Pollution Par Kavita : 3 बेस्ट पर्यावरण प्रदूषण कविताएं – सारे जहाँ प्रदूषण से परेशान है। क्योकि हम अपने सुखों के लिए लापरवाह हो चुके हैं। आज जरूरत है प्रकृति को बचाने की। यहाँ इसी उद्देश्य से 3 बेहतरीन कवितायेँ कवी लोकेश इंदौरा द्वारा लिखी गई है। 1 धुआँ धुआँ आलम प्रदुषण घनघोर 2 देख मानव अपने कुकर्म 3 पर्यावरण में आग शहर शहर धुआँ
Pollution Par Kavita
धुआँ धुआँ आलम प्रदुषण घनघोर
धुआं धुआं है आलम, हवा हवा में शोर
बोली प्रकृति चीख के प्रदुषण घनघोर
घनघोर है जीना, रो रही है साँसे
है आँखों में जलन, कोई जोर से खांसे
खांसे शहर मोहल्ला, चेहरे मास्क चढ़ा
पोल्युशन में जीवन दुखी हुआ बड़ा
बड़ा अब बड़ा लगे नहीं, बूढ़ा लगे है बच्चा
प्रदुषण का प्यार भी हुआ मानव से सच्चा
सच्चा गाडी का धुआँ, कारखानों की किलकारी
करके पर्यावरण का मेकअप, फिटनेस हुई भारी
भारी हुआ लेना बॉडी में शुद्ध ऑक्सीजन
दूषित वातावरण से बना दूषित तन मन
मन में संकल्प लीजिए, देनी सभी को यह परीक्षा
जो भी जैसे हो सके प्रकृति की करनी है रक्षा
—– Lokesh Indoura
निरंतर पर्यावरण प्रदुषण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। लॉक डाउन में जब पर्यावरण साफ हो गया था तब हमने देखा कि पंजाब से भी हिमालय के दर्शन होने लगे थे और जाना की वाकई पर्यावरण आज कितना गन्दा है।
देख देख मानव
देख देख मानव तेरे अनगिनत कुकर्म
स्वर्ग सी धरती बनी तपता लोहा गर्म
हुई हरियाली गायब, बढ़ता निरन्तर तापमान
छेड़ दिया प्रकृति के विरुद्ध युद्ध घमासान
वास्तव में युद्ध यह मानव के विरुद्ध, मानव ने ही बोया
देख देख अब सारा जहाँ टीवी अखबार में खूब रोया
अभी भी वक्त संभल जाओ वरना रहेगा सिर्फ विनाश
स्वच्छ भोजन मिलना तो दुर्लभ, बुझेगी नहीं प्यास
सूख गए जंगल, मिमियाने लगे है पशु पक्षी
इस प्रकृति के खात्में के लिए मानव बना जो भक्षी
शोषण पर शोषण करके पर्यावरण को किया नंगा
भूल गए धरती माँ को भूल गए जी तिरंगा
अब सिर्फ प्रकृति बचाओ के नारे लगते देते दिखाई
सुना सभी ने ध्यान से फिर किया हर नारा हवा हवाई
अब कौन रोकेगा प्रदुषण यह सोच रहा है नेचर
जिस मानव को पाला पोसा वह अक्ल से निकला फटीचर
—– Lokesh Indoura
Environment Pollution Poem in Hindi
पर्यावरण में आग लगी
पर्यावरण में आग लगी, धुआँ निकला शहर शहर
अभी थोड़ा और फूंकना, अखबार में छपी खबर
खबर मानव होके बेरहम, खुद पे चला रहा कुल्हाड़ी
जंगल खेत साफ करके इठला रहा जी अनाड़ी
अनाड़ी की गाडी भी फूंके दिन रात नेचर
कारखाने कंस्ट्रक्शन जैसे जुड़े साथ में फीचर
फीचर सारे हिला रहे प्रकृति का अंग अंग
सारे आलम में चढ़ बैठा प्रदूषण का रंग
रंग है यह काला, अंधेर इसके दरवाजे
लेके बीमारियां सैकड़ों मौत दहलीज पे विराजे
विराजे प्रदूषित जीवन, सांस सांस में राख
हो जाये शरीर सारा, लगे इसी में खाक
खाक हो रहा पल पल स्वस्थ तन और मन
प्रदुषण में जीना मरना देख रहा जन जन
जन जन की आँखों में लगा है पर्दा बेजोड़
मानो प्रदूषित करने की लगी हुई है होड़
होड़ में बेतहाशा आतिशबाजी, डी जे साउंड लाजवाब
शांत स्वच्छ वातावरण के मिलकर देखिये कोरे ख्वाब
ख्वाब सजा रहे विनाशक जो ज्यादा शिक्षित और अमीर
मजे मजे में बहा रहे प्रकृति के नयनों से नीर
नीर साफ था, हवा शुद्ध थी, धरती थी उपजाऊ कभी
प्रदुषण रोकने की बात लगेगी आपको शोर अभी
—— Lokesh Indoura
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बड़े बड़े शहर आज इतना प्रदूषित हो गए है। कि वहां सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। हर तरफ ऊँची ऊँची चिमनिया और चिमनियां से निकलता भयंकर काला धुआँ। दूसरी और निरंतर शहरी कंस्ट्रक्शन वर्क। साथ में वाहनों का भीड़ भाड़ और निकलने वाला जहरीला धुंआ और भी भयानक तस्वीर बना रहा है। Read – Save Water Slogans in Hindi
पर्यावरण प्रदूषण कविताएं
भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में देश की राजधानी ही अव्वल है। दिल्ली की आबोहवा बड़ी ही जहरीली है। वहां सुबह मॉर्निंग वाक भी नुकसान दायक है। लोगों को घर के बाहर मास्क लगा के निकलना पड़ता है। Read – Best 5 Tips How to Fit Body in Hindi
हवा के साथ साथ जल भी बहुत प्रदूषित हो चूका है। यमुना तो दिल्ली में आके मानो गन्दा नाला ही बन जाती है। नदियां प्रदूषित होने से स्तिथि और भी भयानक हो जाती है। Environment Pollution Poem in Hindi | पर्यावरण प्रदूषण पर कविता | Pollution Par Kavitayen Read – Best Monsoon Tourist Destinations in Hindi
देश में शोर भी निरंतर बढ़ता जा रहा है ध्वनि प्रदुषण भी अपने आप में बहुत बड़ी समस्या वर्तमान में है। आजकल डी जे, लाउड स्पीकर, दौड़ते वाहनों की आवाजे जीवन को अशांति दे रहे हैं। Watch – Blood Donation Shayari in Youtube
गांवों में भी चूल्हे जल रहे हैं, लोग फसल काटने के बाद खेतों में पराली जला रहे हैं। हरियाणा व पंजाब में इतनी पराली जलती है कि इस धुंए से पूरी दिल्ली खांसने लागती है। Environment Pollution Poem in Hindi | पर्यावरण प्रदूषण पर कविता | Pollution Par Kavitayen
छोटे छोटे शहरों की भी निरंतर हालत ख़राब है। हर जगह यहाँ भी धुंआ और प्रदुषण है। जल प्रदुषण, वायु प्रदुषण ने हालत ख़राब कर दी है। Watch – Nature Poem in Hindi
Pollution Par Kavitayen
किसान अपने खेतों में निरंतर कीटनाशी का उपयोग कर रहे हैं। उपयोग होने के बाद सारा का सारा कीटनाशी नहरों के माध्यम से वापिस नदियों में मिल रहा है। साथ ही अन्य जमीन जहाँ यह जा रहा है। उसे भी बंजर बना रहा है और जल को तो प्रदूषित कर ही रहा है। Pollution Par Kavita | पर्यावरण प्रदूषण कविताएं Read – Lady Harassment Essay in Hindi
पर्यावरणविध के अनुमान के अनुसार यदि ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन इस धरती का टेम्प्रेचर इतना बढ़ जाएगा। कि इस धरती पर जीवन ही नहीं बच पायेगा। एक अच्छे जीवन के लिए जरूरी है। कि हमारे पास स्वच्छ हवा और पानी हो किन्तु अब दोनों ही संकट में है।
तो हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए कि किसी ना किसी प्रकार से पर्यावरण प्रदुषण को रोकना चाहिए। प्रदुषण जीवन को विषैला बना रहा है। अब शुद्ध हवा पाना बिलकुल दुर्लभ हो गया है। Pollution Par Kavita | पर्यावरण प्रदूषण कविताएं
यही हाल पानी का भी है। अब साफ पानी नहीं मिलता। पानी में लाल दवा का छिड़काव होने से पानी कड़वा मिलता है। पानी का स्वाद हवा का स्वाद सब कुछ बदल गया है। सारा का सारा वातावरण प्रदूषित हो चूका है।
All poems are very very cool as they give us a massage to save our environment..
Thanks Sushma Arya Ji