पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है : Polygraph Test in Hindi | Information

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है : Polygraph Test in Hindi – बढ़ते अपराध के और आरोपियों के पूछताछ में पॉलीग्राफ जैसे टेस्ट की भूमिका आजकल महत्वपूर्ण हो गई है। चलिए आज हम जानते हैं कि यह पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है। और यह किस प्रकार महत्वपूर्ण है। और यह नार्को टेस्ट व ब्रेन मैपिंग टेस्ट की प्रकार जुदा है।

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है : Polygraph Test in Hindi

पॉलीग्राफ टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति का झूठ पकड़ा जाता है। अर्थात इस में एक व्यक्ति का सच जाना जाता है। इसे लाइव डिटेक्टर टेस्ट के रूप में जाना जाता है। इसकी खोज अगस्तस लार्सन नाम के व्यक्ति ने 1921 ईस्वी में की।

किसी भी व्यक्ति का जब पॉलीग्राफ टेस्ट करना होता है। तो सबसे पहले यह जरूरी है कि कोर्ट के द्वारा उसकी अनुमति ली जाए। बिना कोर्ट की अनुमति के यह टेस्ट नहीं किया जा सकता है।

जैसा की हम देख रहे हैं आजकल निरंतर अपराध बढ़ रहे हैं। अपराधी बड़े ही शातिर और बदमाश हो गए है। वह पुलिस को भी पूर्ण रूप से गुमराह करने में किसी प्रकार से नहीं चूकते हैं।

ऐसी स्तिथि में पुलिस किसी आरोपी या अपराधी के लाइव डिक्टेटर अर्थात पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग कोर्ट से करती है। कोर्ट से अनुमति मिलना बहुत जरूरी होता है यहीं नहीं इसमें जिसका टेस्ट लिया जायेगा उस व्यक्ति की अनुमति मिलना भी बेहद जरूरी है।

जब किसी आरोपी का टेस्ट लिया जाता है। तो उसकी सहमति जरूरी है। साथ ही उस व्यक्ति का स्वास्थ्य भी देखा जाता है। कि वह इस प्रकार का टेस्ट दे सकता है या नहीं दे सकता है।

जानिए – नार्को टेस्ट कैसे होता है

पॉलीग्राफ टेस्ट का इतिहास | Polygraph Test Information in Hindi

पॉलीग्राफ टेस्ट ऐसा नहीं है कि अभी हाल ही में उत्पन्न हुआ है। इसकी प्रथम दृष्टया जानकारी हमें 1730 में मशहूर लेखक डेनियल डेफो के एक निबंध में मिलती है। इसके बाद हम देखते हैं 1878 में फिजियोलॉजिस्ट इतालवी ने अपने एक लेख में इसका वर्णन किया है।

लोम ब्रोसो ने 1895 ईस्वी में इसमें ब्लड प्रेशर नाम की एक इकाई जोड़ी। और नवीनतम रूप 1921 में जॉन लार्सन ने श्वसन दर जोड़कर दिया। अतः जॉन लार्सन को इसका एक प्रकार से वैज्ञानिक माना जाता है।

इस टेस्ट में हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर को मापा जाता है जिसको मापने वाली होती है एक मशीन। इसे एक प्रकार से लाइव डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं।

इस मशीन को उस व्यक्ति के शरीर से जोड़ा जाता है जिसका लाई डिटेक्टर टेस्ट लेना है। फिर उसके जवाब देने पर उसकी हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, दिमाग के सिग्नल के आधार पर उसके सच व झूठ का पता लगाया जाता है।

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है

इस टेस्ट में झूठ बोलने पर P300 (P3) सिग्नल निकलता है। और इसके माध्यम से व्यक्ति के झूठ और सच का पता लगाया जाता है।

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है | Polygraph Test Kya Hota Hai

आज के इस माहौल में जहाँ देश का सामाजिक माहौल निरंतर बिगड़ता जा रहा है। और हम यह पता नहीं कर सकते कि कहाँ कौनसा अपराध पनप रहा है। ऐसी स्तिथि में जब को अपराधी पकड़ में आ जाये तो उसका पॉलीग्राफ टेस्ट पुलिस की बहुत मदद करता है।

वैसे तो इस प्रकार के टेस्ट देखे जायें तो किसी भी प्रकार से कानून के द्वारा मान्य नहीं है। और बिना इजाजत इन्हे लिया भी नहीं जा सकता है। किन्तु भारतीय कानून में ऐसा बहुत से लूप हॉल हैं जिनका फायदा उठाकर अपराधी बच निकलता है।

इन टेस्ट के माध्यम से पुलिस को मजबूत चार्ज शीट तैयार करने का अच्छा अवसर मिल जाता है। और सारा सच उनके सामने आ जाता है। जिससे एक कैसे की बुनियाद बड़ी ही मजबूत बनती है।

ऐसे बहुत सारे क्राइम हमें इंडिया में देखे हैं जब एक अपराधी का ट्रायल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गया तो वहां वह आसानी से बचकर निकल गया। या फिर उसे वह सजा नहीं हुई जीतनी सजा उसे होनी चाहिए थी।

भारतीय कानून बहुत बड़ा है। यहाँ किसी को सजा दिलाना इतना आसान नहीं है। क्योंकि कानून सबूत के आधार पर सजा देता है। कहीं बार ऐसा देखा गया है। कि पुलिस के पास थ्योरी तो होती है किन्तु सबूत नहीं होता उसे साबित करने के लिए। Read – Health Par Kavita

फिर ऐसी न्याय व्यवस्था का क्या मतलब जिसमें एक अपराधी भाग छूटे। यदि देश में कानून है तो एक खतरनाक अपराधी को गंभीर से गंभीर सजा होनी चाहिए। किन्तु नियम बनने मात्र से कुछ नहीं होता है। महत्वपूर्ण होता है कि पुलिस किस तरह से इसकी तहकीकात करती है। Read – Health Par Shayari

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लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है | Lie Detector Test in Hindi

वैसे भारतीय एक कानून है कि कोई भी व्यक्ति यदि अपने खिलाफ गवाह बनता है तो उसकी गवाही कोर्ट के द्वारा मान्य नहीं है। इसलिए कोर्ट में पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट के दौरान दी गई किसी भी प्रकार की सूचना का कोई मतलब नहीं है। हाँ बस इसमें यह जरूर पता कर लिया जाता है कि अपराधी कितना सच्चा है या कितना झूठा। पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है : Polygraph Test in Hindi जानिए – एड्स की जानकारी लक्षण व बचाव

Polygraph Test in Hindi

बढ़ते अपराधों पर कानून की पकड़ मजबूत बनाने के लिए ऐसे टेस्ट कितने जरूरी और कारगर है। इसका फैसला तो आप स्वयं करें। किन्तु हां इतना जरूर है कि जो कोई भी अपराधी होता है उसे उसके अपराध के अनुरूप सजा जरूर मिलनी चाहिए। क्योंकि सजा के बिना यह न्याय अधूरा होगा। यूट्यूब पर विजिट स्टोरी – विश्वास का खून

जहाँ तक हो जो भी वीभत्स तरीके से रेप, हत्या के आरोपी होते हैं उनको कैपिटल पनिशमेंट मिलना जरूरी है। वरना देश का कानून नाकारा दिखाई देता है। क्योंकि फांसी मिलने से यह सन्देश अवश्य कानून द्वारा दिया जाता है कि हां अभी कानून है न्याय का शासन है। पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है | Polygraph Test Kya Hota Hai Visit – Home – Maskaree

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