Deepawali Kavita | 5 Best Diwali Hindi Poem : दीपावली पर कविता – यहाँ Deepavali पर 5 बेस्ट हिंदी कविताएं प्रस्तुत है। – धूम धड़ाके वाली दिवाली (फनी), खुशियों की दिवाली, रंगीन पटाखेबाज त्यौहार, दिवाली का दीपक, दिवाली का मौसम. यहाँ प्रस्तुत प्रथम कविता फनी अंदाज़ में रचित है।
Deepawali Kavita
धूम धड़ाके वाली दिवाली (फनी)
धूम धड़ाके वाली आ गई जी देखो दिवाली।
फोड़ पटाखे करा पुताई कर गई जेबें खाली।।
खाली जेबों में पहले से ही था दो आना चाराना।
मोबाइल पहले से बोल रहा था रिचार्ज को बचाना।।
बचाना जुगनू की गर्लफ्रेंड बोली तुम्हे यदि है प्यार।
फूलझड़ी तो कहते हो मेकअप के खर्चे को रहो तैयार।।
तैयारी ऐसी रामू की वाइफ की जरूरतें भी जेब गई चूस।
ऊपर से उसके बच्चे बोले हे बाप मेरा बड़ा कंजूस।।
कंजूसी से किया खर्चा सबने पटाखे चलाकर चार।
अब भरोसे बैठे मैय्या लक्ष्मी वैभव देगी उनको अपार।।
अपार वैभव के साथ शहर में लक्ष्मी मैय्या आई।
सबके मुंह पर मास्क देख किसको दें समझ ना पाई।।
पाता देख कालू बोला माँ है प्रदुषण बिमारियों का जाल।
दे दो माँ हमें बिना देखे चेहरा इस साल बड़े कंगाल।।
कंगाली का नाम सुनकर गरीबी पर माँ का गुस्सा फूटा।
जाते जाते तुरंत उसके हाथ से अशर्फियों का लौटा छूटा।।
छूटा तो गिरा कालू के सिर पर और गया स्वर्ग सिधार।
अशर्फियाँ बिखरी रोड़ पर नेता, अफसर जताने लगे अधिकार।।
अधिकार जताने लगे बोले यह धन है जनता का।
अतः जनता को देने के लिए फिलहाल हुआ नेता का।
नेता बोले इस बार ना साज सज्जा करें ना पटाखे चलायें।
मुंह पर मास्क पहने और अपना जीवन बचायें।।
जीवन रक्षा होगी तो अगली दिवाली मैय्या भर देगी झोली।
इस बार दिवाली को समझकर मनाओ जी तुम होली।।
— Lokesh Indoura
यह कविता एक मजेदार फनी अंदाज़ में रचित है। यह एक प्रकार से हास्य व्यंग्य है। जो कि आज की परिस्तिथियों के अनुसार दिवाली सेलिब्रेशन पर कटाक्ष है।
Diwali Hindi Poem
खुशियों की दीपावली
खुशियों की यह बेला
हुई दीयों से रोशन
दमकेगा जोर से उत्सव
डालो प्रेम का इमोशन
वैभव यह लाया रंग
श्री राम आये सीता संग
हुआ जगमग सारा शहर
पांच दिन शाम सहर
बाजारों में रौनक छाई
घर नगर की हुई पुताई
रसोइयों में बने मिठाई
हर नारी सज धज आई
मावस की रात में
आनंद की बारिश
सब ने माँ लक्ष्मी से
कि समृद्धि की गुजारिश
फैले जहाँ में हर और उजियारा
हर कोई लगे जहाँ में प्यारा प्यारा
किसी का ना बिछड़े आँखों का तारा
हो रंगीन जहाँ धरा से अम्बर तक सारा
Poet — Lokesh Indoura
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Deepawali Par Kavita | दीपावली पर कविता | Diwali Hindi Poem
About Kavita ‘Khushiyon Ki Diwali – यह कविता हमें बताती है कि दिवाली रोशनी का ही नहीं अपितु इमोशंस का भी पर्व है। यह भगवान् राम व माँ जानकी के अयोध्या आगमन से जुड़ा उत्सव है। जब घर घर दीये जलाकर अयोध्यावासियों ने रघुनंदन व देवी सीता का स्वागत किया था। यह पर्व पूरे पांच दिन बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बाजारों में रौनक आ जाती है। और सब और धन धान्य की खुशहाली देखने को मिलती है। Watch – Good Morning Funny Shayari in Youtube
दीपावली पर कविता
रंगीन पटाखेबाज त्यौहार
हे रंगीन पटाखेबाज त्यौहार
दिवाली है जी बड़ी दिलदार
घर बार सजे, रंगे आँगन द्वार
माँ लक्ष्मी के आगमन को हो तैयार
गाय बेलो ने भी किया है श्रृंगार
इनको भी मिल रहा भरपूर प्यार
दीया दीया बहाये रोशनी की धार
मोमबत्तीयां भी उड़ाये उजियारी फुहार
कि सबने खरीदारी नगद उधार
रामू भी लाया कपड़े जोड़ी चार
लाये यह पर्व देखो खुशियां हजार
करे धूम धड़ाका मिलकर परिवार
Poet —- Lokesh Indoura
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About Poem -‘Rangeen Patakhebaj Tyohar’ :- यह लघु कविता अति कम शब्दों में दीपावली सम्पूर्ण वर्णन करती है। दीपावली रंगीन और पटाखेबाज त्यौहार है। अर्थात रंगीन का खुशहाली व सुंदरता से है व पटाखेबाज का अर्थ उत्साह देने वाला है। यह त्यौहार वाकई बड़ा दिलदार है। क्योंकि कहीं लोग दिल खोलकर दिवाली के दिन खर्चा करते हैं। कपडे, गहने, नयी आवश्यक वस्तुयें बाजार से लाते हैं। गाय बेलों का भी श्रृंगार उसी प्रकार होता है जैसी स्त्री पुरुषों का। चहुंओर दीयों, मोमबत्तियों, व लाइट्स के द्वारा रोशनी की जाती है। Enjoy – Zindagi Par Shayari Video in Youtube
Deepawali Par Kavita
दिवाली का दीपक
दिवाली का दीपक मौन नहीं
अपने उजियारे से कुछ बोल रहा
जानो अंग अंग इसका आपके लिए
राज उज्ज्जवलता के खोल रहा
दिवाली के दीये लौ कहे
जलो ऐसे की दे सको उजियारा
तुम हो आशाओं की लौ
दूर करो जहाँ का अँधियारा
कहे दीये का तेल
अपना सब कुछ न्योछावर कर दो
यों खुद के लिए जीना अच्छा नहीं
अपनों खातिर जान हथेली पर रख दो
बाती बोले सहन कर पीड़ायें अपार
जीवन का होये उद्धार
जब बनेगा तेरा तन मन शोला
धमक उठेगा यह संसार
अब कुम्हार का अड्डा कहे
खुद को तुम समृद्ध बनाओ
और दूसरों को देने को खुशियां
इस को तुम जहाँ में लुटाओ
तो यह दीपक के मन का गीत
जन्म से उजियारे की चलाये रीत
इस रीत में ख़ुशी का है संगीत
और छिपी है इसमें मानव की जीत
—— Lokesh indoura
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दीपावली के दीपक की अपनी अनूठी कहानी है। दीये के चार भाग होते हैं। जो चहुंओर से मानव को प्रेरणा देते हैं। दीये की बाती, लौ, तेल और स्वयं दीये का अपना अलग ही सन्देश इस कविता के माध्यम से प्रस्तुत है। यह कविता बताती है कि लौ सतत जलते हुए संसार को उजियारा देने की प्रेरणा देती है अर्थात अपने कर्म के माध्यम से संसार को अलौकिक करने का सन्देश देती है। वही बाती खुद जलकर जहाँ में ख़ुशी फैलाने का तो तेल खुद को समाप्त कर अपना धर्म निभाने का। वह मिटटी का दीया समृद्ध बनकर लुटाने एक सन्देश देता है। Watch – Dosti Par Kavita in Youtube
दीपावली कविता
दिवाली मौसम
ठंडी हवा लेने लगी हिलोरे
प्रीत श्रृंगार का उत्सव खोले
शुभ दीपावली हैप्पी दिवाली
दिवाली पे दीया दीया बोले
हाँ यह पर्व विजय बहार का
आशा समृद्धि के संसार का
घर घर आँगन द्वार का
लंका जीत के उपहार का
आये राम माँ सीता संग
गांव शहर में बिखरे रंग
उजियारे की छाई तरंग
खुशहाली ने पसारे पंख
महक उठे खेत खलिहान
पेड़ पौधे भी करे प्रणाम
बोले सीताराम सीताराम
शाख बैठा पंछी मेहमान
गौ धन भी लगे मुस्कुराने
इनके भी दिन आये सुहाने
लगी मेहंदी लगे खिल खिलाने
संग भूधर देखो गा रहे तराने
Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi
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जब दिवाली एक मौसम आता है। तो सम्पूर्ण वातावरण परिवर्तित हो जाता है। यह परिवर्तन हमें अपने आप दिखाई देने लगता है। गांव शहर सबके चेहरों पर चमक खिल उठती है। Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi Read – विविध हिंदी फनी शायरी पर जायें
लड़के हो या लड़कियां सभी अपने आप को सजाते हैं। खेत खलिहान हो, पशु पक्षी हो या ये पेड़ पौधे सभी इस पर्व का बड़ी ही शीतलता के साथ स्वागत करते हैं। Deepawali Par Kavita | दीपावली पर कविता | Diwali Hindi Poem Enjoy – Latest Hindi Jokes
Deepawali Kavita
दीपावली का पर्व बहुत ही मांगलिक है। धन की देवी लक्ष्मी की जिस पर कृपा हो जाए। उसका जीवन निहाल हो जाता है। क्योंकि धन के बिना सब कुछ अधूरा है। जीवन में धन इंसान को कहीं प्रकार के वैभव देता है। Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi Watch – Diwali Jokes in Hindi
आज के दिन भगवान् रामचंद्र लंकापति रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे। किन्तु वह रात अमावस की रात थी। अतः अयोध्यावासियों से घर घर दीप जलाकर भगवान् राम का स्वागत किया था। Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi
रौशनी का यह पर्व आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आये। आपके सभी सपने पूर्ण हो। आपके जीवन में आनंद बरसे। कभी आपको अकेलापन महसूस ना हो। यह बड़ा ही जरूरी हो। जीवन सुख शांतिमय रहना बेहद जरूरी है। आपके सपने तभी सम्पूर्ण हो पाते हैं।
तब ही से दिवाली एक पर्व बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया जा रहा है। यह त्यौहार त्रेता युग के बाद द्वापर में इस प्रकार से आनंद के साथ मनाया गया। और आज यह दिवाली का पावन त्यौहार कलयुग में सभी आनंद के साथ मना रहे हैं और क्यों ना मनाये आखिर यह है ही इतना अनुपम और पवित्र। Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi Enjoy – Political Funny Status in Hindi
इस बार दिवाली में प्रदूषण ज्यादा ना करने पर लोगो को सलाह दी गई है। कि वह पटाखे ना चलाएं जो कि एक प्रकार से सही भी है। Deepawali Kavita | दीपावली कविता | Best Diwali Poem in Hindi Read – Good Night Funny Shayari
दीपावली पर कही शहरो में वायु प्रदुषण काफी बढ़ जाता है। क्योंकि वहां पर यातायात व फैक्ट्रियों का धुंआ काफी ज्यादा होता है। दीपावली पर प्रस्तुत कविताएं आपको कैसी लगी। हमें अपने कमेंट के माध्यम से बताएं। Go To – Home Page Maskaree
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