भारतीय पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – यहाँ प्रस्तुत कवितायेँ भारतीय पुलिस के चाल – चलन पर एक प्रकार का हास्य व्यंग्य है। किसी को आहत करने का उद्देश्य नहीं। यह रचना सिर्फ कानून व्यवस्था के प्रथम अंग की विसंगतियों को लेकर है। Lets Enjoy – Indian Police Funny Poem Hindi
पुलिस पर कविता
लाठी वाली पुलिस
हाथों में थाम के लाठी, टोपी पहन के सिर पे।
आ गई देश की पुलिस, देखो गाज गिरे है किस पे।
गाज गिरेगी उस पर जो होगा बहुत आम।
साथ ही चरणों में गिर पड़ेगी जिसका होगा नाम।।
जिसका होता नाम पुलिस बन जाती उसकी।
गुमनाम के पास हो पैसा तो सुन ले उसकी भी सिस्की।।
सिस्की, सुरक्षा और अपराध हेतु पुलिस होती।
खुद के स्वार्थ पे जगाती, जनता की जरूरत पे सोती।।
सोती पुलिस हुई को साधारण राम जगाने था गया।
कुम्भकरण की इस बहन से नाक कटवा के आ गया।।
आया और चिल्लाया बचाओ पुलिस से भगवान।
गलती से मैं समझ बैठा पुलिस के अंदर है इंसान।।
पुलिस में इंसान की बात सुनकर भगवान जोर से हँसा।
इस इंसानी राम की मूर्खता पर अच्छे से दो थप्पड़ जड़ा।।
दो थप्पड़ जड़कर पुचकारा फिर प्यार से।
बोला देशभक्त नागरिक बनो, मत डरो अत्याचार से।
अत्याचार से बचने के हेतु धन या नाम कमाओ।
लगे फिर हो रहा अन्याय तो न्याय का दाम बढ़ाओ।।
बढ़ता दाम सुनकर पुलिस के अंदर इंसान दिखेगा।
और रख दिया दाम पूरा सच में इन्साफ भी मिलेगा।।
दिखेगा इन्साफ भारतीय पुलिस सच्ची अच्छी नजर आएगी।
यदि पुलिस को बुरा कहा तो उसकी ही नजर लग जाएगी।।
——- Lokesh Indoura
पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi
Police Poem in Hindi
पुलिस है हिंदुस्तान की
बचके रहना बाबू
यह पुलिस है भारत की।
हो जाती बेकाबू
जो भूल से भूल कर दी।
सुरक्षा करती ऐसी
रख न्याय का डंडा हाथ में।
कि निर्दोष को भी बिताने पड़े
कुछ दिन तो हवालात में।।
तरीका इसका सीधा
बस लेती थोड़ा पैसा।
फिर सुनती है सबकी
मामला हो फिर कैसा।।
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जटिल से जटिल केस
चुटकी में कर दे हल।
पीड़ित को बताके अपराधी
कानून को बनाती सफल।।
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तो बोलो जय पुलिस की
बोलो इनके ईमान की।
डरने की कोई बात नहीं
यह पुलिस है हिंदुस्तान की।
—— Lokesh Indoura
पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi
भारतीय पुलिस पर कविता
वर्दी का रॉब
वर्दी का देख रॉब
अपराधी खाया खौफ
बोला हवालदार जी
अब नहीं काटूंगा जेब
हवलदार जी बोले
तो ठीक पहले
करवाके जा तेरी जेब चेक
कहकर हवलदार जी ने
जेबकतरे की जेब को किया साफ
बोले चल जा किया तुझे माफ़
दुबारा तेरी शक्ल ना दिखाना
दिखाए तो माल थोड़ा ज्यादा चुराना
जेबकतरे ने हाथ जोड़कर किया वादा
बोला जनाब चिंता ना करें
अब लूट का माल होगा आधा आधा
हवलदार ने सुनते ही
अपनी बतीसी दिखाई
बोले यूँ नहीं दुनिया कहती
चोर पुलिस हैं भाई भाई
—– Lokesh Indoura
पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi
Police Par Kavita
आज जो पुलिस की देश में स्तिथि है। वह वाकई किसी भी प्रकार से न्यायप्रिय नहीं है। माना पुलिस कहीं तरह तरह की विसंगतियों से घिरी है। किन्तु पुलिस के अंदर एक इंसान होता है। जिसका एक ईमान होता है। पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi
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लेकिन इस देश में पुलिस से न्याय की चाह रखना बड़ा ही बेईमानी सा हो गया है। पुलिस जिस तरह से रसूखदारों के तलवे चाटती है। वह बड़ा ही दुखद है। पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi | Police Par Kavita Law and Rights of Indian
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किसी भी देश की जो पहली न्याय की धुरी है।वह पुलिस होती है। भारत में भी है पर अक्सर सोती है। जगती है सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतु। कानून का पाठ सिखाने वाले जिस तरह कानून का उल्लंघन करते है। वह नजारा सम्पूर्ण भारतवासी जानते हैं। पुलिस पर कविता (हास्य व्यंग्य) – 3 Indian Police Funny Poem Hindi | Police Par Kavita Read – Hindi Funny Status
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पुलिस वैसे तो देश का गौरव होती है। किन्तु भारतीय पुलिस जिस तरह से कर्तव्यहीनता का प्रदर्शन करती है। वह वाकई पूरे देश को शर्मिंदा कर देता है। यहां खुले आम पुलिस वाले आपको नशे में इधर उधर भटकते हुए मिल जायेंगे। Read – Hindi Funny Quotes