गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए : 9 Guru Purnima ke Tips Upay

गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए : 9 Guru Purnima ke Tips Upay – यहाँ गुरु पूर्णिमा के अवसर कुछ विशेष लाभकारी टिप्स दिए गए हैं। जिन्हे अपनाकर आप जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं व बाधाओं को दूर कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए

गुरु पूर्णिमा का पर्व बहुत बड़ा पर्व है। यह पर्व है ज्ञान का। यह पर्व है अपना भाग्य बदलने का। यह पर्व है गुरु की महिमा को सम्मान देने का। यह दिन पूरे भारत वर्ष में एक अनोखे तरीके से मनाया जाता है। इस पर्व से हम समझ सकते हैं। कि भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्व कितना है।

गुरु की महिमा संत कबीर जी बखान करते हुए कहते हैं –
“यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
सीस दिए जो गुरु मिले तो भी सस्ता जान।।”

कबीर दास जी इस प्रकार गुरु जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहते हैं। कि हमारा यह शरीर विष अर्थात जहर की बेल है और गुरु अमृत की खान है जिसके शरण में आकर हम ज्ञानवान बनते हैं। अतः अपना सिर देकर भी यदि तुमको कोई अच्छा गुरु मिल रहा है तो यह एक सस्ता सौदा है इस प्रकार से तुमको समझना चाहिए।

और कबीर जी की बात सौ आने सच भी है। बिना ज्ञान के हमारा जीवन निरर्थक हो जायेगा। गुरु ही वह माध्यम है जिसके माध्यम से हम ज्ञान प्राप्त करते है और अपने जीवन का कोई उद्देश्य निर्धारित करते हैं।

Guru Purnima ke Upay

गुरु पूर्णिमा का यह पर्व आषाढ़ माह की पूनम को मनाया जाता है। यह चारों वेदों के व्याख्याता वेदव्यास जी के बर्थडे के दिन आता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से गुरु की पूजा करता है उसके भाग्य में परिवर्तन आता है यह भागयोदय का दिन भी माना जाता है।

वेदों में लिखा है –
गुर्रु ब्रह्माः गुर्रु विष्णुः गुर्रु देवो महेश्वरः।
गुर्रु साक्षात् परमब्रह्मः तस्मै श्री गुरवैः नमः।।

गुरु ब्रह्मा विष्णु और भगवान महेश अर्थात शिव के समान है। गुरु स्वयं में साक्षात् परम पिता होता है। अतः मैं उस गुरु को बारम्बार प्रणाम करता हूँ।

Guru Purnima ke Tips | गुरु पूर्णिमा पर क्या करें

तो गुरु की महिमा चहुओर फैली है। बिना गुरु के ज्ञान की कोई कल्पना नहीं की जा सकती है। गुरु पूर्णिमा के दिन यदि आप कुछ विशेष देवी देवताओं की पूजा करते हैं। तो वह भी बड़ी फलकारी होती है। साथ ही इस दिन किया गया दान धर्म भी आपकी बाधाओं को दूर करता है।

1 व्यवसाय में तरक्की नहीं होने पर –

यदि आप को किसी व्यवसाय व रोजगार में सफलता नहीं मिल रही है और आप को निराशाओं का सामना करना पड़ रहा है। तो यह माना जाता है कि यदि गुरु पूर्णिमा के दिन यदि हम पीले कपड़े, पीले अन्न जैसे दाल, पीली मिठाई, गुड़ इत्यादि का दान करते हैं तो यह हमारे रुके हुई तरक्की में सहायक होता है।

2 विद्यार्थी जीवन में सफलता के लिए –

विद्यार्थियों के लिए गुरु पूर्णिमा बड़ी विशेष महत्व रखती है। इस विद्यार्थियों को भगवद गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। साथ ही गाय माता की सेवा वे यदि करते हैं। तो यह भी बड़ा ही लाभदायक और शुभ होगा।

3 गुरुदोष होने पर –

यदि किसी के भाग्य में गुरुदोष चल रहा है तो वह भी इस दिन दूर हो सकता है। यदि आप इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करते हैं। और भगवन बृहस्पति की पूजा करते हुए उनके मंत्र का उच्चारण करते हैं।

4 बिगड़े कार्य बनाने हेतु –

यदि आपको अपने बिगड़े हुए कार्य बनाने है। और आप इसके लिए निरंतर प्रयासरत है तो आप इस दिन भगवान हरी की पूजा अवश्य करें साथ ही गाय माता के घी का दीपक अवश्य जलाएं।

गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए

इनके साथ ही यदि आप भगवान् सूर्य देव को जल का अर्घ देने की शुरुआत करना चाहते हैं। तो आप के लिए यह दिन सबसे अच्छा है। आप इस दिन इस शुभ कार्य की शुरुआत करें।

शौच इत्यादि से निवृत होकर आप व्यास पीठ का निर्माण करें। 12-12 रेखाएं आप एक स्थान पर एक दूसरे को काटती हुई बनाकर व्यास पीठ बनायें।

Guru Punrima ke Upay

तथा गुरु परम्परा के अनुसार व्यास जी की पूजा करें। व्यास जी के अतिरिक्त आप ब्रह्मा जी, गोविन्द स्वामी जी, व शंकराचार्य जी का भी ध्यान करें। गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए : 9 Guru Purnima ke Tips Upay

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तो यहाँ इस प्रकार की गुरु पूर्णिमा के दिन के विशेष उपाय बताये गए हैं। जिन्हे आप अपने जीवन में अपनाकर एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। सकारात्मक परिवर्तन ही हमारे जीवन को उन्नति की ओर लेकर जायेगा। गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए : 9 Guru Purnima ke Tips Upay

गुरु का जीवन हमेशा अपने शिष्य के लिए समर्पित रहता है। गुरु और शिष्य आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए है। बिना शिष्य के भी गुरु की कोई पहचान नहीं है। गुरु की क़ाबलियत उसके शिष्य से ही पता लगती है।

जैसे हमने महाभारत में एक महान गुरु – गुरु द्रोणाचार्य के बारे में सुना है। द्रोणाचार्य की इतनी महान पहचान का कारण उनका शिष्य अर्जुन है। ठीक उसी प्रकार परशुराम की महानता के उदहारण उनके शिष्य पितामह भीष्म, द्रोणाचार्य व कर्ण है। Guru Purnima ke Tips | गुरु पूर्णिमा पर क्या करें

आधुनिक जीवन में गुरु व शिष्य का नाता वैसा नहीं रहा है। जैसा कि पहले हुआ करता था। गुरु पहले अपने शिष्य को भरपूर ज्ञान देता था वहीँ शिष्य भी अपने गुरु को पूर्ण सम्मान करता था और बड़ा ही आज्ञाकारी वह होता था। गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए : 9 Guru Purnima ke Tips Upay

इस प्रकार यदि हम देखें तो गुरु की महिमा अनंतकाल से चली आ रही है। बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त किया ही नहीं जा सकता है और यदि कोई ज्ञान प्राप्त कर भी ले तो वह एक प्रकार से अधूरा ज्ञान ही होगा। अधूरा ज्ञान अपने आप खतरनाक चीज है। अतः यह जरूरी है कि हम सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करें। और सम्पूर्ण ज्ञान के लिए हमें एक योग्य गुरु की आवश्यकता जरूर होती है।

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