रक्षा बंधन कविता | 4 नई राखी कवितायेँ | Raksha Bandhan Kavita – पढ़ें रक्षा बंधन पर कवितायेँ – स्नेह भरा रक्षा बन्धन, इस भाई की सजा दे कलाई, मेरे भ्राता प्रेम का नजारा, रक्षा बन्धन प्रेम का सम्बन्ध
रक्षा बंधन कविता
स्नेह भरा रक्षा बन्धन
स्नेह भरा रक्षा बंधन का त्योहार
आया नया रूप ले फिर इस बार
भाई की कलाई सजेगी
प्रेम प्यार की धार बहेगी
घर में होगा सौहार्द का स्वर
गली गली गांव गांव शहर
अक्षत रोली से होगा टीका
प्यार जरा भी ना होगा फीका
मुंह मीठा होगा अब खाकर मिष्ठान
प्रीत रिश्तों को मिलेगी नव पहचान
रक्षा बंधन कविता | Raksha Bandhan Poem in Hindi
कविता – इस भाई की सजा दे कलाई
ले आज राखी तेरी याद आई
इस भाई की सजा दे कलाई
बदले में इसके लुटा तु प्यार
यह भाई देगा अनुपम उपहार
खुशियों से बहना की झोली भर
सभी मन मनोरथ सम्पूर्ण कर
खुशहाल रहे सदा उसका जीवन
प्रीत बहार लाये तेरा बन्धन
राखी बस कर तु इतना काम
करता यह भाई तुझे प्रणाम
—- Lokesh Indoura
पढ़ें – योग पर कविता
जब भी रक्षा बंधन का पर्व आता है। तो बहन का स्नेह जिस सूत्र में भाई की कलाई में सजता है। वह राखी है। भाई को ख़ुशी के साथ उसकी बहन रक्षा सूत्र बांधती है। यह आस रखती है कि उसका भाई समय आने पर उसकी ढाल बनेगा। जब कोई उसके साथ ना होगा तब भी वह उसके साथ रहेगा।
Raksha Bandhan Kavita
कविता – मेरे भ्राता प्रेम का तु नजारा
हे रेशम के धागे तु मुझे प्यारा
मेरे भ्राता प्रेम का तु नजारा
भाई को कभी नाराज ना करना
सदा तु उसकी रक्षा करना
रक्षा करना उसकी हर कदम
बुरा समय हो या तूफानी मौसम
ताजीवन देना तु उसका साथ
इस आस से बाँधा तुझे उसके हाथ
—– Lokesh Indoura
पढ़ें – गुड मॉर्निंग शायरियां
कविता – रक्षा बन्धन का प्रेम सम्बन्ध
रक्षा के लिए बड़ा जरूरी होता प्रेम का सम्बन्ध।
अतः किया रिश्तों ने रक्षा बंधन का प्रबन्ध।।
प्रबंध ऐसा जिसमें रेशमी धागा बना प्रेम प्रतीक।
कैसे है निभाना भाई ने लिया बहन से सीख।।
सीख लिया प्रेम धागे का कैसे मोल चुकाना।
कैसे अंतिम साँस तक भाई का फ़र्ज़ निभाना।
निभाना और खड़े रहना, साथ बहना के हर कदम।
सर्वस्व जीवन का अर्पण जो मिला इस जनम।।
विदाई ले प्यारी बहना कभी ना समझे खुद को पराई।
सो रक्षा बंधन के इस पवित्र सूत ने नई राह दिखाई।।
नई राह दिखाई बाँध प्रीत मिठाई तिलक के संग।
रक्षा का धागा लेने लगा नव स्नेह मिलन का रंग।।
—– Lokesh Indoura
पढ़ें – दूल्हा दुल्हन पर फनी शायरियां
आपको यह काव्य रचनाये कैसी लगी। हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। Twitter पर poet को फॉलो करें। तथा फेसबुक पर कविताओं से जुड़ें रहने के लिए हमारा फेसबुक पेज मस्करी फॉलो करे। वीडियो में कवितायेँ देखने व सुनने के लिए यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।
रक्षा बंधन बड़ा ही पवित्र और प्यारा त्योहार है। भाई बहन के प्रेम का यह प्रतीक है। बहन भाई की कलाई पर उसकी रक्षा के लिए यह स्नेह का रेशम धागा बांधती है। और भाई भी अपनी बहन को उसकी रक्षा का विश्वास देता है।
Raksha Bandhan Poem in Hindi
रक्षा बंधन साल में एक बार श्रवण मास की पूर्णिमा को आती है। यह वह दिन भी है। जब श्रवण कुमार की दशरथ द्वारा अनचाहे रूप से हत्या कर दी गई थी। अतः श्रवण कुमार की इस दिन पूजा होती है।
रक्षा बंधन का यह त्यौहार जब आता है तो परिवार खुशियों से भर जाता है। क्योंकि दूर दूर से बहने अपने पीहर लौटती है। साल में यह दिन ऐसा होता है। कि जो बहन साल भर में कभी ना आई हो। वह भी आ जाती है। Learn – Home Made Woolen Rakhi
जब रक्षा बंधन आती है तो बहन ख़ुशी से फुले नहीं समाती। उसने अपने बाबुल, भाई, माँ, बाप सभी की याद आने लगती है। और वह अपने पीहर जाने को बड़ी उत्साहित हो जाती है। प्रेम का यह रिश्ता बड़ा ही अनुपम है। यह त्योहार भी बड़ा ही शांति पूर्वक मनाया जाता है। Read – History of Rakhi
इस दिन ऐसा नहीं बहन ही भाई को राखी बांधती है। अपितु छोटी बहने भी बड़ी बहन को राखी बांधती है। भतीजी अपने चाचा को व भांजी अपने मामा को राखी बांधती है। रक्षा बंधन कविता | नई राखी कवितायेँ Read – बिटिया के जन्म पर कवितायेँ
रक्षा के इस सूत्र का बड़ा ही अनुपम मूल्य है। या यूँ कहे इसका कोई मूल्य ही नहीं। जब यह हाथ में बंधता है। तो कही सारी दुआएं और प्यार भी साथ में बंध जाता है। बहन का यह रक्षा सूत ना केवल अपने भाई की हिफाजत करता है। जरूरत पड़ने पर भाई भी तुरंत उसके लिए दौड़ा चला आता है। Raksha Bandhan Poem in Hindi
रक्षा बंधन कविताएं | Raksha Bandhan Kavitayen
हम सभी लोग आपस में रिश्तों की डोर से बंधे है। और परिवार में रिश्ते हमेशा स्नेह पूर्ण बने रहे इसके लिए जरूरी है कि समय समय पर एक दूसरे से मेल मिलाप होता रहे। कहीं लोगों के रिश्ते समय समय पर मिलन नहीं होने के आभाव में फीके पड़ जाते हैं। Raksha Bandhan Kavita
जैसे पौधों को हरा भरा करने के लिए पानी जरूरी है। ठीक उसी प्रकार रिश्तों को बूस्ट करने के लिए प्रेम जरूरी है। यह प्रेम समय समय पर दिखना चाहिए। जब ही रिश्ते ख़ूबसूरत बनते हैं। दूसरों से अपेक्षा रखने के बजाये अपने करीबी रिश्तेदारों से स्नेहपूर्ण रहें।
हमारा देश त्योहारों का देश है। श्रावण मास से त्यौहार और मेलों का सीजन शुरू हो जाता है। जो कि गणगौर तक आते आते समाप्त होता है। विवाह के बाद लड़कियों के लिए रक्षा बंधन का पर्व थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि वह अपने ससुराल में होती है। लेकिन साथ ही यह भी है। कि पीहर जाने की जो ख़ुशी उनके मन में होती है वह भी बड़ी ही उत्साही होती है।
जीवन एक बेहतरीन तोहफा है। यहाँ जुड़ने वाले हमारे रिश्ते नाते हमारे लिए नये नये खुशियों के उपहार की तरह है। जब कोई त्यौहार आता है।
तो रिश्ते ही हैं जो हमारी खुशियों को दुगुना कर देते हैं। रिश्ते ही हैं जो हमारे जीवन को और भी उज्जवल बनाते हैं। रिश्ते ही है जो हमारे स्वभाव को अच्छे से निखारते हैं। यह रिश्ते ही हैं जो हमें हमारी गलती का अहसास करवाते हैं। रिश्ते ही है जो हमें बताते हैं कि कहाँ हमें किससे हमें कैसा व्यवहार रखना चाहिए।