जल पर कविता : Best 3 Water Poem in Hindi | Jal Par Kavita

जल पर कविता : Best 3 Water Poem in Hindi | Jal Par Kavita – यहाँ जल पर 3 बेहतरीन कविताएं है – 1 पानी के पाप 2. बूँद बूँद बचाना – बात मान लो 3. स्वच्छ पानी का ताल बनाओ पढ़े और शेयर करना भूलें।

जल पर कविता

पानी के पाप

धोकर हमने अपने पाप कर दिया जी पानी साफ।
अब बूँद बूँद पीने को करो जी पेट भर जाप।।

जाप करे जी जानवर, पेड़ पौधे और शैतानी इंसान।
गुत्थम गुत्था प्यासे पडोसी, सिंचाई को टूट पड़े किसान।।

किसान करे पानी की चोरी, सरकार करे कटौती।
नदियों के देश में पानी का रोना, देखो किस्मत खोटी।।

खोटी किस्मत सुधारने को लाया जी टैंकर पानी।
कूद पड़ी हक़ जमाने, राजू की दादी, तेजू की नानी।।

नानी याद दिला रहा देख लो जल ही जीवन।
मीलों से पानी लाये बुढ़ापा, जवानी, बचपन।।

बचपने में कर बोरवेल खूब, डार्क जॉन बना डाले।
सो अब धरती पानी संग फ्लोराइड, आर्सेनिक निकाले।।

निकाले पानी ने सफ़ेद बाल, कूबड़ बनी कमर।
राम लाल जी एक गिलास में पकड़ लिए बिस्तर।।

बिस्तर पे सोये उस रात इंद्र देव ने दिया छप्पर फाड़।
धरती की गुल्लक भरी, खिले फूल, जंगल, झाड़।।

झाड़ पेड़ जंगल पहाड़ सींच उठी थी सरिता।
आई थी मिलने किनारे मनमोहन से पुनिता।।

पुनीता मिली मोहन से गले, कॉफ़ी पी, सेल्फी ली।
जाते जाते फेंकी डिस्पोजल, नाम पुनिता पापी पगली।।

पगली और पगलों से ही नदी तालाब नहरें परेशान।
करे कहीं कचरा गिफ्ट, कहीं मल मूत्र का दान।।

दान करे इंडस्ट्री केमिकल, अन्नदाता कीटनाशी।
सूरत बना दी जल देव की यमदूत सी अच्छी खासी।।

खांस रही यमुना बोल बोल के स्वच्छता के सूत्र।
अब दिल्ली के बाद पानी नहीं, बहता केवल मूत्र।।

मूत्र, कचरा, रसायन से जल देव चढ़े वेंटीलेटर।
नागरिक नेता अफसर सफाई के नाम पर ट्विटर।।

ट्वीटर फेसबुक से बाहर आके नेता अफसर जल को बचाओ।
वरना नाले में डूब मरो और अस्थियां गंगा में ना बहाओ।।

——– Lokesh Indoura

पानी पर कविता | Water Poem in Hindi

बूँद बूँद बचाना – बात मान लो

बूँद बूँद बचाना है यारों यह बात जान लो
वरना बचेगा नहीं जीवन सच्चाई मान लो

लोभ लोभ में हमने लगाया खूब पानी भोग
अब हो गया देखो पानी को ही भीषण रोग

स्वच्छ पानी पाने को तरस रहा जन जीवन
याद कर रहे दादाजी अपना खुशहाल बचपन

नदियां हुई जानलेवा नहाना भी भयंकर पाप
काश मिल जाए सरकार को साफ पानी करने जाप

क्योंकि फ़ैल हुआ सरकारी तंत्र गन्दी की गन्दी नदियाँ
देखते देखते इनको लगता बीत जाएगी सदियाँ

सालों में साफ करने वाले गंगा लूट खा रहे पैसा
माँ गंगा को स्वच्छ करने में भी देखो भ्रष्टाचार कैसा

हर तरफ से आये आवाज पानी स्वच्छ चाहिए
आप भी पढ़ते पढ़ते एक सुझाव दे जाइये

—- Lokesh Indoura

पानी पर कविता

स्वच्छ पानी का ताल बनाओ

ढूंढ लायेगा जो देश में स्वच्छ पानी का ताल
उसे ही आज यह कवि दे देगा अपना सारा माल

माल का लालच जागा हो तो जगाओ जल की मशाल
प्रदुषण से मुक्त कर दो हर एक नदी ताल

ताल सूखे मिलेंगे कहीं, कहीं मिलेगा ताल में कचरा
देख करने लग जाना सफाई, ना कर पायेगी बरखा

बरखा खूब जब बरसे, तब भी गन्दगी रह जाती
तब ही आपकी जानेमन ताल देखकर डर जाती

डरे नहीं किसी की जानेमन सो जल प्रदूषण रोको
वरना जानेमन को जल के पास जाने पर टोको

करो साथ में बंद भईया पॉलीथिन का उपयोग
यही भी जल समस्या का बन गई है भयंकर रोग

जल प्रदुषण के रोग को करके दूर पाओ जी खुशहाली
यह धरती खुद और आपको खुद ही देगी जी हरियाली

—– Lokesh Indoura

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Paani Par Kavita | जल बचाओ कविता

जल के बिना जीवन की कोई कल्पना नहीं की जा सकती। अर्थात जल से ही जीवन की उत्पति है। जीवन की संभावना वहीँ है। जहाँ जल है। जहाँ जल नहीं वहां जीवन भी नहीं। पढ़ें – कोरोना काल की चार मजेदार कविताएं

पृथ्वी का नीला गृह है। इस पृथिवी पर 70% भाग पानी से गिरा है। तथा शेष भू भाग पर जमीन है। इस तरह देखा जाए तो पृथिवी में पानी की मात्रा ज्यादा है। पढ़ें – महंगाई पर शायरी

सबसे बड़ी यहां पर बात यह है। कि हमारी पृथ्वी पर अवश्य ही पानी भू भाग की अपेक्षा जयादा है। किन्तु पीने योग्य पानी केवल ३% है। 97% पानी खारा है जिसे किसी भी प्रकार से सीधे सीधे पीने के उपयोग में नहीं लिया जा सकता। Read – Water Conservation Guidance

Water Poem in Hindi

इस 3% पानी का भी 70% ध्रुवों पर बर्फ के रूप में जमा है। और एक प्रतिशत से भी कम पानी हमारे लिए है। जिसमें पेड़ पौधों को भी चाहिए। जानवर भी है , उद्योग है और इंसान की पीने और नहाने के आवश्यकताएं। पानी पर कविता | Water Poem in Hindi | जल पर कविता | Jal Par Kavita Watch – Summer Season Shayari in Youtube

भारत को सुजलाम सुफलाम देश कहा जाता है। यहाँ पर्याप्त मात्रा में जल मिलता है। विश्व का सबसे जयादा वर्षा वाले स्थान मासिनराम व चेरापूंजी यहीं पर पाए जाते हैं। फिर भी हम पानी की किल्लत से परेशान हैं। पढ़ें – राजनीती पर जोक्स

भारत मल्हार का देश है। यहाँ कहीं मछुआरे व नाविक अपना जीवन यापन पानी के स्त्रोतों से ही करते हैं। किन्तु पानी की कमी भारत में निरंतर देखने को मिल रही है। और इन सबके उत्तरदायी हैं हम। Read – Purush Par Kavitayen

हिमालय दुनिया की सबसे बड़ी पर्वतमालाओं में से एक है। जिससे सैकड़ों छोटी बड़ी नदियां निकलती है। भारत में से कहीं बड़ी नदियां हिमालय से निकलती है। Read – Fashion Par Kavitayen

ढेरों नदियाँ निकलने के बाद भी भारत के लोगों का गला प्यासा क्यों है। यह बड़ा ही अफसोस है। लगता है एक भारत में भी पेट्रोल डीजल की तरह बिकेगा। फसलें सूख जायेगी। किसान केवल आसमान की और उम्मीदों से देखेगा। पानी की चोरियां होगी। पानी पर कविता | Water Poem in Hindi | जल पर कविता | Jal Par Kavita Visit – List Hindi Funny Shayari

देश में जल स्तर निरंतर गिर रहा है। पानी के टैंकर पर आप धापी मच रही है। कहीं बार झगडे जानलेवा साबित हो रहे हैं। पानी के लिए आंदोलन में आंदोलन देखे जाते हैं सड़क जाम जैसे घटनाएं सामान्य रूप से कहीं भी मिल जायेगी।

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