आजादी पर कविता | स्वतंत्रता दिवस – 5 Freedom Kavita – यहाँ पर आपके सामने आजादी दिवस के अवसर पर 5 कविताएं प्रस्तुत है। पढ़ें – आजादी के दिवस का प्रणाम, लालजी का स्वतंत्रता दिवस, तिरंगे की शान में जिन्दा हिन्दुस्तान, आजाद रहेंगे, आजादी का मजा।
आजादी पर कविता
आजादी के दिवस का प्रणाम
आजादी के दिवस का आप सभी को प्रणाम।
आज-आज रखेंगे याद कल भुलने का काम।।
भूलने का काम कौन रखे याद इतने शहीदों के नाम।
म्यूजियम और इंडिया गेट पर शोभा देते ये महान।।
महान तो अब भ्रष्टाचार और देश में बढ़ती बेरोजगारी।
शहीदों को तो बताना पड़ेगा किस ढंग से उठायी जिम्मेदारी।।
उठायी जिम्मेदारी देश को बढ़ाया आगे।
कहीं सारे मुद्दों पर हम आज तक ना जागे।।
ना जागे ना सोये दिखे हमेशा खोये-खोये।
जब भी घटती दुर्घटना तमाशा बनाकर रोये।।
सच तमाशा ही बना दी देश की हमने आजादी।
समझ ना देख के रोता या हँसता होगा गुजरा हुआ गाँधी।।
गाँधी गंगा गीता के दर्शन पर चलना किया था शुरू।
लेकिन अब बची नहीं इन तीनो की देश में आबरू।।
आबरू तो अब यहाँ बाजार में मिलती है दाम से।
दिनभर में कितनी लूटी टीवी वाले सुनाते धूम-धाम से।
तो धूम-धाम से मनाइये स्वतंत्रता दिवस।
सोच लेना कुछ बुराइयों से आजादी के बारे में बस।
——- Lokesh Indoura
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Independence Day Poem in Hindi
लाल जी का स्वतंत्रता दिवस
जैसे ही स्वतंत्रता दिवस
का दिन आया।
लाल जी का दिल गर्व से
भर आया।
तब ही पीछे से आवाज आयी
अजी सुनते हो
यूँ टीवी में क्या देखते हो।
लाल जी बोले प्रिय
देख रहा हूँ आजादी।
बीवी झल्लायी
बंद करो बकवास
हो गयी है शादी
चलो जाओ सब्जी लेकर आओ
बनाकर खाओ और खिलाओ
लाल जी चौंके
बोले प्राण-प्यारी
ऐसा क्या हो गया आज।
प्यारी बोली आजादी दिवस
आजादी का जश्न मनाएंगे
आप बनाएंगे हम खाएंगे
तो लाल जी बोले मेरे जश्न का क्या
बीवी बोली लो कर लो बात
ये तो फेरे के साथ ही हो गया स्वाहा
इसे ही तो कहते हैं विवाह
लाल जी बोले किन्तु प्रिय
विवाह में तो होती है
अपनी-अपनी जिम्मेदारी
ये तो तुम कर रही हो गद्दारी
आज जब पूरा देश आजादी
की साँसे ले रहा है
और तुम साँसे फुला रही हो।
बीवी बोली शट-अप
बंद करो बक-बक
सीधी सीधी बात सुनो
बेकार में गुलाम मत बनो।
पत्नी की सेवा को
पति का धर्म कहते हैं।
मानवता के नाते
कर्म कहते हैं।
गृहस्थ जीवन के अनुसार
प्रेम कहते हैं।
और तुम्हारे जैसे कामचोर पति
इसे भ्रम कहते हैं।
कहाँ गया तुम्हारा ज्ञान
पत्नी पाकर भी रह गए अज्ञान
शादीशुदा हो या नादान
अगर शादी होती गुलामी
तो पति भी देता पत्नी को
राष्ट्रपति के समान
21 तोपों की सलामी
अब लाल जी के नेत्र
आजादी का वास्तविक
अर्थ जान गए थे।
कोई नहीं इस जहाँ में
आजाद यह मान चुके थे।
आजादी सिर्फ एक अफवाह है।
मत मनाओ जश्न
जिसने भी किया विवाह है।
—– Lokesh Indoura
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आजादी पर कविता
तिरंगे की शान में जिन्दा हिन्दुस्तान
है तिरंगे की शान में
भारत की पहचान
जब तक है आजाद हम
जिन्दा है अभिमान
जिन्दा हिन्दुस्तान
कोई भेद ना हो तन का तन से
कोई खेद ना हो मन का मन से
मिले हर चेहरे को खुशियां
चहक उठे हर घर मुस्कान
कोई ना रहे यहाँ गरीब
सभी रहें दिल के करीब
ना देख जात ना ही मजहब
देख तु बस उसका ईमान
किसी कहने में ना आ
सबका है यह हिन्दुस्तां
तेरा प्यार जितना फलेगा
जितना देगा तु सम्मान
ध्यान रख तु भारतवासी
आजादी है सौहार्द निवासी
जिस दिन भूलेगा तू इसको
खो जाएगा आजादी नाम
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कविता – आजाद रहेंगे
आजाद हैं आजाद है आजाद रहेंगे
देश की खातिर, हर मुश्किल सहेंगे
चाहे आये आंधियां
तूफ़ान रोके रस्ता
होगा यह तन कुर्बान
देखो हँसता हँसता
जो मिली हमें पूर्वजों से, ढाल उसकी बनेगे
देश की खातिर ………………………..
जय होगा किसान
ले विजयी मुस्कान
देखो विज्ञानं पल पल
देगा ऊँची पहचान
संघर्ष से सब छीनकर, इतिहास रचेंगे।
देश के खातिर ………………………
जोश हमारा हिमालय
ना भेद सके जिसे प्रलय
है बंद मुट्ठी में भविष्य
नहीं हमको कोई संशय
विश्वास के आधार से, विजय हम करेंगे।
देश की खातिर ……………………….
——- Lokesh Indoura
Read – Student Par Kavita
Freedom Kavita
आजादी का अपना
एक अलग ही मजा है।
पूछ के देखो उससे
जो शादी-शुदा है।
कितना दर्द और गम
तन मन में छिपायें।
आजादी का महत्व
अवश्य समझाए।
तो आजादी का कोई पल
ना जाये बेकार।
देश अब आजाद है
लेकिन बाकी है कहीं उपचार।।
पढ़ें – जन्मदिन की बधाई शायरी
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Freedom Kavita | स्वतंत्रता दिवस कविता
आजादी से जिंदगी जीना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है और अधिकार भी। आजादी का दायरा काफी बड़ा है। आजादी का अर्थ यह नहीं कि आप कैद थे और स्वतंत्र है।
या आप किसी के अधीन थे और अब अपने अधीन है। आजादी का स्तर और दायरा काफी बड़ा है। Independence day Poetry in Hindi पढ़े – बेरोजगारी कविता (हास्य व्यंग्य)
स्वतंत्रता दिवस कविता
पढ़े – कविता नेताओं का विकास (हास्य व्यंग्य)
माना कि आज हम स्वतंत्र है। हम अपने निर्णय स्वयं ले सकते है। अपना भला-बुरा स्वयं सोच सकते हैं। लेकिन आज भी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से कहीं क्षेत्रों में आजादी की आज भी जरूरत है। Freedom Kavita | स्वतंत्रता दिवस कविता
Read – Hindi Funny Shayari
आज भी देश को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी, असमानता से आजादी की आज भी आवश्यकता है। आज भी समाज में घूंघट प्रथा, दहेज प्रथा, मृत्य भोज जैसी कुप्रथाएं विद्यमान है।
सच में तो हम आज तक आजाद नहीं हो पाए। हमें जरूरत है कि हम अंधविश्वासी, रूढ़िवादी, परम्परावादी व जातिवादी विचारधारा से बाहर निकलें। आजादी पर कविता | Independence day Poem in Hindi Read – Hindi Funny Articles
ऐसा तब ही हो पायेगा जब हम सकारात्मक चिंतन करेंगे। ऐसा चिंतन जो धार्मिक, परम्परावादी, जातिवादी भावना से प्रेरित ना हो। जिसमें मानवता हो और सौहार्दपूर्ण विचारधारा हो। आजादी पर कविता | Independence day Poem in Hindi Read – Hindi Funny Status
Read – Hindi Funny Story
कुछ लोग विचारों से कुंए के मेंढक बन जाते है। वो अपनी एक सीमित विचारधारा से बाहर नहीं निकल पाते हैं। वो रूढ़िवादी और परम्परावादी विचारों से पूर्वाग्रसित होते हैं। Independence Day Poetry in Hindi
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