आरक्षण पर कविता | Aarakshan Kavita | 4 Reservation Poem Hindi

आरक्षण पर कविता | Aarakshan Kavita | Reservation Poem Hindi – पढ़ें – रिजर्वेशन का राज, आरक्षण में फंसा देश, योग्यता की पहचान आरक्षण – ये कवितायेँ आरक्षण और उससे उत्पन्न त्रासदी पर एक व्यंग है।

आरक्षण पर कविता

रिजर्वेशन का राज

रिजर्वेशन की समस्या देश में बड़ी ही गंभीर
बना बुद्धिहीन भाग्यवान, गुणवान फकीर

फ़क़ीर बनके भी करे कोशिश चमकाने को फ्यूचर
बनाना चाहे खुद को टीचर किन्तु बन जाता फटीचर

फटीचर बनकर मांगे बेचारा अधिकार
आरक्षण समर्थक बोले धित्कार है धित्कार

धित्कार है योग्यता रखना और देखना सपने
चाहते मंजिल तो दो घुस, रखो सिस्टम में अपने

अब सिस्टम भी उनका जिनका है आरक्षण
बस बार बार कम्पटीशन देकर करो परिक्षण

परिक्षण के लिए परिश्रम करना ही तुम्हारा रिजर्वेशन
स्टूडेंट्स का देखो जी बना गया है अब फैशन

फैशन बन गया खुद को योग्य समझना
योग्य हो तो बंद करो वोट इनको देना

वोट ही आरक्षण की नींव है देशवासी
और नेता चाहे लगाना योग्यता को फांसी

फांसी से योग्यता को बचाना बड़ा ही जरूरी
और आप जानते नेताओ की बस एक ही कमजोरी

उस कमजोरी पर ही हो आपकी योग्यता का वार
आरक्षण समर्थक नेता स्वयं जायेंगे नरक सिधार

——- Lokesh Indoura

पढ़े – स्टूडेंट पर शायरी

आरक्षण देश को निरंतर जला रहा है। यह देशवासियों के बीच भेद भाव पैदा कर रहा है। भारत में लोकतंत्र है अतः कुछ नियम संविधान में बनाये गए ताकि सभी को सामान अवसर मिले। लेकिन निरंतर इसे बढ़ाने के कारण अब यह एक प्रकार से समाज के लिए विष बन गया है। देखे वीडियो में – चीन के विरुद्ध शायरी

Aarakshan Kavita

आरक्षण में फंसा देश

आरक्षण में फंसा देश, देश में फंसा आरक्षण।
दोनों में जो भी निकले नेता टांग पकड़ करे भक्षण।।

आजादी के वक्त पैदा हुआ आरक्षण नाम का यह बच्चा।
पहले भी पहने था कच्छा और आज भी पहने हुए कच्छा।।

कच्छा बड़ा हुआ लेकिन आरक्षण रहा बच्चा का बच्चा।
जो इस बच्चे की रक्षा करे वही नेता दिखे सच्चा।।

सारी राजनीति कच्छे की सुरक्षा करने को मजबूर।
नेता से लेकर अफसरशाही तक बनी मजदूर।।

क्यों कि कच्छे का जो खुला नाडा तो वोट बिखर जायेंगे।
फिर नेता कटोरा लेके गली गली निकले तो ना मिल पाएंगे।।

देखो नेताओं का फ्यूचर और पैसा दबा हुआ वोटों के नीचे।
तो बताओ बेचारे नेता आरक्षण की गाड़ी क्यों ना खींचे।।

खींच खींच के गाड़ी देश में बो रहे दंगा फसाद।
वो दिन दूर नहीं जब दंगे ही कर देंगे नेताओं का श्राद्ध।।

श्राद्ध होना जरूरी क्योंकि नेताओं के रंगे है खून से हाथ।
अब हो खात्मा या जितने मिले वोट उतनी पिछवाड़े पे लात।।

डाल दिया खतरे में देश और देश के युवाओं का सुनहरा सवेरा।
अतः अब मिटना जरूरी देश के नक़्शे से नेताओं का फर्जी चेहरा।।

——– Lokesh Indoura

पढ़ें – चुनावी हास्य कवितायेँ

आये दिन कोई ना कोई समाज या वर्ग विशेष आरक्षण की मांग करता रहता है। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग तो बहुत चर्चित है। इसमें तो राजस्थान के कहीं जिले जल उठे। उसी प्रकार गुजरात में पटेलों की आरक्षण मांग व हरियाणा में जाटों की आरक्षण ने भी देश में हिंसा बढ़ाई। Watch Video – Berojgari Shayari Jokes

आरक्षण पर कविता

Reservation Poem in Hindi

योग्यता की पहचान आरक्षण

आरक्षण बना अब योग्यता की पहचान।
ले ले जो फायदा वही है महान।।

भाड़ में गया तुम्हारा ज्ञान।
नहीं है आरक्षण तो हो अज्ञान।।

आरक्षण के विरोध में ऊँचा करो स्वर।
नहीं तो समझो अधिकार पाने में हो तुम नश्वर।।

नश्वर का कोई मोल नहीं होता।
फर्क नहीं जिन्दा या फिर मरके है सोता।।

—— Lokesh Indoura

आरक्षण कविता | Reservation Kavita | रिजर्वेशन कविता

आरक्षण का शोर चहुँओर

आरक्षण की आग देखो फैली है चहुँओर।
दो आरक्षण दो आरक्षण हर तरफ है शोर।

शोर हो रहा दिन ब दिन देश में भयानक।
जला रहे समाज को इसके भेद भावी मानक।।

मानक है ऐसे योग्यता गई भेड़ बकरियां चराने।
इंटेलीजेंट की डिग्रियाँ अब आये बस काम दिखाने।।

दिखाने को तो हैं इस देश में अवसर सबको सामान।
सच कहे तो लोकतंत्र है ऊँची दूकान फीका पकवान।।

पकवान खा रही अयोग्यता, योग्यता खा रही घास।
कर रहा आरक्षण देश में अधिकारों एक सत्यानाश।

सत्यानाश ही क्या अंतिम संस्कार भी करेगा आरक्षण।
यदि बंद ना हुआ तो कर जायेगा मानवता का भक्षण।।

——- Lokesh Indoura

नीचे वीडियो में बेहतरीन बेरोजगारी कविता प्रस्तुत है।

आपको मस्करी से जुड़े रहने के लिए Facebook Page को लाइक करे। कवि व कविताओं से जुड़ने के लिए आप Twitter Lokesh Indoura को फॉलो करें। और यदि आप वीडियो के माध्यम से कविता सुनना चाहते हैं। तो youtube channel को सब्सक्राइब करें। आरक्षण कविता | Reservation Kavita | रिजर्वेशन कविता

पढ़ें – राजनीतिक हास्य कविता

आरक्षण कविता

भारत देश के विकास और राजनीति में आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान है। कहीं बार आरक्षण को लेकर देश में दंगे-फसाद होते देखे गए है। हर जाति और वर्ग अपने आपको एक संतुष्टिप्रद Reservation की स्तिथि में देखना चाहता है। आरक्षण पर कविता | Aarakshan Kavita | Reservation Poem in Hindi | Reservation Kavita पढ़े – मजेदार पहेलियाँ

Aarakshan Kavita

पढ़ें – मजेदार कहानियाँ

आरक्षण ने देश में जातिवाद और नफरत की एक गहरी खाई पैदा कर दी है। Reservation आपसी भाईचारे और प्रेम को ख़त्म कर रहा है। Reaservation Kavita Reservation के बारे में जाने

पढ़ें – मजेदार हिंदी कोट्स

आरक्षण से भड़की रही हिंसा का अभी तक कोई तोड़ नहीं निकला है। क्योंकि यह Reservation वास्तव में वोट बंटोरने का राजनीतिक षड़यंत्र बन गया है। नेता वोटों के लिए आरक्षण को हथकंडा बना चुके हैं। पढ़ें – मजेदार जोक्स

पढ़ें – हिंदी फनी शायरी

Reservation Poem in Hindi

इस देश का युवा आरक्षण के लाभ को भली-भांति जानता है और इसी कारण देश में आपसी भाईचारे को बांटने वाली खायी पैदा हो रही है। यह Poetry आरक्षण की इस भयावहता को अपने पाठक तक एक नाटकीय ढंग से पहुंचाती है। आरक्षण कविता | Reservation Kavita | रिजर्वेशन कविता पढ़ें – हिंदी फनी आर्टिकल्स

What do you think about reservation. It should remain in India or not. What changes you can see if India removes reservations. You think that reservation is like a curse. पढ़ें – हिंदी फनी कविता

Reservation पर आधारित इस Funny Poem पर आपके क्या विचार है। या आप आरक्षण को कैसे देखते है। हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं। आरक्षण पर कविता | Aarakshan Kavita | 3 Reservatation Kavita

One Response

  1. Subhash Chandra

Leave a Reply