दहेज प्रथा पर निबंध व्यंग्य : Dowry System Essay in Hindi

दहेज प्रथा पर निबंध व्यंग्य : Dowry System Essay in Hindi – दहेज प्रथा पर लिखा यह निबंध एक हास्य व्यंग्य है। जो इस प्रथा को लेकर लड़की और लडके दोनों पर ही हास्य कटाक्ष करता है। उद्देश्य मात्र मनोरंजन करते हुए पाठकों को दहेज़ प्रथा के बारे में सजग करना है।

दहेज प्रथा पर निबंध | Dowry Essay in Hindi

कितना दहेज़ लेना चाहेंगे आप? आपकी अपनी या अपने बेटे की शादी में? सोचने में समस्या हो रही है? कोई बात नहीं तो बताइए कितना दहेज़ देंगे आप? आपकी अपनी या अपनी बहिन-बेटी शादी में? यों मत सोचना यह कैसा मजाक है भला ?

भैयाजी मजाक नहीं हकीक़त है आप भी अपना रेट तय कर लीजिये देखिये अगर आप किसी लड़की से शादी कर रहे हैं। तो स्वाभाविक है आप पूरे जीवन भर उसके नखरों का भोज उठाएंगे दिल किया तो नखरे वाली को भी उठायेंगे। भारी हुई तो नीचे ही दब जायेंगे और हल्की हुई तो बच्चों की जरूरत ही नहीं उससे ही काम चलाएंगे।

दहेज़ क्यों नहीं लें

देखिये भैयाजी देश के अन्दर भारतीय समाज में एक बड़ी गन्दी परम्परा है दहेज़। समझ में यह नहीं आता  हमारे देश के सामाजिक और राजनीतिक प्राणी पूरे देश को तो स्वच्छ बनाने में लगे हैं लेकिन समाज की इस घटिया परम्परा पर झाड़ू कब लगेगा।  इनके द्वारा रिश्तों का मजाक बनाया जा रहा है और जीवन को गन्दा।

सच कहे तो हमें हँसी आती है उस गधे पर जो दहेज़ लेता है अब यों ना सोचियेगा कि इसमें हंसने की बात कहाँ है?  तो देखिये भैयाजी शादी करने के बाद एक लड़का किस तरह घोड़े से गधा बनता है बताने की जरूरत नहीं वो सभी को दिखाई देता है।  पर समझ यह नहीं आता कि जब वह एक लड़की की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले चुका है तो दहेज़ लेकर क्यों अब उसके भाव भी ले रहा है।

भैयाजी आज का युग वो नहीं रहा कि आपने दहेज़ लिया है और कभी wife को 2 थप्पड़ मार दी।  मार के तो क्या, कभी आँखे भी दिखाना।

हालाँकि यह सब बहुत बहादुरी का काम है लेकिन आप यदि यह सब करने में सक्षम है।  तो आप का रिश्ता बिगड़ने का पूरा पूरा जोखिम है और रिश्ता बिगड़ने पर आप के ऊपर 498 की धारा लगना तय है भले ही आपने दहेज़ के लिए किसी प्रकार से अपनी लुगाई को torture नहीं किया हो।

हम आपको बता दें अब देश की नारी अबला नहीं है अलबेली है मेकअप और चाट पकोड़ी कि सहेली है और दिमाग से अनसुलझी पहेली है।

तो भैयाजी दहेज़ का ख्याल तो दिमाग में भूलकर भी मत लाना अगर ढंग कि लाइफ है पाना। क्योंकि बदल गई है नारी बदल गया है जमाना।

प्रथा की सच्चाई

 वैसे सच कहे तो आप से ज्यादा यह  मजाक हो रहा है उस लड़की के साथ ही है जो अपने जीवन के नये-नये सपने बुन रही है। कुछ सामाजिक रस्मों को निभाकर विवाह रचायेगी।  किसी को अपना जीवन बनाएगी और खुद किसी की जीवन संगिनी बन जाएगी।

लेकिन खुशियों का क्या जिसके उसने सपने देखे थे।  अब सपने देखना कोई पाप तो नहीं।  लेकिन जनाब पाप ही बन जाता है जब समाज के साथ उसका बाप भी उसके साथ नहीं होता।

दहेज़ लेना व देना लोगों का Status Symbol बन गया है और स्टेटस सिंबल का शिकार हो रही हैं इस देश की लडकियाँ। क्यों एक पिता अपनी educated बेटी को importance ना देकर दहेज़ को महत्त्व देता है।

क्यों यह समाज लड़की को लडके के बराबर आज भी importance नहीं देता?

क्यों आज भी समाज में अपनी जिंदगी के फैसले करने की क्षमता आज भी लड़की में नहीं है?

जबकि वह जानता है यह इस दहेज़ के नीचे ना जाने कितनी मासूम बेटियों की अस्थियों मिली है। समाज ने दो जीवन साथी के रिश्तों का मजाक बना दिया है दहेज प्रथा पर निबंध | Dowry System Essay in Hindi Read – Dowry System Advantage in English

दहेज़ जैसी सड़ी-गली मानसिकता से आज high profile परिवार भी ग्रसित हैं। इस घटिया मानसिकता ने कितनी मासूम बेटियों के जीवन को दांव पर लगा रखा है।

आप ही सोचिये दहेज़ लेने वाले greedy dogs नहीं तो क्या हैं जो किसी लड़की के ज्ञान और संस्कार को ना चाहकर धन की चाह रखते हैं। dowry system funny image

खैर आज की नारी में कितना ज्ञान और संस्कार कूट कूट कर भरा है यह तो जब आप शादी करेंगे तो पता चल ही जायेगा बस कूटने मत लग जाना वरना आप की life पॉपकॉर्न की तरह फूट पड़ेगी। Read – कविता – शादी की सालगिरह

व्यंग सार ( Dowry System Essay in Hindi | दहेज़ पर निबंध )

तो भैयाजी आप भले ही आप की या आपके अपनो की शादी में भले ही मिठाई की जगह पॉपकॉर्न खा लेना पर दहेज़ के बारे में सोचना भी मत और सोचो तो सोच लेना आगे आप की जिंदगी है और उसके आगे court है, वकील है, पुलिस है और 498 है तो कर लीजियेगा इसको भी test और नहीं, तो मत लीजिये दहेज़ और लाइफ को बनाइये . दहेज प्रथा पर निबंध | Dowry System Essay in Hindi Read – पत्नी पर निबंध – बीवी चुड़ैल क्यों ?

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Dowry System Essay in Hindi
दहेज प्रथा पर निबंध

दहेज से वाकई रिश्तों में एक भयावह तस्वीर उभरी है। शादी शुदा जीवन ख़राब हो रहा है। शादी जल्द ही टूट रही है। तलाक के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। और इन सबका कारण कहीं बार होता है दहेज़। दहेज प्रथा पर निबंध | Dowry System Essay in Hindi

अभी हाल ही में अहमदाबाद की एक आयशा का मामला जब सामने आया तो उसने तो पूरे देश को हिला दिया। जिस तरह पानी में कूदकर उसने अपनी जान दी। वह वाकई बहुत दर्दनाक था। जिस तरह उसने हँसते हुए अपना वीडियो बनाया और अंतिम समय में भी अपने पति को याद किया यह वाकई बड़ा ही हिला देने वाला वीडियो था। Dowry System Essay in Hindi | दहेज़ पर निबंध

दहेज उत्पीड़न समाज से ख़त्म होना चाहिए। यह मासूम जिंदगियां छीन रहा है। लड़कियों केवल तलाक़ ही नहीं मिल रहा कहीं बार तो उन्हें आत्महत्या तक करनी पड़ रही है। आज की पीढ़ी को दहेज का विरोध करना होगा। दहेज प्रथा पर निबंध | Dowry System Essay in Hindi

दहेज प्रथा पर आधारित यह हास्य निबंध आपको कैसा लगा? संभव हो सके तो कमेंट के माध्यम से हमें बताये।

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