Krishna Par Kavita : कृष्णा पर कविता – यहाँ कान्हा पर एक से बढ़कर एक 2 बेहतरीन नई कविता (भजन/गीत) है। 1- राधे राधे में कृष्ण प्यार है 2- लगी प्रीत मेरी तुमसे
Krishna Par Kavita
कृष्ण रूप में जीवन सार है
राधे राधे में कृष्ण प्यार है
वो रास का सागर है
छलकती भक्ति गागर है
हैं मधुरता की रसधार
सुरभि रत्नाकर है
माधव भाव में होवे धर्मसार है
राधे राधे में कृष्ण ………
बांध पग घुँघुरु नाच नचैया
सब के तन मन का ग्वाला
चलाये मुरली धुन पे दुनिया
प्रेम रस अधरों वाला
रणछोड़ पकड़ में मिले मिलनसार है
राधे राधे में कृष्ण ………..
मीरा की भक्ति की पहचान
राधा के प्रेम का है नाम
है अलबेला अनोखा घनश्याम
जगत की वही सुबह और शाम
वासुदेव वदन में बसे वेदसार है
राधे राधे में ……………..
—– Lokesh Indoura
हे मोरमुकुट गिरधारी, मेरे गोविन्द गिरधारी
लगी प्रीत मेरी तुमसे, सुन जग पालनहारी
मैं थोड़ा हूँ नादान
तु है मेरा भगवान
मेरी साँसे है मेहमान
जाना कुछ दिन में शमसान
फिर भी लिपटा मोह माया से
कैसा छाया है अज्ञान
चले तेरी हुकमदारी मेरी अर्ज़ है कंसारि
लगी प्रीत मेरी तुमसे ………
हाँ थोड़ा सा भटका मन
चंचलपन में भोलापन
कभी क्रोधी कभी सज्जन
बन गया है जीवन
क्यों ऐसा अलबेला संगम
कैसे हो जीवन चन्दन
मिले जिससे तेरी पहरीदारी मेरी अर्ज़ है बांके बिहारी
लगी प्रीत मेरी तुमसे …………
मिले सबको सबसे प्यार
मेरी सोच बने संसार
तु कर हम पर उपकार
ना सुनूं मैं चीख पुकार
मैं नमन करूँ बार बार
कर दे सपना साकार
दे दे भक्ति की सवारी, मेरे कृष्ण मुरारी
लगी प्रीत मेरी तुमसे …………
—– Lokesh Indoura
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कृष्णा पर कविता | Krishna Poem in Hindi
कृष्णा भगवान नारायण का अवतार है और नारायण को हिन्दू धर्म के तहत परमपिता माना गया है। यह दुनिया कृष्ण से शुरू होती है और कृष्ण पर ही समाप्त हो जाती है। यह जीवन कृष्णमय होना जरूरी है। Krishna Par Kavita | कृष्णा पर कविता Read – Loard Shiv Poem in Hindi
भगवन वासुदेव इस संसार का पालनहार है। उसकी मर्ज़ी के बिना एक पत्ता भी इस संसार में नहीं हिलता है। सारे संसार को चलाने वाला वह बांके बिहारी ही है। वही है जो सुबह शाम इस सृष्टि को नचाता है। उसकी मुरली की धून में ही यह सारा संसार थिरक रहा है। कान्हा पर कविता | Krishna Poem in Hindi | कृष्ण पर कविता Read – Navratri Wishes in Hindi
भगवन कृष्ण के अनेक नाम है कोई उन्हें बांके बिहारी बुलाता है। कोई उन्हें मोर मुकुट कहता है। कोई उन्हें पीताम्बर कहता है। कोई गोविन्द, कोई गिरधारी, कोई कंसारि, कोई कान्हा, कोई गोपाल, कोई पीताम्बर तो कोई देवकी नंदन, यशोदा नंदन और नंदलाला बुलाता है। Read – Krishna Janmashtami Wishes in Hindi
देवकीनंदन कृष्ण के अनेक नाम है। इसकी हर माया और रूप ने इसको नाम दिए। इसने राक्षस मुर का वध किया तो इसका नाम मुरारी रखा गया। इसने कंस का वध किया इसका नाम कंसारि हुआ। Krishna Par Kavita | कृष्णा पर कविता Watch – Saraswati Vandana in Hindi
कहते हैं वृन्दावन में कृष्ण रहता है। वहां कि आबोहवा में कृष्णा का प्यार है। जब कृष्णा जन्माष्टमी आती तो कई सारे कृष्ण भक्त भगवान् कृष्णा का उपवास करते हैं। Read – Lord Ram Kavita
कृष्ण प्रेम और भक्ति मनुष्य को वैराग्य की ओर ले जाती है। कृष्ण की पूजा मनुष्य को परम शांति देती है। इसका भक्ति रास सभी भक्ति रसों से बहुत ही अलौकिक है।
भगवान् हमारे जीवन के अंतरयामी होते हैं। वह हमें समय समय पर सही राह दिखाते हैं। वही जो इस संसार को चलाते हैं। और हमारे जीवन को एक नई ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।