Kisan Par Kavita : 2 बेस्ट किसान पर कविता – यहाँ पर किसान पर 2 बेहतरीन कविता प्रस्तुत है – 1. अन्नदाता – किसान 2. भारत की शान – किसान
Kisan Par Kavita | किसान कविता
अन्नदाता – किसान
चीर कर धरती का सीना पैदा कर अन्न धान।
वो फ़टे कपड़ों में लिपटा नाम पड़ा किसान।।
किसान इस देश की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत किला।
पर राजनीति की तोपों ने दिया इस किले को हिला।।
हिल जाता किसान जब निकलें ढेरों योजना इसके नाम।
किसानी छोड़ करना पड़े योजना का लाभ उठाने का काम।।
काम में आराम रत्तीभर, कर्ज गया निरंतर बढ़ता।
ओले, सूखे, बारिश ने बनाया किसान का भुरता।।
भुरता बन जाता जब किसान और उसका पारिवारिक जीवन।
करके वह आत्मदाह करे सरकार को भेंट स्वरुप अर्पण।।
अर्पण रहा खेती करने को सो सदा रहा लाचार।
सरकार नीतियाँ बनाके बोले सुनाओ शुभ समाचार।।
समाचार रहा रोको आत्महत्या या करो जी कर्जमाफी।
लगे किसान की खुशहाली हेतु यह दोनों ही काफी।।
काफी नहीं मिला किसान को अपनी फसल का दाम।
इसी कशमकश में धरना और लो जी हुआ बदनाम।।
बदनाम करे जी शहरी क्योंकि किया जी सड़क जाम।
किसान जो रीड की हड्डी बन गया जी अब आम।
आम बना सो सब चूसे बनाके राजनितिक हथियार।
फसल नहीं अब किसान का हो रहा देश में व्यापार।।
—- Lokesh Indoura
किसान इस देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है और उसका जीवन खुशहाल होना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि किसान को उसकी फसल का अच्छा दाम मिले। और उसे उचित समय पर अपनी फसल का मुआवजा भी मिले। किसान को नई नई तकनीक का उपयोग करने व सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने को भी प्रेरित करना जरूरी है। तब इस देश की अन्नदाता की खुशहाली देख पाएंगे। किसान का जीवन बड़ा ही मुश्किल होता है और उसको संपन्न बनाने के लिए सरकारें निरंतर प्रयास कर रही है। Read – Political Funny Status in Hindi
किसान पर कविता | Kisan Kavita
भारत की शान – किसान
मैं हूँ भारत की शान
मानसून की बाट जोहता किसान
कभी मुआवजे के इन्तजार में गरीब इंसान
तो राजनीति में एक वोट बैंक का नाम
हां जी मैं हूँ एक किसान
बताते मुझे मैं हूँ अन्नदाता
पशु, खेत, फसल से मेरा नाता
सारा जहाँ मेरी मेहनत से खाता
क्योंकि मैं हूँ अन्नदाता
पर मेरा अपना रोना है
उम्मीद से उठना निराशा संग सोना है
मानसून द्वारा मेरी मेहनत को धोना है
सरकार के लिए मेरा जीवन खिलौना है
यही मेरा रोना है
हाँ मैं हूँ किसान
मेरे नाम ढेरों योजनाओं के नाम
सरकार कर रही मेरे लिए हजारों काम
चाहे दिलाना मुझे फसल के अच्छे दाम
ताकि खुशहाली में कटे मेरी सुबह शाम
बस यहीं मेरी तकदीर ख़राब है
मेरे हाल चाल में नेताओं का हिसाब है
किसान के अन्न में छिपा सरकारी लाभ है
मेरी खुशहाली एक राजनीतिक किताब है
बस यहीं सबकुछ बेहिसाब है।
मैं किसान हल जोतना पहचान
किन्तु बना हूँ सत्ता की दूकान
पार्टियां चाहे मुझ से अपनी अपनी मुस्कान
बदनाम कर मुझे कमाना चाहे अपना नाम
मैं हूँ एक आसान शिकारी इंसान
क्योंकि मैं हूँ एक किसान
—– Lokesh Indoura
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देश में किसान से ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति शायद ही कोई हो। क्योंकि किसान वह इंसान है जिसकी आबादी इस देश में सबसे ज्यादा है। और क्यों ना हो आखिरकार भारत एक कृषिप्रधान देश है। और सम्पूर्ण भारत वर्ष में किसान पाए जाते हैं। अतः किसान की खुशहाली का मतलब देश की खुशहाली कहना स्वाभाविक है। किसान देश की रीढ़ की हड्डी होता है। उसकी खुशहाली से ही देश की खुशहाली होती है। और देश इसके लिए प्रयास कर रहा है। Read – Good Night Funny Shayari
Kisan Par Kavita | Farmer Poem in Hindi
भारत के अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रकार की खेती होती है। कहीं पर मसाले अधिक है तो कहीं अन्न धान कहीं व्यापारिक फसलों की खेती अच्छी है। इसलिए देश में हर जगह किसान की हालत भी अलग अलग है। किसान कविता | Kisan Par Kavita | किसान पर कविता | Kisan Kavita Watch – Yoga Poetry Hindi in Youtube
किन्तु मानसून एक दशा है जो हर किसान को प्रभावित करती है। यानि यदि समय पर अच्छी बारिश नहीं हुई या ज्यादा बारिश हो गई तो सीधा सीधा इसका असर खेत फसल व किसान पर पड़ता है। Watch – Unemployment Shayari in Youtube
और एक बात यदि जैसे तैसे फसल अच्छे से तैयार हो गई तो किसान को चाहिए कि उसे उसका उचित दाम भी मिले। अतः इस प्रकार किसान की स्तिधि थोड़ी अलग हो जाती है। किसान कविता | Kisan Par Kavita | Read – Funny Hindi Shayari
किसान की इस स्तिथि के लिए सरकार तरह तरह के इंतज़ाम करती है। किसान की फसल बीमा योजनाएं चलायी गई है। किसान क्रेडिट कार्ड किसान को उपलब्ध करवाएं गये हैं ताकी किसान लोन ले सके।Read – Agriculture Schemes of India
इतना ही नहीं यदि किसान पर कर्जा हो जाता है। तो समय समय पर राज्य सरकारें उसको माफ़ भी करती है। ऐसा कहीं बार देखा गया है। किसान का जीवन उतना आसान नहीं होता। उसे देश के मानसून पर निर्भर रहना होता है। किसान कविता | Kisan Par Kavita | Read – New Hindi Jokes
किसान लोगों के लिए अन्न उगाता है। और उस अन्न के लिए वह कठोर मेहनत करता है। मेहनत ऐसी जो धरती का सीना चीर दे और सच में किसान धरती का सीना चीरकर ही आप लोगों के लिए अन्न उगाता है। Read – Christmas Par Shayari
आज वर्तमान में ही नहीं बल्कि सदियों से किसान सरकार और उसके रवैये से नाराज रहा है। सरकार ने जब नया विधेयक पारित किया। तो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब कहीं राज्यों में खूब धरना प्रदर्शन हुआ। किसान पर कविता | Kisan Kavita पढ़े – लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय
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मानसून के हालत देश में यह हैं कि हर साल किसी ना किसी प्रकार के किसानों को नुक्सान होता है। चाहे वह गन्ना किसान हो, चाहे धान के किसान हो। मानसून की थोड़ी से गड़बड़ी उनकी आर्थिक सेहत बिगाड़ देती है। किसान पर कविता | Kisan Kavita
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I have a big house but i eat rice
That was grow in a sand and water
Nice
आपकी किसान जीवन पर लिखी कविता कोनसे किताब में प्रकाशित है|