धूम्रपान पर कविता : Best 2 Smoking Poem in Hindi – यहाँ स्मोकिंग पर 2 बेहतरीन कविताएं प्रस्तुत है। पढ़ें और शेयर करना ना भूलें।
धूम्रपान पर कविता
धूम्रपान की घंटी बजाते बबली बंटी
यमराज खुद बोले धूम्रपान है जी खतरे की घंटी।
फिर भी मस्ती से बस्ती में सुट्टा लगावे बबली बंटी।
बंटी का तो गम दूर करे ये धुंए धुएं का पान।
इधर बबली समझे फैशन, बढ़ती जवानी की शान।।
शान से मुंह को फुला बन्दर सा फिर किया धुंए का दान।
पाके दोस्त, साथी, रिश्तेदार की हुई सांसत में जान।।
जान से भी प्यारी लागे बंटी को सिगरेट की लत।
देखते देखते बबली को, फूंकी 10-15 झट फट।
फट से जवानी बुढ़ापे में हो रही है तब्दील।
खांसे इतने जोर से कि निकल आये बाहर दिल।।
दिल से फूंके जो छोरी तो रहे जी दुबली पतली।
बस इसी रजा से सारी अंतड़ियाँ सूखा गई बबली।।
बबली पगली का चेहरा अब बन गया देखो मुर्झाया फूल।
बंटी भैय्या की बॉडी कांपे और हुई इनकी भी बत्ती गुल।।
गुल हुई मर्दानगी, मिला नपुंसकता का ताज।
उधर बबली का यौवन फीका, बनी साथ में बाँझ।।
बाँझ हुई ज़िन्दगी, जवानी चूस गया धूम्रपान।
वैसे भी आबादी कम करने में धूम्रपान है महान।।
महानता धूम्रपान की दोनों का एक दिन बंद हुआ श्वास।
18 की बबली 21 है बंटी, पोस्टमार्टम को भेजो लाश।।
लाश के अंग अंग लड़ पड़े, कहे करो फेफड़ों की जांच।
पहले ऑटोप्सी इस भट्टी की, ताकि ना आये हम पे आंच।।
आंच आई फेफड़ों पर, वायु कोष की दांव लगी साख।
निकाली झाड़ू मार के चुल्लू भर डॉक्टर जी ने राख।
राख बना रहा बॉडी, कैंसर, हार्ट अटैक का यह शौक।
ज़िन्दगी को ना समझो जोक, लगाओ धूम्रपान पर रोक।।
——- Lokesh Indoura
Read – Tobacco Slogan Shayari
धूम्रपान पर कविता | Smoking Poem in Hindi | नो स्मोकिंग कविता
धुंए का सेवन आज भी निरंतर बढ़ रहा है जबकि सबको पता है सिगरेट को शौक श्मसान को जाता है।
No Smoking Poem in Hindi
धूम्रपान छीने तन मन धन
धुंए की बरसात में
बुझ गया है जीवन
भर गई राख फेफड़ों में
ख़राब हुआ जी जनम
जनम को लगा लिया जी
धूम्रपान की आदत
अब तो खुदा भी ना करे
इस बुरी लत से हिफाजत
हिफाजत वह क्यों करे
तुमने लगाई अपनी मर्ज़ी से लत
खुदा की बेशकीमती ज़िन्दगी की
लगा दी दो कौड़ी की क़ीमत
कीमत लगा के भूल बैठे
कितना अहम है स्वस्थ शरीर
इस धुंए को धो ना पाए नीर
और इलाज का खर्चा ऐसा बने फ़कीर
फकीरी में गँवाई सेहत
और गंवाया धन
बुरी लत को बनाके जीवन
अब गंवाएंगे तन
—– Lokesh Indoura
Read – Yoga Par Shayari Status
धूम्रपान पर कविता | Smoking Poem in Hindi | नो स्मोकिंग कविता
Join Facebook Page Maskaree and Youtube Channel Maskaree , You should follow Twitter Account Maskaree
किसी शायर ने बखूब लिखा है। कि “जिस तबाही से लोग बचते थे। वो सरे आम हो रही है अब।” कहने का अर्थ है कि ना केवल अब लोग मौत को गले लगा रहे हैं बल्कि उसको एक दूसरे को बाँट भी रहे हैं। हर साल तकरीबन 70 से 80 लाख लोग केवल धूम्रपान के सेवन की वजह से काल का ग्रास बन जाते हैं। Watch – Tobacco Poem in Hindi Yotube
बड़े बड़े शहरों में लड़को व लड़कियों के लिए सिगरेट का सेवन का एक आम बात है वो शुरुआत में इसे एक फैशन के रूप में पीते हैं और फिर इसके आदी हो जाते हैं। घरेलु महिला हो , किशोर हो , या युवा यह सभी को अपनी जद में ले रही है। धूम्रपान पर कविता | Smoking Poem in Hindi | नो स्मोकिंग कविता Read – Health Par Kavita
अगर आप के आस पास सांप आ जाए तो आप तुरंत वहां से दूर हट जाते हैं। क्योंकि हमें पता है कि उसमें जहर है। ऐसा जहर जो हमारी जान ले सकता है। और यही बात सिगरेट बीड़ी के सेवन में तो है। यह भी तो साफ़ साफ जहर किन्तु हम इसे पहचानते नहीं बल्कि और इसे अपनाते हैं। धूम्रपान पर कविता | Smoking Poem in Hindi | नो स्मोकिंग कविता Read – Health Par Shayari
धूम्रपान की वजह से लाखों डेथ बहुत ही यंग ऐज में हो रही है। कहीं ऐसे युवा है जिन्होंने अभी जवानी का स्वाद भी पूरी तरह से नहीं चखा किन्तु धूम्रपान के स्वाद के कारण काल ग्रास हो गए।
बड़े बड़े शहरों में युवक युवतियों को धुआं फूंकते हुए आसानी से देखा जा सकता है। वे अपना यौवन जिस तरह से बर्बाद कर रहे हैं। यह वाकई काफी दुखद है।