हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता : 4 Hindi Bhasha Kavita

हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस 4 बेहतरीन कविता | Hindi Language Kavita – यहाँ हिंदी भाषा पर 4 बेहतरीन कविताएं प्रस्तुत है – हिन्द की पहचान हिन्दी, हिंदी को बिंदी, हिंदी को नमन, मेरी माँ हिन्दी.

हिंदी भाषा पर कविताएं

हिन्द की पहचान हिन्दी

दिया हिंदी ने हमको गौरव
बनकर हिन्द की पहचान
लेकिन आज भी हिंदी को
हमने भाषा माना आम

आम की तरह पीया हिंदी रस
कि अपनी बुलंद आवाज
लेकिन ना पहना सके
हम हिंदी को उसका ताज

आज भी यह राज भाषा
कैसी यह हिंद से आशा
कहो राष्ट्रभाषा तो हो तमाशा
राजनीति से मिली बस हताशा

हर 5 वां धरती का प्राणी
हिंदी पढ़ना लिखना जाने
20 फीसदी दुनिया देखो
हिंदी के ही गुनगुनाये तराने

गूगल हिंदी को अपनाये
सोशल मीडिया भी इठलाये
अनुमान 2021 में इंटरनेट भी
सर्वाधिक हिंदी भाषी यूजर पाये

हो अरबी उर्दू फ़ारसी
या फिर अंग्रेजों की अंग्रेजी
हिंदी ने दिल खोलकर
तन मन से अपनाया जी

राष्ट्रभाषा बिन गूंगा देश
देख आओ भले देश परदेस
फिर क्यों हिंदी को ले क्लेश
जब कि यह तो है अतिविशेष

विविध भाषाओं की यह माता
हर भाषा को अपनाना आता
हे बोली बोली से इसका नाता
बनी यह भारत भाग्य विधाता

फिर भी मौन हिंदी का मान
और देश बनना चाहे महान
कैसा देशवासियों यह अज्ञान
इसकी पहचान तो हमारी शान

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Hindi Bhasha Kavita

हिंदी जो कि तक़रीबन 77% भारतियों द्वारा बोली जाती है। लगभग दुनिया की 20 फीसदी आबादी हिंदी पढ़ना लिखना जानती है। या यूँ कहे दुनिया का हर 5 वां प्राणी हिंदी भाषा का ज्ञान रखता है। फिर भी भारत जहाँ के लोग हिंदी में पले बड़े हैं। आज भी हिंदी को वो सम्मान ना दिला सके। जिसकी वो अधिकारी है। आज भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है। Watch in Youtube – Dosti Par Kavita

हिन्दी दिवस कविता

हिंदी दिवस मना रहे – हिंदी को बिंदी लगा रहे

आजादी के बाद से ही हम हिंदी दिवस मना रहे।
हर साल करके गुणगान हिंदी को बिंदी लगा रहे।।

हिंदी की बिंदी तो भारत माँ के भाल का अभिमान।
प्रेम से सींचे पर नहीं राष्ट्रभाषा का इसको सम्मान।।

सम्मान के साथ जबकि हिंदी सींचे हमारे संस्कार।
फिर भी ना दे पाए हमको उसको उसका अधिकार।।

अधिकार तो अंग्रेजी ले गई हम से छीन।
हम तो हिंदी गाने देखते हुए बजाते रहे बीन।।

बीन की जगह जबकि हिंदी विश्व में अपना डंका बजवाये।
ज्ञानी 2021 से इंटरनेट पर हिंदी भाषा का ही राज बताये।।

राज हिंदी का छोड़ देगी संख्या में अंग्रेजी यूजर्स को भी पीछे।
आखिर हिंदी है इतनी प्यारी रह सकती है कैसे और से नीचे।।

नीचे से ऊपर जाये जो हो अपने आप में विनीत।
सुन लो सारी भाषा ना मिलेगी हिंदी से ज्यादा प्रीत।।

प्रीत की यह भाषा फिर भी हम रखे क्यों है दूरी।
क्या अंग्रेजीपन की गुलामी ने ला दी है मजबूरी।।

मजबूरी नहीं हिंदी राष्ट्र का है ज्ञान संसार।
हिन्द के लेखन ने बोया इसमें अपना प्यार।।

प्यार हिंदी के हर वर्ण में भोले भालेपन के संग।
मिल जाते इसमें दुनिया की हर भाषा के रंग।।

फिर इस रंग को क्यों ना दे राष्ट्रभाषा का मान।
ताकि बढे हमारे हिंदुस्तानी होने का स्वाभिमान।।

हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता | Hindi Bhasha Par Kavitayen

हिंदी भाषा पर कविताएं

हिंदी में सभी भाषाओं के रंग देखने को हमें मिल जाते हैं। हिंदी कई भाषाओँ की जननी भी है। साथ हिंदी ऐसी भाषा है अन्य भाषा को अपने अंदर स्थान भी देती है। फिर भी आज हम हिंदी को वो मान नहीं दे पाए हैं। Watch in Youtube – Jindagi Par Kavita

हिंदी भाषा पर कविता

हिंदी को नमन

हिंदी है मेरी जुबान
हिंदी है मेरी पहचान
हिंदी है मेरा अभिमान
हिंदी है मेरा सम्मान

मेरी वाणी को दिया प्राण
दूर किया मेरा अज्ञान
आई समझ कर इसका पान
इसके ज्ञान दान से विद्वान

यह भारतीय काव्य सुगन्ध
इसके रस रस में परमानंद
सींचे प्रेम से मुक्तक छन्द
दूर कर मन की दुर्गन्ध

हैं बड़े धनी इसके संस्कार
भरपूर समाया इसमें प्यार
देखा मैंने इसमें संसार
यह बनी मेरा जीवन आधार

हिंदी को है अर्पण जीवन
रची बसी यह मेरे तन मन
सींचे जवानी सींचा बचपन
हिंदी को कोटि कोटि नमन

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हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता | Hindi Bhasha Par Kavitayen

हिन्दी दिवस कविता

हिंदी भाषा देश का गौरव है। हिंदी का उदगम देवभाषा संस्कृत से माना जाता है। हिंदी समय के अनुसार परिवर्तन शील रही है। इसमें समय समय पर कहीं देशी विदेशी शब्द शामिल होते चले गए। और हिंदी को समृद्ध किया। हिंदी एक ऐसी भाषा है। जिसमें कहीं बोलियों और भाषाओं की झलक देखने को मिलती है। यही नहीं हिंदी स्वयं में कहीं भाषाओ की जननी रही है। हिंदी का साहित्य बड़ा अनुपम और समृद्ध व रसीला है। Watch in Youtube – Yoga Par Kavita

Hindi Bhasha Par Kavita

मेरी माँ हिन्दी

हिंदी मेरी लिए माँ समान।
अब और नहीं सह सकते
हम इसका अपमान

इसने उंगली पकड़ के मेरी
पकड़ाया मुझको ज्ञान चिराग
भर भर के प्रीत को मुझ में
डाले मुझ में सुगन्धित पराग

ताकि मैं इसकी सुगंध से
महकाऊँ सारा जहान
जो दी इसने मुझको पहचान
बदले में दिलाऊं इसको मान

लेकिन मैं अकेला नहीं
मेरे साथ तो मेला है
मेरे जैसे अनेक हिंदुस्तानी
हिंदी की गोदी में खेला है

वो भी मांगे हिंदी अधिकार
हे हिंद की यह पुकार
यह मां हमारी सो करें पुकार
ना करो और अब अत्याचार

हर हिंदीभाषी हिंदी बोले
देश दुनिया के राज खोले

हिंदी बोले फ़िल्मी सितारे
हिंदी में करे साक्षात्कार
हिंदी में बोले क्रिकेटर
हिंदी बने उनकी पुकार

हिंदी में दे नेता भाषण
हिंदी में मिले सर्वोच्च न्याय
हिंदी में ही चले प्रशासन
हिंदी में जग अपना समाय

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Hindi Bhasha Par Kavita

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हिंदी साहित्य ने तो हिंदी को बढ़ावा दिया ही है। लेकिन आज के सोशल मीडिया में भी हिंदी भाषा को बढ़ावा मिला है। यहाँ पर हिंदी भाषीयों का बोलबाला निरंतर बढ़ता जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि 2021 में हिंदी यूज़र्स के इंटरनेट सर्वाधिक हो जायेंगे। 20 करोड़ से अधिक हिन्दी यूज़र्स के साथ विश्व में हिंदी टॉप पर पहुँच जाएगी। जानिए – प्यार क्या होता है।

हिंदी भाषा पर कविताएं 2020

हिंदी विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। तथा विश्व का हर 5 व्यक्ति हिंदी पढ़ना लिखना व बोलना जानता है। इस प्रकार हम समझ सकते हैं। कि हिंदी का महत्व विश्व में कितना है। हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता | Hindi Bhasha Kavita | हिंदी भाषा पर कविता | Hindi Bhasha Par Kavita | Hindi Diwas Kavita Visit – Hindi Funny Shayari List

किन्तु अफ़सोस यह है। कि हिंदी की कीमत भले ही सारा विश्व जानता हो। लेकिन भारत में 77% लोग हिंदी बोलने के बावजूद हम हिंदी को राष्ट्र भाषा का सम्मान नहीं दिला पाए हैं। हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता | Hindi Bhasha Kavita | हिंदी भाषा पर कविता | Hindi Bhasha Par Kavita | Hindi Diwas Kavita Visit – हिंदी फनी कविता सूचि

हिंदी भाषा पर कविताएं

हिंदी भाषा हमारे राष्ट्र का आज गौरव है। इसका कारण स्वयं हिंदी है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो सभी भाषाओँ को साथ लेकर चलती है। एक ऐसी लैंग्वेज है जिसमें आप को सभी भारतीय भाषाओँ की झलक देखने को मिलती है। अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी जैसी अनेक भाषाओँ के शब्द इस भाषा में देखने को मिल जाते हैं। हिंदी बोलने वाले को पता ही नहीं होता कि कहाँ उसकी भाषा परिवर्तित हो गई। Read – डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जीवनी

हिंदी दिवस के अवसर पर तो हमारा यह दायित्व अवशय बनता है। कि हम हिंदी को अग्रसर बनाने के लिए क्या प्रयास कर सकते हैं। इस बारे में अवश्य सोचें। क्योंकि हिंदी वह भाषा है जो हमें अपने आप से जोड़ती है। हिंदी वह भाषा है जिसने हमारे भारतीय संस्कारों को पिहरोया है। हिंदी हमारी शान है। हमारे गौरव का प्रतीक है। Read – Hindi Funny Trending Quotes

ऐसा माना जाता है कि हिंदी का जन्म देव भाषा संस्कृत से हुआ है। किन्तु हिंदी को यदि हम देखें तो हिंदी में हमें सभी प्रकार की भाषाओँ को समावेश मिल जाता है। इसलिए हिंदी का शब्द भण्डार निरंतर बढ़ता जा रहा है। Read – Majedar Hindi Paheliyan

हिंदी की निरंतर उन्नति को कारण रही है कि हिंदी ने सरलीकरण को अपनाया है। किन्हीं विशेष नियमों से यह चिपकी नहीं रही है। क्योंकि जो जड़ रहते हैं वह अपना विकास नहीं कर पाते हैं। यह समय और कालखंड के अनुसार परिवर्तित हुई है। Read – Hindi Comedy Stories

इसका सबसे बड़ा कारण कुछ दक्षिणी राज्यों का राजनीतिक विरोध है। जो नहीं चाहते कि हिंदी को राष्ट्र भाषा का सम्मान मिले।निरंतर राजनितिक विरोध व नेताओं की अनदेखी के कारण ही हिंदी भाषा पिछड़ रही है। किन्तु आज की कंप्यूटर व मोबाइल क्रांति ने इसमें एक बड़ा परिवर्तन ला दिया है। Visit – Hindi Funny Articles List

लेकिन कितना भी विरोध हो। हिंदी भाषा ने निरंतर अपना अस्तित्व मजबूत किया है। इसने पूरे देश को सूत्र में फिहरोया है। हिंदी ने सभी प्रकार की आलोचनाओं को सहन करते हुए अपना महत्व सभी देशवासियों को निरंतर दिखलाया है। और यह बताया है कि कोई भी भाषा इस भाषा की बराबरी नहीं कर सकती है। Read – Hindi Latest & Trending Jokes

देश को आज गर्व है कि वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मान नरेंद्र मोदी हिंदी के मान को बढ़ाने में निरंतर प्रयासरत है। वह विदेशी मंचों पर अपना भाषण अधिकांशतः हिंदी में ही देते हैं। जबकि वह भली प्रकार से अंग्रेजी बोलना जानते हैं। किन्तु देश की एक विशेष पहचान के लिए यह जरूरी है। हमारी कोई एक भाषा ऐसी हो जो सभी भाषाओं में सर्वोपरि हो।Read – Hindi Funny Status

हिंदी तो इतनी प्यारी और सर्वव्यापी भाषा है। कि भारत के पडोसी देशों में जैसे पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश में हिंदी का प्रचलन है। यही नहीं हिंदुस्तान में जो पर्यटक आते हैं वे भी स्वैच्छा से भारतीय अभिवादन के शब्द तो यहाँ सीखते ही है। विशेष रूप से नमस्ते बोलते हुए हमें विदेशी पर्यटक आसानी मिल जायेंगे। Read – History of Hindi Language

अतः आज हमें जरूरत है। कि हम हिंदी को और मजबूत बनाये। हम हिंदी के सपूत हैं। हम ही यह काम नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा। हिंदी भाषा पर कविताएं | हिन्दी दिवस कविता | Hindi Bhasha Kavita | हिंदी भाषा पर कविता | Hindi Bhasha Par Kavita | Hindi Diwas Kavita Go to – Home Page Maskaree

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