भारत के महान नेताओ की बात आये तो उनमें पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को नहीं भुलाया जा सकता। उनका योगदान देश के लिए अतुलनीय है। जय जवान – जय किसान का नारा देकर देश को जगाने वाले यह प्रधानमंत्री हमेशा अविस्मरणीय है।
लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय
सादगी और ईमानदारी की जो थे मूरत प्यारी
उसको याद रखे आज भी भारत की जनता सारी
भारत के दूसरे व प्रिय प्राइम मिनिस्टर श्री लाल बहादुर शास्त्री यू पी के वाराणसी जिले के छोटे से गाँव में मुगलसराय में जन्मे थे। इनके पिताजी पेशे से लिपिक होने के कारण मुंशी शारदा प्रसाद कहते थे व इनकी माता रामदुलारी थी जो की एक धार्मिक महिला थी।
लाल बहादुर शास्त्री की शादी ललिता प्रसाद से हुई थी जो की गणेशप्रसाद जी की पुत्री थी। गणेशप्रसाद जी उत्तर प्रदेश में ही मिर्जापुर के रहने वाले थे। लाल बहादुर शास्त्री जी के छ बच्चे हुए। जिनमें 2 पुत्रियां व 4 पुत्र थे। वर्तमान में हरिकृष्ण व अशोक का देहांत हो चुका था।
शास्त्री जी का बचपन का नाम नन्हे था क्योंकि वे परिवार में सबसे छोटे थे। इसलिए सभी प्यार से उनको नन्हे कहकर ही पुकारा करते थे। जब नन्हे केवल डेढ़ वर्ष के ही थे तब ही उनके पिता का देहांत हो गया और उनकी माता जी रामदुलारी अपने पीहर चली आई। जहाँ कुछ समय वह अपने नाना जी की देख रेख में पले। किन्तु कुछ दिनों बाद नाना हजारीलाल जी का भी देहांत हो गया।
जिस शास्त्री जी ने बचपन में ही जान लिए जीवन हालात
उसके इरादों को ढहा ना पाया वक्त बाद भी हवालात
इस प्रकार नन्हे जी और उनके परिवार को भयंकर गरीबी का सामना करना पड़ा। उनका पूरा परिवार दूसरे पर आश्रित हो गया। बताते हैं ऐसी स्तिथि में उनके मौसाजी ने उनका सहयोग किया। और आर्थिक मुश्किलों का सामना करने से उनका चरित्र इतना उत्तम और सादगी भरा बना। क्योंकि सोना तो तपकर ही बनता है।
शास्त्री जी की शिक्षा | Biography of Lal Bahadur Shastri
लाल बहादुर शास्त्री जी की शिक्षा उनके ननिहाल में ही हुई। कहते हैं उनको बचपन में नदी पार कर स्कूल जाना पड़ता था। ननिहाल में प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद वह हरिश्चंद्र उच्च माध्यमिक स्कूल में गए और उसके बाद काशी विद्यापीठ से डिग्रीयां प्राप्त की। उसके बाद लाला बहादुर शास्त्री जी ने अपने जाति सूचक श्री वास्तव को हमेशा के लिए हटा दिया। अपने नाम के साथ शास्त्री जी जोड़ लिया और यही नाम इनके भविष्य की पहचान बन गया।
शास्त्री का अर्थ विद्वान या किसी विषय का ज्ञाता होता है। अब उन्हें लोग लाल बहादुर के स्थान पर शास्त्री जी कहने लगे।
लाल बहादुर शास्त्री जी का राजनीतिक जीवन
लाल बहादुर शास्त्री जी समय के साथ महात्मा गाँधी के साथ जुड़ गए। वे गाँधी जी द्वारा चलाये गए असहयोग आंदोलन (1921), दांडी मार्च (1930), व भारत छोड़ों आंदोलन (1942) में सक्रिय भूमिका में रहे।
लाल बहादुर शास्त्री गाँधीवादी विचारों से प्रेरित थे। वे गाँधी जी के प्रिय व्यक्तियों में से एक थे। लाल बहादुर शास्त्री जी बड़े ही सादगी पसंद और ईमानदार व्यक्ति थे।
समय के साथ वे कांग्रेस की विचारधारा के साथ जुड़ गए और कांग्रेस में शामिल हो गए। नेहरू जी मृत्यु के वे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। ताशकंद समझौते के लिए उन्हें जाना जाता है। जब 1965 में पाकिस्तान ने भारत में अचानक हमला कर दिया तो उन्होंने सेना का पूर्ण छूट दे दी। और सेना को जब देश के प्रधानमंत्री का समर्थन मिला तो उसने पाकिस्तानी सेना को ना केवल नाको चने चबवा डाले बल्कि लाहौर में घुसने को तत्पर हो गए।
उन्होंने ने देश को ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया। इस नारे ने सम्पूर्ण देश में एक जोश भर दिया। हर एक हिंदुस्तानी देश के साथ एकजुट हो गया। उन्होंने ही सेना को कहा ‘मारो या मरो’
लाल बहादुर शास्त्री जी मृत्यु व उससे जुड़े रहस्य
सितम्बर 1965 को छलपूर्वक पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। जवाब में लाल बहादुर शास्त्री जी ने भारतीय सेना को खुली छूट दे दी। वैसे तो लाल बहादुर शास्त्री जी बड़े ही विनम्र और सादगी प्रिय इंसान थे किन्तु देश की बात आने पर उनका रूद्र रूप लेना तय था और यह पूरे भारत ने उसे वक्त इस हमले के बाद जाना।
वे पूर्ण रूप से भारतीय सेना के साथ खड़े हो गये और भारतीय सेना का हौसला बढ़ाया। देश के प्रधानमंत्री का साथ पाकर सेना भी पूर्ण जोश में आ गई और भारतीय सेना पाकिस्तान सेना को पीछे खदेड़ते हुए लाहौर तक पहुँच गई।
किन्तु इसी वक्त अंतरराष्ट्रीय प्रेशर बना। अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध विराम की मांग करने लगे। भारत उस वक्त परमाणु परिक्षण को लेकर सुर्ख़ियों में था। लाल बहादुर जी भी परमाणु परिक्षण के समर्थक थे। इसलिए अमेरिका और कुछ देश भारत पर त्योरियां चढ़ाये हुए थे।
उस समय पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर मिस्टर जनरल अय्यूब खान थे। भारतीय प्राइम मिनिस्टर व जनरल अय्यूब खान के बीच ताशकंद समझौता होना तय हुआ। अतः उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में 10 जनवरी 1966 को युद्धविराम सम्बन्धी समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जिसे ताशकंद समझौते के नाम से भी जाना जाता है।
लाल बहादुर शास्त्री जी दिल से इस समझौते के पक्ष में नहीं थे। जब उन्होंने समझौते के दिन अपने घर पर फ़ोन लगाया तो फ़ोन उनकी पुत्री ने उठाया और समझौत को लेकर उनकी पुत्री ने भी उन से बहस की। बाद में पत्नी ने भी ताशकंद समझौते पर नाराजगी जताई। प्रधानमंत्री जी भी चिंतित थे कि जब अपनों का ही ऐसा रेस्पॉन्ज हो तो फिर विपक्षी पार्टियों का क्या होगा। किन्तु लाल बहादुर शास्त्री जी ने देशहित में निर्णय लेना उचित समझा।
Death Mystery of Lal Bahadur Shastri in Hindi
10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझोते पर हस्ताक्षर करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी ने 7 से 8 बजे के बीच अपने घर फ़ोन लगाया। फ़ोन पर उन्होंने अपने पत्नी व बेटी से बात की। देर रात 11 बजे रुसी अधिकारीयों ने उनके खाने व सोने का इंतजाम किया।
यहाँ 2-3 प्रकार की कुछ अटपटी बातें सामने आई। जो कि प्रधानमंत्री के लिए बहुत बड़ी चूक है या फिर कोई साजिश का हिस्सा लगी। जिस कमरे में लाल बहादुर शास्त्री ठहरे। वह कमरा उनके पर्सनल सेक्रटरी जगन्नाथ सहाय से काफी दूर था और जानेमन पत्रकार कुलदीप नायर से भी वे दूरी पर थे। उनका कमरा अन्य स्टाफ के कमरे से अलग थलग था। जबकि किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री के मामले में ऐसा होता नहीं है।
लाल बहादुर शास्त्री के कमरे में ना की डोर बेल थी और ना ही कोई फ़ोन था। जबकि वह एक देश के प्रधानमंत्री थे। ऐसा होना नहीं चाहिए।
उस रात लाल बहादुर शास्त्री जी का जो भोजन था वह रुसी अम्बेस्डर के कूक जान मोहम्मद ने बनाया था। जबकि लाल बहादुर शास्त्री जी का खुद का रसोईया रामनाथ खाने को बनाता था। Know Russian Angle about Shastri – The Russian Angle In Former Indian PM Lal Bahadur Shastri
खाना खाने के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी को 11 से 11.30 के बीच दूध दिया गया और फिर दूध लेने के बाद वे सो गए। रात 1 बजे के तक़रीबन उनको भयंकर खांसी चलती है। लाल बहादुर शास्त्री के कमरे में ना डोर बेल थी और ना ही फ़ोन। इसलिए शास्त्री जी खुद अपने कमरे उसे उठकर अपने सहायक रामनाथ सहाय के कमरे में जाते हैं।
रामनाथ सहाय तुरंत उनके निजी डॉक्टर आर्यन चुंग को बुलाते हैं। जब आर्यन चुंग आते हैं तो उनको डेड घोषित कर देते हैं। प्रथम दृष्टया आर्यन चुंग उनकी मौत का कारण दिल के दौरे से बताते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के अनसुलझे पहलु
शास्त्री जी की मृत्यु के बाद एक बात जिसने सबको हैरानी में डाला वह यह कि उनका पोस्टमार्टम ना ताशकंद में रूस ने करवाया और ना भारत आने पर भारत सरकार ने शास्त्री जी की बॉडी का पोस्टमार्टम करवाया।
समझ नहीं आया आखिर यह संभव कैसे है। एक देश के प्रधानमत्री की मृत्यु होती है और उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम तक नहीं होता। जिससे मौत के असली कारणों का पता चल सके। केवल डॉक्टर आर्यन चुंग की प्रथम दृष्टया मेडिकल रिपोर्ट ही सच मान लिया गया। कि मृत्यु दिल के दौरे से हुई है।
रुसी जांच एजेंसी KGB ने उनकी मृत्यु का कारण जहर से होना बताया था। जिस पर कोई तर्क या वाद विवाद बाद में नहीं हुआ। ना ही KGB की बात पर जोर दिया गया।
जब उनका पार्थिव शरीर भारत में आया तो कमर से ऊपर का हिस्सा नीला पड़ा हुआ था। उनकी पत्नी ललिता शास्त्री जी ने उस समय इस पर जहर देने की बात कहीं और बॉडी का पोस्टमार्टम करवाने की गुहार भी लगाईं किन्तु उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने उनकी बात को अनसुना कर दिया।
शास्त्री जी साथ में अपना एक थर्मस रखते थे। मृत्यु के बाद उनके कमरे सब चीजे व्यवस्तिथ मिली सिवाय उस थरमस के। थरमस लुढ़का हुआ था। रूसी दल ने उनकी मृत्यु के बाद ताशकन्द से उनकी सभी चीजे परिवार को लौटाई किन्तु वह थरमस नहीं लौटाया। जिस पर यह शक जताया जा रहा था कि किसी लिक्विड के माध्यम से शास्त्री जी को पाइजन दिया गया है।
जिस जान मोहम्मद पर शास्त्री जी की मृत्य का आरोप लगा उसे सामान्य पूछताछ करके छोड़ दिया गया और बाद में उसी जान मोहम्मद को राष्ट्रपति भवन में एम्प्लॉई बनाया गया।
जिस डॉक्टर चुंग ने कार्डियल हार्ट अटैक बताया था। उनकी 1977 दुर्घटना में रहस्यमयी तरीके से मृत्यु हो जाती है।
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Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री जी अपनी सादगी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उनके इसी स्वभाव ने थोड़े से कार्यकाल में ही उनको पूरे देश में लोकप्रिय बना दिया। वे देश के गौरवमयी प्रधानमंत्री में एक थे। एक ऐसे इंसान थे जिनके लिए देश सर्वोपरी था। उनकी अचानक मृत्यु होना वाकई काफी दुःखद था और उससे भी दुःखद रहा उनकी मृत्यु के वास्तविक कारणों का सामने नहीं आना। Lal Bahadur Shastri Ji ki Jivani in Hindi | लाल बहादुर शास्त्री जी की जीवनी Read – PM Narendra Modi Kavita
उनकी मृत्यु के पीछे किसी की साजिश थी या यह मृत्यु एक सामान्य मृत्यु थी इस रहस्य पर हमेशा पर्दा रहेगा। जब तक की सच सामने नहीं आता। किन्तु उनकी मृत्यु पर कुछ लोग पर शक गया। पहला शक उनके बाद देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी पर गया। दूसरा शक अमेरिकन एजेंसी CIA पर गया क्योंकि लाल बहादुर शास्त्री जी परमाणु परिक्षण करना चाहते थे और अमेरिका इस बात से नाराज था। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi Read – Mahatma Gandhi Kavita
ऐसा कहा जाता है कि जवाहर लाल नेहरू के मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री का एक रुतबा कायम होने लगा था। वो जनता के दिलों में अपनी एक जगह बनाने लगे थे। यह बात नेहरू परिवार को विशेष रूप से इंदिरा गाँधी को नागवार गुजरी और कहा गया कि इनकी मौत के पीछे इंदिरा गाँधी का हाथ हो सकता है। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Death Mystery of Lal Bahadur Shastri in Hindi Watch – Kisan Par Kavita in Youtube
इसका कारण यह है कि यदि लाल बहादुर शास्त्री होते तो गाँधी व नेहरू परिवार का वर्चस्व ख़त्म हो जाता और दूसरा संदेह यह होता है जब शास्त्री जी का देहांत हो गया तो इंदिरा गाँधी को अचानक प्रधानमंत्री का दावेदार बना देना जो कि कभी सुर्खियों में ही नहीं थी। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय | Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi Visit – List Indian Prime Ministers of India
Lal Bahadur Shastri Ji ki Jivani in Hindi | लाल बहादुर शास्त्री जी की जीवनी
कहा जाता है की डॉक्टर होमी जहाँगीर भाभा की मौत के पीछे भी CIA का ही हाथ था। CIA के अध्यक्ष रोबर्ट क्रोवडली की मृत्यु के बाद उनका एक इंटरव्यू सामने आया। जिसमें उन्होंने होमी जहांगीर भाभा और लाल बहादुर शास्त्री की मौत के पीछे CIA का हाथ होने की बात कही। किन्तु कुछ इन्वेस्टीगेशन के अनुसार होमी जहांगीर भाभा के प्लेन क्रैश का कारण पायलट की गलती बताई जाती है। अतः भारत ने इस इंटरव्यू को नकार दिया। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi Visit – Christmas Par Shayari
उनके देहांत के पश्चात् कभी उनकी मृत्यु के वास्तविक कारणों की जांच किसी सरकार ने नहीं करवाई। केवल रूस के साथ कुछ पत्रों का ही उस काल में आदान प्रदान हुआ। उन पत्रों में क्या लिखा था इसको कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। ऐसा कहा जाता है कि जवाहर लाल नेहरू के मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री का एक रुतबा कायम होने लगा था। वो जनता के दिलों में अपनी एक जगह बनाने लगे थे। यह बात नेहरू परिवार को विशेष रूप से इंदिरा गाँधी को नागवार गुजरी और कहा गया कि इनकी मौत के पीछे इंदिरा गाँधी का हाथ हो सकता है। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Death Mystery of Lal Bahadur Shastri in Hindi Visit – Anti Corruption Slogans in Hindi
आज भी भारत लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत की सच्चाई से महरूम है। किसी सरकार ने उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने का प्रयास नहीं किया। अब तो केवल यह है कि हो सकता है कभी भविष्य में कोई उस काल का व्यक्ति अपने किसी इंटरव्यू या किताब में उनकी मौत के राज का खुलासा कर दे तो शायद पूरे देशवासियों को मौत की सच्चाई पता चले। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Death Mystery of Lal Bahadur Shastri in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री बायोग्राफी
राजनीती का यह गन्दा खेल हमारे कही प्यारे नेताओं को निगल गया। कहीं लोग है जो साजिश का शिकार हुए और कहीं नेता तो ऐसे जिनकी मौत पर से पर्दा कभी नहीं उठा। सुभाष चंद्र बोस में एक साजिश के तहत हवाई दुर्घटना के शिकार हुए और उनकी लाश ना मिलने पर एक समय पश्चात उन्हें मृत मान लिया गया। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi Watch – India Vs Pakistan Funny Shayari in Youtube
यहाँ लाल बहादुर शास्त्री जिन्होंने अपने जीवन को देश की उन्नति में झोंक दिया। जिन्होंने सब कुछ देश को समर्पित किया। जिनकी सादगी और ईमानदारी की मिसाल दी जाती थी। उनको भी दोगले व सत्ता के स्वार्थी लोग ने नहीं छोड़ा। Visit – Anti AIDS Slogans in Hindi
जिस तरह से शास्त्री जी मृत्यु हुई साफ़ साफ यह पता चलता है कि उनकी मौत के पीछे अवश्य ही कोई बड़ी साजिश रही होगी। कोई तो कारण था कि उनकी मौत के राज को सामने नहीं आने दिया। एक प्रधानमंत्री के राज को छुपाना इससे बड़ी साजिश क्या हो सकती है भला। Lal Bahadur Shastri Ji ki Jivani in Hindi | लाल बहादुर शास्त्री जी की जीवनी Visit – Pollution Par Slogans in Hindi
एक तरफ सत्ता का लालच, दूसरी और अमेरिका की आँखों के किरकिरी तथा तीसरी और नापाक पडोसी पाक की जालसाजी निश्चित रूप से जय जवान जय किसान के नारे को बुलंद कर सभल बनाने वाले महानायक को मरवा सकती है। इसमें कदापि संदेह नहीं हो सकता है। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi Visit – Pollution Par Kavita
देश के नागरिक हमेशा यह ध्यान रखें कि इस देश में अच्छे लोगों व अच्छे नेताओं के साथ सदा साजिशें होती आई है। यह दौर बहुत पुराना है। हमें देश को इन गद्दारो से बचाना चाहिए। एक तरफ सत्ता का लालच, दूसरी और अमेरिका की आँखों के किरकिरी तथा तीसरी और नापाक पडोसी पाक की जालसाजी निश्चित रूप से जय जवान जय किसान के नारे को बुलंद कर सभल बनाने वाले महानायक को मरवा सकती है। इसमें कदापि संदेह नहीं हो सकता है। लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय : Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi
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