married tortured for dowry in whole India. It is specially based in Indian society. Every year thousands of women suicide for the dowry.

Watch Below – Government Job Par Kavita in Video

Leave a Reply