Sardar Patel ke Suvichar : सरदार पटेल की सीख 5 महत्वपूर्ण बातें – देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन प्रेरणाओं से भरा है . यहाँ हम उनके जीवन से सीखने वाली उन 5 बातों को वर्णन करेंगे . जो हमें अपने जीवन को उन्नत बनाने के लिए अपनानी चाहिए .
Sardar Patel ke Suvichar : सरदार पटेल की सीख
सरदार पटेल से बड़ा कद किसी और नेता का देश में हो नहीं सकता है . जो काम देश के लिए उन्होंने किया है उन सभी कार्यों के सामने सब कुछ बौना साबित होता है . 31 अक्टूबर 1875 को जन्मे वल्लभ भाई पटेल वह इंसान हैं जिनमें कौटिल्य के समान कूटनीति व शिवाजी के समान दूरदर्शिता थी .
सरदार पटेल महात्मा गाँधी जी से प्रेरित थे और हमेशा उनका सम्मान करते थे . यह बात और है कि गाँधी जी सरदार पटेल की जगह जवाहरलाल नेहरु के ज्यादा करीब थे . सरदार पटेल एक महान अधिवक्ता व राजनेता थे . वह इस भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे .
Sardar Patel ke Suvichar : सरदार पटेल की सीख
पिता झवेर भाई पटेल और माता लाडबा देवी की चौथी संतान वल्लभभाई पटेल बचपन से ही बड़े प्रतिभाशाली थे उनका बचपन अभावों में गुजरा . किन्तु वह जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहे . उनका जीवन उन्नत विचारों और प्रेरणा से भरा है . तो चलिए जानते है सरदार पटेल जी के जीवन से मिलने वाली वह सीख जो हमें प्रेरणा प्रदान करती है .
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सरदार पटेल के विचार | Sardar Patel ke Vichar
1 बड़ा दिल रखिये –
सरदार पटेल के जीवन की पहली सीख यह है कि हमें अपना दिल बड़ा रखना चाहिए . जब भारत आजाद हुआ और देश के नेतृत्व की बारी आयी तो अब देश के प्रधानमंत्री को चुना जाना था . कांग्रेस का बहुत बड़ा हिस्सा सरदार वल्लभभाई पटेल का मुरीद था और वे चाहते थे कि सरदार पटेल को देश का प्रधानमंत्री बनाया जाये .
सरदार पटेल के विचार | Sardar Patel ke Vichar
सरदार पटेल चाहते तो ऐसा गाँधी जी और कांग्रेस में उनके विरोधियों को मजबूर होकर उन्हें यह पद देना पड़ता . किन्तु पटेल ने बड़ा दिल दिखाया और पंडित नेहरू को यह पद जाने दिया . उनके हिस्से में गृहमंत्री की जिम्मेदारी आयी और 562 रियासतों को एक करने का मुश्किल कार्य उनके हिस्से में आया . जिसे उन्होंने कुशलता पूर्वक किया . यह कार्य केवल वही कर सकते थे . यह देश के सामने उस समय की सबसे बड़ी चुनौती थी .
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2 सभी के प्रति जिम्मेदार बनिए –
सरदार पटेल से एक और चीज हमें जो सिखनी चाहिए वह है जिम्मेदारी . एक तरफ जवाहर लाल नेहरू थे जो कच्ची बस्ती, गंदगी से घिन्न करते थे वहीँ दूसरी ओर सरदार जी थे कि जब देश में प्लेग फैला तो सब के मना करने के बावजूद वह बीमारियों व्यक्तियों की सेवा में जुट गए .
सरदार पटेल के सुविचार | Sardar Patel Thoughts in Hindi
अपनी एक टीम बनाकर गाँव गाँव जाकर उन्होंने जन जागरण किया . लोगों को प्लेग के बारे में बताया उससे बचने के उपाय बताये . तो जिन लोगों के घर से प्लेग के कारण व्यक्ति चला गया उनका भी वे सहारा बने .
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3 मुश्किल समय में मंजिल तक पहुँच जाना –
वल्लभ भाई पटेल का जीवन बड़ा ही मुश्किलों भरा था . वह पढने में बड़े ही होशियार थे किन्तु फिर भी आर्थिक अभाव के कारण 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने 10 वीं पास की . `उन्होंने घर पर ही लग्न के साथ अपनी शेष पढाई की और टॉप रैंक के साथ जिला अधिकारी की परीक्षा पास की .
सरदार पटेल के विचार | Sardar Patel ke Vichar
वल्लभ भाई पटेल जी विदेश जाकर वकालत करना चाहते थे . इसके लिए निरंतर प्रयास कर रह थे . एक दिन उनके घर एक व्यक्ति के लिए विदेश का वीजा आया. यह वीजा सरदार पटेल के लिए था किन्तु उनके बड़े भाई विट्ठल जी भी वकालत करना चाहते थे . इसलिए सरदार ने अपना यह वीजा भी अपने भाई के सपने के लिए उनको दे दिया . हालाँकि इसके बाद कुछ सालों बाद सरदार पटेल जी ने भी विदेश जाकर वकालत पूर्ण की .
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सरदार पटेल की सीख | Sardar Patel KI Seekh
4 बड़ों का सम्मान करना –
सरदार वल्लभ भाई बड़ो का बहुत सम्मान करते थे . उनके किसी आदेश को वे नकारते नहीं थे . जब वक्त आया देश के प्रधानमंत्री की दावेदारी का तो सरदार पटेल जी ने महात्मा गांधी जी की इच्छा व सम्मान को सर्वोपरि रखा और स्वयं ही प्रधानमंत्री की रेस से बाहर हो गये .
यदि सरदार पटेल चाहते तो देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल ना होकर वह होते क्योंकि कांग्रेस अधिकांश मत सरदार पटेल के पक्ष में था . किन्तु सरदार जी के लिए गाँधी का सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण था .
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5 कर्तव्यनिष्ठा का पालन कीजिये –
सरदार पटेल एक कर्तव्यपरायण व्यक्ति थे . एक बार जब वह कोर्ट में वकालत कर रहे थे . एक अपराधी के पक्ष की तरफ से वह जिरह कर रहे थे . तब ही उनके पास एक तार आता है. जिसमें लिखा था Wife Dead Come Soon. सरदार पटेल ने जिरह के दौरान ही यह तार पढ़ा और पढ़कर अपनी जेब में रख लिया . इसके बाद भी वह अपनी वकालत जारी रखे हुए थे .
Sardar Patel Quotes in Hindi
इस घटना का पता जब बाद में जज को पता चलता तो उन्होंने सरदार पटेल से पुछा . तो वल्लभ भाई ने जवाब दिया . कि मेरा कर्तव्य उस वक्त मेरे मुवक्किल के लिए था जिसे झूठे आरोप में फंसाया गया है . मेरे कर्तव्य के आगे मेरी ज़िन्दगी पीडाएं, दुःख और उलझने नहीं आ सकती है .
सरदार पटेल के सुविचार | Sardar Patel Thoughts in Hindi
Conclusion –
इस प्रकार यदि हमें देखे तो सरदार वल्लभ भाई पटेल अपने आप में एक प्रेरणा की मूर्ति है . जिनके बारे में जितना बताया जाये जितना जाना जाए उतना ही कम है . वह भारत के लौह पुरुष है . एक ऐसे अडिग इंसान जिन्होंने अपने सपनों को हर हालात में पूरा किया है . वे कहते हैं – ” कठिन समय में कायर व्यक्ति बहाना ढूंढते हैं वहीँ बहादुर कठिनाइयों में भी रास्ता तलाशते हैं .” उनके विचार ऐसे आलसी व्यक्तियों के लिए एक ज्ञानवर्धक कैप्सूल की तरह हैं .
वे कहते हैं . “लोहा भले ही गर्म हो जाये किन्तु हथोड़े को ठंडा रखकर ही काम में लेना” स्पष्ट है . कि जब आप कि परिस्तिथियाँ विपरीत हो या फिर आप पर कोई गुस्सा हो तो आपको गुस्से से काम लेने के बजाय शांति पूर्वक अपना चतुराई व बुद्धि से अपना प्रहार करना है .
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