मनी के चक्कर में घनचक्कर, धन बिना सब विहीन – Money Par Kavita : 2 सुपर मनी कविता – धन के ऊपर कटाक्ष करती हुई रुपये – पैसे की वजह से होने वाली मानवीय गतिविधियों पर हास्य – व्यंग करती कविताएं है।
Money Par Kavita | मनी कविता
मनी के चक्कर में घनचक्कर
मनी – मनी के चक्कर में घनचक्कर जिंदगानी।
भागते – भागते धन के पीछे बुढ़ापा बनी जवानी।।
जवानी का खून पी गया money – money का जाप।
भ्रष्टाचार , चोरी -चकारी जैसे कर रही ढेरों पाप।।
पाप को पुण्य बनाने में धन कर रहा योगदान।
ईश्वर को चढ़ावे का खोज डाला विज्ञान।।
खोज डाला विज्ञानं पैसे से खुदा भी राजी।
दुआ तुम्हारे लिए कर रहा रब से पंडित-काजी।।
पंडित काजी बोले माफ़ करो भक्त है नादान।
इसके सहारे चल रही हमारी भी है दूकान।।
चल रही दुकान कुछ ना कुछ है चढ़ाता।
तेरे नाम से दो पैसे पाकर मैं भी खाना खाता।।
खाना खाता परिवार पालता मेरा भी आसरा है धन।
तुम से ज्यादा money की पूजा अब जरूरी है भगवन।।
जरूरी है भगवन कैसे भी पैसा हाथ में आये।
भले ही पता एक दिन कुछ भी साथ में ना जाये।।
कुछ भी ना साथ में जाये फिर भी जपते नाम।
ज्यादा पाकर भी दुःखी कम से भी परेशान।।
कम से भी परेशान money की देखो महानता।
गरीब से लेकर अमीर सब इस बात को जानता।।
—— Lokesh Indoura
धन बिना सब विहीन
धन का अभाव होवे जी
जीवन में नासूर समान
कितने भी हो आप गुणी
इज्जत सब्जी की दुकान
हर कोई मोल तोल करे
आपको रिश्तेदारी में
पास कोई भी ना आवे
आपकी बिमारी में
धन देवे जी शोहरत
बढ़ावे सब जगह जी कीमत
इस जहाँ निर्धन है बेकार
यही है जी हक़ीक़त
सो चाहे सब मनी मनी
उद्देश्य लगे बस धन अर्जन
जो जहाँ में धनपति कुबेर
वही प्यारा वही है सज्जन
धनवान पर दया रखे
ऐसा दिखता है भगवान
वह चढ़ावे उसको खूब
सो धनवान बना जग में महान
निर्धन के पास कोरी श्रृद्धा
चढाने को बाबाजी का ठुल्लू
माने सब इसको शक्तिहीन
समझे है जी इसको उल्लू
फूटा है इसका नसीब यहाँ
आधी अधूरी ज़िंदगानी
है धन बिना सब व्यर्थ
यही है जी कहानी
—- Lokesh Indoura
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Money Poem in Hindi | धन पर कविता
रुपया – पैसा आज मनुष्य की जरूरत मात्र ही नहीं अपितु धन ने आज मानव की पूरी जीवनशैली को बदल दिया है। आज Money के आधार पर किसी व्यक्ति विशेष को सम्मान मिल रहा है। धनवान व्यक्ति भले ही गुण विहीन हो। किन्तु जिस तरह भारतीय समाज में उसे धन के आधार पर महत्व दिया जाता है। वह वास्तव में विचारणीय विषय है। Money Par Kavita | मनी पर कविता
Know – How to Become Money Man in Hindi
Watch – Below – Corruption Kavita
धन से कोई व्यक्ति , विनम्र नहीं हो सकता, ज्ञानी नहीं हो सकता , ना ही किसी विशेष प्रकार की प्रतिभा का स्वामी हो सकता है। लेकिन रुपये – पैसे में वह ताकत है जो एक अनपढ़ और अभद्र व्यक्ति को भी शौहरत दिला देता है। पैसे की चाह आवश्यकता पूर्ती तो ठीक है। Money Par Kavita | मनी पर कविता Read – कर्ज पर हास्य कविता
किन्तु जब यह चाह विलासिता का रूप ले लेती है तो कहीं बार मनुष्य सामाजिक दायित्व व कल्याण के मार्ग से भटक कर गलत कार्य में संलग्न हो जाता है। जिससे ना केवल मानवीय गुणों का विनाश होता है। अपितु कहीं बार मानवता की हानि भी देखने को मिलती है। Money Par Kavita | धन पर कविता money song
इस आर्थिक युग में रुपया-पैसा मनुष्य की पहली आवश्यकता बन गया है। प्रत्येक व्यक्ति आज अपना सपना Money Money कह रहा है। धन के पीछे जिंदगी खफायी जा रही है। लोग ज्यादा से ज्यादा money कमाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। प्यास किया जा रहा है कि कैसे अपनी आवश्यकताएं पूरी की जाये। जो कि धन के अभाव में कभी पूरी नहीं हो सकती।Money Par Kavita | मनी पर कविता Read – Health Funny Poem (Hindi)
Dhan Par Kavita | मनी पर कविता
आज के इस आधुनिक युग में धन के आधार पर मनुष्य का स्टेटस होता है। यदि किसी के पास अच्छा खासा money है। तो उसे स्वाभविक रूप से ना केवल समाज में सम्मान मिलता है। अपितु सामाजिक कार्यों में उस व्यक्ति की भागीदारी भी बढ़ जाती है। भले ही वह व्यक्ति आपराधिक प्रवृति का ही क्यों ना हो। धन अपने आप में एक ऐसा आवरण है जो सभी बुराइयों को ढक देता है। Read – Life Insurance Poem
जो व्यक्ति धनवान है उसके सब हितेषी है। हर कोई उसके आस पास डोलता है। जो धनविहीन है उसकी कोई नहीं सुनता है यहाँ तक की जरूरत में उसकी कोई मदद को भी नहीं आता है। उसकी ख़ुशी में तो सभी शामिल हो जाते है किन्तु उसके बुरे दिनों में कोई उसका साथ रत्तीभर भी नहीं देता है। Visit – Happy New Year Wishes in Hindi
यदि हम इस संसार में चारों और देखे तो हर और धन की माया रची बसी दिखाई देती है। लगता है सब कुछ धन से इस संसार में सुसज्जित है। वैसे व्यक्ति की ज़िन्दगी भी धन से सुन्दर और सज्जित बनती है।
यह Money Funny Poem ऐसे ही सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करती है। जो मनुष्य के गुणों की अपेक्षा धन के आधार किसी को श्रेष्ठ बना देती है। हम समाज में देखते हैं। कि लोग चढ़ावा चढाकर ईश्वर से भी अपनी हर मनोकामना पूरी करने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि धन वह चाबी है जिससे भगवान भी आपको मनोवांछित फल दे देता है। Money Par Kavita | मनी पर कविता पढ़ें – नये ट्रेंडिंग जोक्स
बिना धन के यह जीवन वैसे ही अधूरा है सुगंध के बिना फूल। क्योंकि कोई भी व्यक्ति धनविहीन व्यक्ति को थोड़ा भी महत्व नहीं देता है। यही नहीं यहां तक की उससे ढंग से बात तक नहीं करता है।
इस संसार में धन की माया अपरम्पार है बिना धन के इस संसार में सब कुछ व्यर्थ है। यहाँ धन से ही इंसान की कद्र होती है। जिस व्यक्ति के पास धन नहीं है उस व्यक्ति को कोई भी किसी प्रकार का भाव नहीं देता है।
धन पर आधारित यह हिंदी हास्य कविता आपको कैसे लगी। साथ ही आप Money को लेकर कैसे विचार रखते हैं। हमें अपने कमेंट के द्वारा बतायें और पढ़ते रहे मस्करी को।