ब्रह्माण्ड का रहस्य | विस्तार | फैलाव – Universe secrets in Hindi | 21 Cosmos Information – क्या आप ब्रह्माण्ड को जानना चाहते हैं . जानना चाहते हैं इसके रहस्य को , ब्रह्माण्ड के फैलाव को तो इस वेबपेज पर आप ब्रह्माण्ड की रहस्यमयी यात्रा के लिए शुरू हो जाइये .
ब्रह्माण्ड का रहस्य | Universe secrets in Hindi
दोस्तों रात में जब हम आसमान को देखते हैं तो लाखों तारे हमें टिमटिमाते दिखाई देते हैं . यह हमें बड़े ही प्यारे और सुंदर लगते हैं . जी चाहता होगा कि क्यों ना इस खुले आसमान की सैर पर निकल जाएँ और एक एक तारे को पास से देखें . और साथ ही आपके मन में यह सवाल भी आते होंगे . कि यह तारे आखिर हम से कितना दूर हैं . हम कैसे वहां जा सकते हैं ऐसे कितने तारे इस आसमान में हैं . और यह आसमान कहाँ तक है .
साथ में यह भी कि यह ब्रह्माण्ड शब्द जो हम सुनते हैं . तो यह कितना फैला हुआ है . कितना दूर तक हम जा सकते हैं . इसका अंतिम छोर कहाँ है . क्या यह कहीं जाकर ख़त्म होता है . तो चलिए आज इस लेख के माध्यम से आप ब्रह्माण्ड की यात्रा कीजिये
आप अभी अपने घर में होंगे अब घर से छत पर आ जाइये . रात को यह गहरा नीला आसमान और आसमान में लाखों तारे टिमटिमाते हुए दिखाइये दे रहे होंगे . तो मानसिक यात्रा पर इस ब्रह्माण्ड और तारों, ग्रहों, उपग्रहों को जाने के लिए . अब पृथ्वी से ऊपर आइये आसमान की और बढिए . आप पायेंगे कि वायुमंडल का दबाव कम हो रहा है.
ब्रह्माण्ड का रहस्य | Universe Secrets in Hindi | Cosmos Information in Hindi
400 किमी ऊपर आ जाने पर आप को International Air Space Station मिलेगा . यह इंसानों द्वारा बनायी गयी ऐसी जगह है जो 27500 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है . 24 घंटे के अन्दर यह पृथिवी के 16 चक्कर लगता है . और पृथ्वी पर होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी देता है .
ब्रह्माण्ड का विस्तार | Expansion of the Universe in Hindi
अब इससे ऊपर आने पर हमें satellite दिखाई देंगे . हम यहाँ हजारों satellite पाएंगे . जो पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं. पृथिवी के चारों और इनका एक जाल सा फैला हुआ है .
इसके बाद और ऊपर चलने हम अपने सबसे नजदीकी एक मात्र उपग्रह चाँद की और बढ़ते हैं . Moon पृथिवी से भले ही बड़ा ही ख़ूबसूरत और प्यारा दिखाई देता हो . किन्तु हम यहाँ पायेंगे कि यहाँ पर गहरे गड्डे, खाईयां और ऊँचे पहाड़ हैं . यह जगह पूर्ण रूप से वीरान है . जहाँ कोई पेड़ पौधे नहीं हैं . मून में किसी प्रकार का कोई वायुमंडल नहीं है . ना ही कोई नदी या पानी का किसी प्रकार को कोई स्त्रोत यहाँ है . चाँद की धरती एक युद्ध के मैदान जैसी है . क्योंकि वायुमंडल ना होने से अंतरिक्ष से आने वाली उल्काएं, धूमकेतु सीधा इससे टकराते हैं. जिसे यह लाखों वर्षों से सहन करता आ रहा है .
ब्रह्माण्ड का विस्तार | Cosmos Information in Hindi
चाँद पर पहला कदम नील आर्मस्ट्रोंग ने रखा . उसके पैरों के निशान आज भी वैसे के वैसे हैं और सालों तक वैसे ही रहेंगे . क्योंकि यहाँ कोई वायु नहीं है , ना कोई बरसात होती हैं . ना ही किसी प्रकार की पृथ्वी के समान कोई ग्रेविटी है . यह पृथिवी से 4 लाख किमी दूर है .
अब इसके बाद आ जाइये उतर की और दिखाई देने वाले वीनस गृह पर . यह हमारे सौरमंडल का सबसे चमकीला गृह है और सुन्दर भी . इसे पृथ्वी का भगिनी गृह कहते हैं . क्योंकि इसका आकर पृथ्वी के समान है किन्तु यह वाकई इतना प्यारा है . तो जान लीजिये . यह ग्रह किसी नरक से कम नहीं है . यहाँ भयंकर बारिश होती है और यह बारिश होती है एसिड की .
ब्रह्माण्ड का फैलाव | Extension of the Universe in Hindi
यहाँ सल्फ्यूरिक एसिड के बादल आसमान में रहते हैं . इस ग्रह पर सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस प्रभाव है . यह सबसे गर्म ग्रह है जहाँ सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं .
ब्रह्माण्ड का फैलाव – Universe Secrets in Hindi | Cosmos Information in Hindi
इस ग्रह के बाद हम आते हैं बुध ग्रह पर . यह ग्रह पृथ्वी के सबसे पास है . यहाँ के दिन रात के तापमान में काफी अंतर होता है . दिन में यहाँ तापमान 400 डिग्री और रात में माइनस 170 हो जाता है . यहाँ की मिट्टी लाल है .
बुध ग्रह से आगे बढ़ते हैं तो अब आता है हमारी पृथ्वी का उर्जा भंडार सूर्य . यह एक आग का ऐसा विशाल गोला है जिसमें लाखों पृथ्वीयां समां जाये . यह पृथ्वी से तक़रीबन 15 करोड़ किमी दूर है . और वहां से इसके प्रकाश को पृथ्वी पर आने में 8 मिनट का समय लगता है . हमारे सौर मंडल का यह केंद्र बिंदु है और सभी ग्रह व उपग्रह इसके चक्कर लगा रहे हैं .
सूर्य आगे अब हम यात्रा करते हैं मंगल ग्रह की . मंगल ग्रह ऐसा ग्रह है जिसमें पृथ्वी के समान नदियाँ, सागर पहाड़ सब हैं . यहाँ एक ओलम्पस माउंट भी है जो हमारी एवेरेस्ट से भी 3 गुना ऊँचा है . वैज्ञानिक मंगल को लेकर बड़े उत्साहित है . और निरंतर इसके बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं .
ब्रह्माण्ड की जानकारी | Cosmos information in Hindi
मंगल ग्रह से आगे बढ़ने पर हम आते हैं एस्टेरोइड बेल्ट पर . यह बेल्ट काफी विशाल है तथा मंगल व ब्रहस्पति ग्रह के बीच में यह फैली है . इसमें बड़े बड़े विशाल पत्थर तैर रहे हैं . कहीं पत्थर तो ऐसे हैं . जिनमें पूरा का पूरा एक शहर या देश बसाया जा सकता है .
ब्रह्माण्ड का रहस्य | Universe Secrets in Hindi
इसके बाद अब हम यात्रा करते हैं जुपिटर की . ब्रहस्पति हमारे सौरमंडल सबसे बड़ा ग्रह है . इतना बड़ा कि सारे ग्रह मिल जाएँ तो भी जुपिटर से बड़ा ग्रह नहीं बन पायेगा . आपको जानकर यह हैरानी होगी कि जुपिटर में कोई धरातल नहीं है . यह एक गैसीय प्लानेट हैं . यदि आप इसमें उतरते हैं तो सीधा इसके अन्दर चले जायेंगे .
जुपिटर के कई सारे उपग्रह है . जिसमें से एक है युरोपा . युरोपा ऐसा उपग्रह है . जो पूर्ण रूप से बर्फ से ढका हुआ है . इस बर्फ के अन्दर पानी तरल रूप में मौजूद है . वैज्ञानिक इस उपग्रह के निरंतर अनुसन्धान में लगे हुए हैं .
जब जुपिटर से आगे बढ़ते हैं तो हमारे सामने आता है इस सौर मंडल का वह ग्रह जिससे सभी ग्रहों का ताज कहा जाता है . इस ग्रह का चारों और एक एक खूबसूरत वलय है . जो इससे सभी ग्रह से अलग लुक देती है .
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Cosmos Knowledge in Hindi | यूनिवर्स की जानकारी
इसका ग्रह का उपग्रह टाइटन जो भविष्य कि पृथ्वी कहलाता है . क्योंकि इसमें पृथ्वी के समान हवा, बारिश, नदियाँ सभी है . कहते हैं जब सूर्य का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर होगा तब टाइटन पृथिवी के समान हो जायेगा . जहाँ जीवन संभव है .
अब बारी आती है अरुण ग्रह की अर्थात यूरेनस की . यूरेनस एक गैसीय ग्रह है . टेलिस्कोप के आविष्कार के बाद यह पहला ग्रह है जिसे देखा गया . वैसे अरुण ग्रह को पृथ्वी से दूरबीन के बिना , आँखों से भी देखा जा सकता है . यह बहुत दूर होने से मध्यम रोशनी का प्रतीत होता है .
ब्रह्माण्ड का विस्तार | Cosmos Information in Hindi
यूरेनस के बाद आता है नेपच्यून या वरुण ग्रह . इस ग्रह में अमोनिया व मीथेन गैस अधिक है . यह पृथिवी के मुकाबले सूरज से तीन गुना अधिक दूर है . अरुण वरुण दोनों ही ठन्डे ग्रह है .
अब हम थोडा और दूर से अनंत ब्रह्माण्ड की ओर बढ़ते हैं तो आती है कुइपर बेल्ट . यह बेल्ट एस्टेरोइड बेल्ट से भी 20 गुना चौड़ी और 200 गुना ज्यादा फैली हुई है . प्लूटो इसी कुइपर बेल्ट का हिस्सा है . प्लूटो नाइट्रोजन बर्फ, पानी की बर्फ व पत्थर का बना हुआ है . प्लूटो सूर्य की परिक्रमा तो करता है किन्तु यह कुछ बेढंगी है . इसलिए इसे ग्रहों से बाहर कर दिया और बौना ग्रह नाम दे दिया .
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यूनिवर्स का रहस्य | Universe Information in Hindi
अब प्लूटो से आगे हम बढे तो पाते हैं एक और दूसरा ग्रह जो सूर्य से काफी दूर है किन्तु वहां से भी यह सूर्य की परिक्रमा कर रहा है इसका नाम है सेडना . सेडना की खोज 2003 में हुई . यह सूर्य की एक परिक्रमा 10000 साल में करता है .
ब्रह्माण्ड का फैलाव – Cosmos Secrets in Hindi | Universe Information in Hindi
अब सोलर सिस्टम से बाहर हैं तो हमारा सामना होता है comets से . सौर मंडल के बाहर धूमकेतु का जाल सा है . बड़ी मात्रा में यह धूमकेतु है सौरमंडल के चारों ओर घूम रहे हैं . ये कोमेट्स बहुत ही विशाल है और पानी से भरे हुए हैं . ऐसे ही कुछ धूमकेतु पृथ्वी को भी घेरे हुए हैं . कहीं बार यह धूमकेतु वहां से सौर मंडल के अन्दर चले आते हैं .
धूमकेतु से आगे बढ़ने पर हम एक घनघोर अँधेरा दिखाई देता है . नंगी आँखों से वहां कुछ भी नहीं देखा जा सकता है . इस अँधेरे को पार करने के बाद अरबों तारे हमें दिखाई देते हैं . इसके साथ ही हमें दिखाई देता है अल्फ़ा सेंचुरी जो हमारे सौर मंडल का पडोसी सौर मंडल है . जहाँ प्रोक्सिमा सेंचुरी है . सूर्य के बाद पृथ्वी के समीप यदि कोई तारा है तो वह प्रोक्सिमा सेंचुरी है .
ब्रह्माण्ड का रहस्य | Universe Secrets in Hindi
इसके आगे बढ़ने पर हम पाते हैं . कि हमारे सौरमंडल के समान ही कई सारे सौरमंडल है चारो और फैले हुए हैं . अभी हम पृथिवी से 10 प्रकाश वर्ष दूर आ चुके हैं . कही सारे बेबी स्टार का जन्म हो रहा है जो भविष्य में एक सौरमंडल का निर्माण करेंगे
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Brahmand ki Jankari | खगोल की जानकारी
पृथ्वी से 20.5 प्रकाश वर्ष दूर आने पर हमें दिखाई देता है ग्लीज 581. यह तारा सूर्य के समान चमकीला नहीं है . यदि पृथ्वी जीतनी उर्जा इस तारे से चाहिए तो किसी ग्रह को इसके काफी करीब जाना होगा . उतना ही करीब जितना पृथिवी से चाँद है .
अब हम और आगे जाते हैं तो देखते है हमारे मिल्की वे को . जिसमें अरबों तारे हैं . इसे गैलेक्सी कहते हैं . इस मिल्की वे में सैकड़ो सौरमंडल है . यदि मिल्की वे के छोर से दुसरे छोर पर प्रकाश को गुजारा जाए तो उसे 1,05,700 साल लग जायेंगे . तो अब आप समझ जाइए यह कितना विशाल होगा क्योंकि प्रकाश से तेज गति किसी की नहीं है .
ब्रह्माण्ड का विस्तार | Cosmos Information in Hindi
अब हम मिल्की वे से आगे बढ़ते हैं तो हम पाएंगे कि इस ब्रह्माण्ड में ऐसी अनगिनत मिल्की वे है और इन मिल्की वे का जो ग्रुप है उसे इंटर गलेटिक गैलेक्सी ग्रुप कहते हैं . जो कि 10 मिलियन प्रकाश वर्ष में फैला हुआ है . इस प्रकार से इस ब्रह्माण्ड में कई गैलेक्सी के ग्रुप है और जिन्हें लोकल गैलेक्सी ग्रुप कहते हैं .
इन गैलेक्सी को झुण्ड को मिलकर एक सुपर क्लस्टर बनता है . जिसमें हमारी पृथिवी तो छोड़ मिल्की वे भी एक डॉट के समान दिखाई देता है .
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खगोल का रहस्य | Astronomy Secrets in Hindi
इसके आगे बढ़ने पर हम पाएंगे ऐसे कई ऊपर क्सुलस्पटर है और इन सुपर क्रलस्टर को मिला दें तो बनता है वर्गों सुपर क्लस्टर .
ब्रह्माण्ड का रहस्य | विस्तार | फैलाव – Universe Secrets in Hindi | 21 Cosmos Information in Hindi
वर्गों सुपर क्लस्टर से आगे बड़े तो ब्रह्माण्ड का फैला हुआ एक और सच सामने आएगा जो 520 मिलियन से भी ज्यदा प्रकाश वर्ष में फैला है कि कई वर्गों सुपर क्लस्टर मिलाकर एक लिनिया सुपर क्लस्टर बना रहे हैं . इसे observable ब्रह्माण्ड कहते हैं अर्थात ज्ञात ब्रह्माण्ड . किन्तु ब्रह्माण्ड यही समाप्त नही होता है . इसका अंत है भी या नहीं कोई नहीं जानता . ऐसा लगता है यह अज्ञात है . जितना जानते हैं उतने ही रहस्य और निकलकर आते हैं.
Conclusion –
तो आप जान गए होंगे ईश्वर द्वारा निर्मित यह ब्रह्माण्ड कितना विशाल और रहस्यमयी होगा . जिसके बारे में जितना अभी वैज्ञानिकों ने जाना वह एक राई के बराबर है. यह ब्रह्माण्ड ईश्वर का बनाया हुआ है . जो एक सामान्य मस्तिष्क की सोच से परे है . इसको जितना जानेगे उतने ही अनजान होते चले जायेंगे . इस ब्रह्माण्ड के विस्तार का अनुमान लगा कर आप यह तो अवश्य समझ गए होंगे कि हमारी पृथ्वी जैसी इसमें और भी कई पृथ्वियां हो सकती है .
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