माता पिता पर कविता : Best 2 Mother Father Poem in Hindi | Mata Pita Par Kavita

माता पिता पर कविता : Best 2 Mother Father Poem in Hindi | Mata Pita Par Kavita – यहाँ पर माता पिता के 2 बेहतरीन कवितायेँ प्रस्तुत है। पढ़े और शेयर करें –

माता पिता पर कविता

माता पिता का ऊँचा दर्जा

माता पिता का इस जगत में है सबसे ऊँचा दर्जा।
इसके लालन पालन को संतान चूका ना सके कर्जा।।

कर्ज इनके प्रेम का जीवन को खूब सँवारे।
बस चले तो बच्चों के लिए आसमां से तोड़ ले तारे।

तारों सा चमकीला बने उनके बच्चों का जीवन।
मानों इसलिए ही धरती पर माता पिता का हुआ जनम।।

बच्चों के जन्म से ही करते उनके लिए जीवन भर संघर्ष।
अपने बच्चों की खुशियों को ही समझे जीवन का उत्कर्ष।।

उत्कर्ष होता उनका जो संतान बने अच्छी इंसान।
पग पग मार्गदर्शन ऐसा जो देना सके भगवान।।

भगवान समान माता पिता फिर भी क्यों खोते मान।
बुढ़ापे में अपने ही पुत्रों से झेलते अपमान।।

अपमान करे संतान का तो फट पड़ता कलेजा।
क्या इस दिन के लिए ही संतान को प्रेम से सहेजा।।

सहेजा संवारा क्या इसलिए कि बुढ़ापे में ना दे साथ।
संतान पे लुटाके धन आज बुढ़ापे में फैलाये हाथ।।

हाथ क्यों ना आते आगे आज माता पिता के लिए।
क्या झूठे दिखावे और चमक दमक ने तुम्हारे हाथ सीले।।

छोड़ो इस माया को सच्चे रिश्तों की करो कदर।
दुनिया में तुम्हारे लिए जीये सदा तुम्हारे फादर मदर।।

—— Lokesh Indoura

माँ बाबा है प्यारे

मैय्या और बाबा हैं मुझको बड़े ही प्यारे
जब तक रहे जीवन प्रार्थना साथ रहे हमारे

जीवन का रंवा रंवा इनके अहसान तले
छाँव में इनकी हमारा जीवन और पले

छाई रहे सदा उनके चेहरे पर मुस्कान
दिखाई ना दे मुझे कभी वह परेशान

उनके चमक से हुआ रोशन हमारा जीवन
संवारेंगे उनका बुढ़ापा जैसे संवारा हमारा बचपन

——- Lokesh Indoura

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हर किसी के जीवन के आधार उनके माता पिता ही है। माता पिता का रिश्ता दुनिया का सबसे अनूठा रिश्ता है। पेरेंट्स का जीवन देखा जाए तो अपने बच्चों को ही समर्पित है।

Mother Father Poem in Hindi | मम्मी पापा पर कविता

मम्मी पापा बचपन में तो बच्चे को बड़े ही प्यारे लगते हैं। किन्तु ना जाने क्यों बच्चा बड़ा बड़ा होते होते अपने माता पिता से दूर हो जाता है। और वर्तमान यह प्रवृति समाज में बहुत ज्यादा देखि जा रही है। जो कि बड़ी ही दुःखदायी है। Read – Radha Krishna Status in Hindi

Mother Father Poem in Hindi

माता के चरणों में स्वर्ग हैं। यह बात वास्तव में सच है। जो पुत्र या पुत्री अपने माँ बाप की सेवा करती है। उसे बहुत ही पुण्य मिलता है। इसमें कहीं कोई संदेह नहीं है। माता पिता पर कविता | Mother Father Poem in Hindi Read – Maa Babuji Par Shayari

जब देवताओं में यह होड़ लगी कि कौन सबसे श्रेष्ठ है। तो सभी देवता आगे आये। तय हुआ कि जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाकर सबसे पहले आएगा वही सर्वश्रेष्ठ माना जायेगा और उसी का सबसे पहले पूजन होगा। Read – Shaadi Kavitayen

सभी देवी व देवता अपने अपने वाहनों के साथ भगवान् शिव के निवास कैलाश पर्वत पर इकट्ठा हो गए। और जैसे ब्रह्माण्ड के चक्कर लगाने का आदेश मिला। तो सभी अपने अपने वाहनों में सवार होकर चक्कर लगाने को निकल पड़े। किन्तु भगवान् गणपति का वाहन तो मूषक था Mata Pita Par Kavita | मम्मी पापा पर कविता Read – Money Par Shayari

गणपति ये जानते थे कि मूषक के लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाना संभव नहीं है। सो उन्होंने उपाय सोचा। और शिव पार्वती जो अपने स्थान पर विराजमान थे। भगवान गणेश ने उनके चरण स्पर्श किये और उनके चक्कर लगाना शुरू कर दिया। Watch – Daughter Birth Wishes in Hindi

यह देख सभी देवी देवता हैरत में पड़ गये। कुछ देर तो किसी के समझ में ही नहीं आया कि आखिर गणपति ये क्या कर रहे। किन्तु भगवान् विष्णु व ब्रह्मा साथ ही माँ लक्समी और और सरस्वती यह देख मंद मंद मुस्कुराने लगी। Read – Yoga Slogans in Hindi

Mata Pita Par Kavita

सभी देवता पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाकर कैलाश पर्वत पर पहुंचे। इस बीच भगवान् गणपति अपने माता पिता की परिक्रमा पूरी कर चुके थे। गणपति को अपने से पहले देख सभी हैरत में थे। कुछ तो उन पर हंस रहे थे। कि आखिर उनका वाहन ही मूषक है। वे ब्रह्माण्ड की परिक्रमा कैसे लगाएंगे। सो उन्होंने वैसे ही हार मान ली। Mata Pita Par Kavita | मम्मी पापा पर कविता Read – Mummy Par Kavita

सब के आ जाने पर जब विजेता घोषित करने की बारी आई तो त्रि देव ब्रह्मा विष्णु महेश व त्रि लक्ष्मी सरस्वती व पार्वती ने मिलकर भगवान गणपति को विजेता घोषित किया। यह सुनते हैं प्रतिभागी देवता विरोध करने लगे। Watch – Sarkari Naukari Par Kavita

उन्हें समझ नहीं आया कि बिना परिक्रमा किये ही कैसे गणपति को सर्वश्रेष्ठ देव घोषित कर दिया। देवता इस बात को लेकर नाराज हो गए। यही नहीं कुछ देवताओं ने तो इसे चीटिंग भी बताया। Mom Dad Par Kavita Read – Nature Par Shayari

इस पर त्रिलोकीनाथ भगवान विष्णु ने कहा कि माता पिता से बड़ा इस संसार में एक संतान के लिए कोई नहीं। माता पिता में ही एक संतान के तीन लोक समायें हैं। इनका हृदय ही पुत्र के लिए ब्रह्माण्ड है। नन्हे गणपति ने इसे ही ध्यान रखते हुए अपने माता पिता की परिक्रमा की और बता दिया कि वह अपने माता पिता की सर्वश्रेष्ट संतान है। माता पिता पर कविता | Mother Father Poem in Hindi Read – Steps Take When Aging Parent Need Help

और जो संतान अपने माता पिता की आज्ञाकारी हो। उससे श्रेष्ठ इस संसार में कोई और दूसरा नहीं हो सकता है। माता पिता के संस्कार जिस पुत्र ने अच्छे ग्रहण किये और उनका सम्मान किया हो। वह सर्वत्र एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व है। Read – Hindi Funny Quotes

इस प्रकार कोई भी हो जो संतान अपने माता पिता का कहा माने वह संतान इंसानों में ही नहीं देवताओं भी श्रेष्ट है। ऐसी संतान निश्चित रूप से स्वर्ग की हकदार होती है। माता पिता पर कविता | Mother Father Poem in Hindi Read – Marriage Anniversary Kavita

Enjoy Below – Parents Par Shayari

How did you like these poems which are based on parents love. These are dedicated to parents. If you like them don’t forget to share them to your friends and relatives. It will be good for parents future.

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