पुरुष पर कविता (फनी) | 3 Best Purush Par Kavita | Poem on Mard

पुरुष पर कविता (फनी) | 3 Best Purush Par Kavita | Poem on Mard – यहाँ पुरुष पर 3 बेहतरीन कविताएं प्रस्तुत है – 1. पुरुष का कोई नहीं सहारा 2. पुरुष बना जी खच्चर 3. मर्द को दर्द होता

पुरुष पर कविता

पुरुष का कोई नहीं सहारा

पुरुष नाम की प्रजाति का कोई नहीं सहारा
क्योंकि सहारा उसका होवे, होवे जो बेचारा

बेचारा तो हर जीव बना पुरुष की देख शक्ति
नारी भी पुरुष को पति बना करे देखो जी भक्ति

भक्ति की शक्ति देखो पुरुष बना जी दास
ऊपर से रख उपवास खिला दी विश्वास की घास

घास खाकर पुरुष समझे जी खुद को शेर
वास्तव में शेरनी है स्त्री करो इसकी खैर

खैरियत रखने को पुरुष ने सदा पहले दिखाया ट्रस्ट
पर अब सरकार बोले हर काम में लेडीज फर्स्ट

लेडीज फर्स्ट के कारण पुरुष हुए जी पीछे
स्त्रियों के मुकाबले विकास दर गिरी जी नीचे

नीचे से ऊपर मुश्किल रचा सरकार ने कुतंत्र
मानो हमारी पढ़ो पुरुष सारे दुर्गा शक्ति के मंत्र

दुर्गा शक्ति ही ला सके पुरुषों को स्त्री के बराबर
युग है अब झांसी की रानी धूल खा गए अक़बर

अकबर समझने वाले पुरुष लेवें जी अब राम बाण
नारी को आगे बढ़ाने में ही समझें अपना कल्याण

कल्याण करो ऐसे ताकि पुरुषों की बनी रहे कहानी
वरना एक दिन कहा जायेगा पुरुष भी होते थे ज्ञानी

—— Lokesh Indoura

पढ़ें – पति पर कविता

आधुनिक समय में हर कोई स्त्री की वेदना और परेशानियों की बात करता है। किन्तु पुरुष के मर्म को हर कोई अनदेखा कर रहा है। पुरुष के ऊपर दरअसल किसी का ध्यान जाता ही नहीं है। कि वह भी एक इंसान है। उसके भी अधिकार हैं। Read – Government Job Poem in Hindi

Purush Par Kavita

पुरुष बना जी खच्चर

पुरुष शक्ति का जग ने देखा
सदा ही खेल निराला
अब जो करे पुरुष की बात
कर दो जी उसका मुंह काला

क्योंकि पुरुष अब समझा जाता
प्राणी बड़ा ही अत्याचारी
मिलती है इश्क़ में इसको
देखो जी गंभीर बिमारी

कभी कभी यह रोता है
कभी कभी यह हँसता है
सरकार भी माने इसका
लाइफ बड़ा ही सस्ता है

सस्ता के साथ हैं
इसके देखो खस्ता हाल
फिर भी तान कर मूंछे
बिचकाये जी गाल

गाल पर छोरी मारे तमाचा
बीवी करे साल में किस्स
पुरुष का अब शान से जीना
बोलो तो बोलो बड़ा ही रिस्क

अतः रिस्की बड़ा ही पुरुष
सो रहो जी इससे बचकर
जिंदगी अब बनी है इसकी
घोड़े से देखो खच्चर

—— Lokesh Indoura

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देश में नारी शोषण की आवाजें तो खूब उठ रही है। लेकिन पुरुषों के साथ जो घरेलु शोषण हो रहा है। उसकी बात कोई नहीं करता है। जबकि पुरुष भी मानसिक उत्पीड़न के शिकार बन रहे हैं।आज की नारी पहले जैसी अबला नारी नहीं रही। अब नारी सशक्त है। ना केवल सशक्त है बल्कि बहुत ही आक्रामक भी है। स्त्रियां अब पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा सशक्त बन गई है। अब धीरे भारतीय समाज में शक्ति पुरुषों से नारी की और हस्तांतरित हो रही है। उसका सबसे बड़ा कारण है स्त्री को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किये गए कार्य। किन्तु यह सब पुरुष अस्मित्ता के विरुद्ध जाकर किया जा रहा है। Watch – Girlfriend Birthday Funny Shayari

मर्द पर कविता | Mard Par Kavita

मर्द को दर्द होता

कौन कहता है मर्द को दर्द नहीं होता
दर्द तो होता है पर मर्द नहीं रोता

पीता है खून के आँसू
वो भी बड़े ही धांसू
रात रात भर गिनता है तारे
देखे कौनसे शादी शुदा
कौनसे है कुंवारे

कुंवारे तारे देख इसको इतराये
तो शादी शुदा सपने में दुखड़ा सुनाने आये

लेकिन पुरुष का हाल देखे ना कोई
याद कर कर सितम आँखें बड़ी रोई

रोते रोते भी देखो दर्द कम नहीं होता
क्योंकि सब कहते मर्द को दर्द नहीं होता

होता तो दर्द बहुत पर पीर सुने जी कौन
पुरुष के नाम पर मीडिया सरकार सब मौन

मौन व्रत रखना ही, देखो पुरुष का लक
पैदा होने से लेके अंतिम सांस तक

क्योंकि खोला यदि दर्द का पिटारा
तो जी गला फाड़ हंसेगा जग सारा

और हंसी में खो जायेगी पुरुष की इज्जत
सो अपना दुखड़ा दबाये रखना बनी फितरत

—— Lokesh Indoura

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Purush Par Kavita

कौन कहता है मर्द को दर्द नहीं होता है। दर्द होता है लेकिन पुरुष उस दर्द को बयां नहीं करता है। उसे पता है यदि उसने अपना दर्द दुनिया के सामने रखा तो दुनिया उस पर हँसेगी। उसे गंभीरता से नहीं लिया जायेगा। Read – स्त्री पर 3 बेहतरीन कविताएं

ना कोई सरकार ना ही मीडिया पुरुष के हित की बात करता है। जबकि ऐसा नहीं है कि पुरुष प्रताड़ित नहीं होते। उन्हें भी कहीं बार मानसिक यातनाएं सहनी पड़ती है। लेकिन उस और किसी का ध्यान नहीं जाता। पुरुष पर कविता | Mard Par Kavita | मर्द पर कविता | Purush Par Kavita Watch in Youtube – Farmer Poem in Hindi

Aadmi Par Kavita

लेकिन पुरुष की फितरत है कि वह अपना दुखड़ा कभी लेकर नहीं बैठता। ना किसी मीडिया से शिकायत करता है। ना ही वह इसे कानून के सामने रखता है। क्योंकि उसे डर रहता है। कि कहीं उसका मजाक बन कर ना रह जाए। पुरुष पर कविता | Mard Par Kavita | मर्द पर कविता | Purush Par Kavita Read – Death Hindi Poetry

पुरुष पर कविता

अब पुरुषों के भी अधिकार देखने होंगे। क्योंकि अब समय बदल गया है। कहीं जगह तो पुरुष भी घरेलु हिंसा का शिकार होते दिखाई दे रहे हैं। और क्यों ना हो होना भी चाहिए। पुरुष पर कविता | Mard Par Kavita | मर्द पर कविता | Purush Par Kavita Read – Shaadi Par Vyangya

अतः अब पुरुषों को अपनी आवाज उठाना जरूरी है। क्योंकि जैसे भूतकाल में जैसे नारी का शोषण हुआ कहीं ऐसा ना भविष्य में पुरुषों का शोषण भी वैसा ही बढ़ जाए। और नारी जैसे स्तिथि उनकी हो जाए। पुरुष पर कविता | Mard Par Kavita | मर्द पर कविता | Purush Par Kavita Read – Woman Empowerment Essay in Hindi

क्योंकि चाहे स्त्री हो या पुरुष हिंसात्मक कोई भी हो सकता है। और कोई भी किसी का शोषण कर सकता है। लेकिन हमेशा महिला को ही विक्टिम बताया जाता है। पुरुष हमेशा दोषी दिखाई लगता है।

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