Yoga Par Shayari Status : बेस्ट 21 योग पर शायरी स्टेटस

Yoga Par Shayari Status : बेस्ट 21 योग पर शायरी स्टेटस – यहाँ योग पर एक से बढ़कर एक बेहतरीन शायरी स्टेटस प्रस्तुत है। पढ़ें और शेयर करना ना भूलें –

Yoga Par Shayari

योगासन से होती है जी इम्युनिटी मजबूत।
रोगाणुओं के आते ही पड़ते जी धमाधम जूत।।

योग से मिले ऑक्सीजन भरपूर, होवे खूब रक्त संचार।
मिले मन को आनंद तन को फुर्ती का उपहार।।

योग से रोग ही नहीं, मन के दोष भी होवे दूर।
वैसे तो कब्र में जिसकी टाँगे लटकी वह भी मांगे हूर।।

GF को छोड़, करो प्राणायाम व आसन।
वह तो तनाव का केप्सूल, यह दूर भगाये टेंशन।।

श्वास और प्रश्वास का खेल है जी योग।
जो करे तन मन से पास ना आवे रोग।।

योगासन बनाये जीवन को सुगन्धित फूल।
बनी वो कन्या भी कली जो थी गोभी का फूल।।

योग भी वैसे ही जरूरी जैसे अच्छा खान पान।
ताकि रहे तंदुरस्ती हर दम और शरीर में जान।।

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Yoga Par Shayari | योग पर शायरी | Yoga Par Status

शीर्षासन हो वज्रासन सबके लाभ है अलग अलग।
जो करे रोज 1 घंटा नियमित खिल उठे रग रग।

हर पत्नी अपने पति से रोज करवाए योग।
करे जो पति आनाकानी, ना लगाए भोग।।

योग पर स्टेटस | Yoga Status in Hindi | Yoga Shayari in Hindi

ताज़ी हवा में प्रकृति की सुंदरता शक्ति अपार।
योग करोगे तो जानोगे आप इसका चमत्कार।।

योगासन बढ़ाता है उम्र नारी की भी सुन लो नर।
जो पति नहीं करने देता उससे पत्नी मालिश करवाए कमर।।

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Yoga Par Shayari | योग पर शायरी | Yoga Par Status

आयु बढ़ावे प्राणायाम, तन्दरुस्ती दे व्यायाम।
जो नादान ना जाने लगाता रहे झंडू बाम।।

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जो करता रोज उठकर सूर्य नमस्कार।
उसके बदन में भैय्याजी ना आवे कोई विकार।।

Yoga Par Status | योग पर स्टेटस

कन्या को सुन्दर काया के साथ देता सुन्दर मन।
पड़ जाये जो आदत तो योग ही पहला साजन।।

योग के अंदर भरा कुदरत का करिश्मा।
धीरे धीरे बनी किशोरी 40 साल की माँ।।

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योग पर स्टेटस | Yoga Status in Hindi | Yoga Shayari in Hindi

योग बढ़ाये बुद्धि करे तन मन की साथ में शुद्धि।
शूर्पणखा सी छोरी करके हुई जलेबी सी सीधी।।

योग करने से आता अंग अंग में निखार।
सुनके पिचकी हुई कन्या में छाने लगा खुमार।।

व्यायाम है जीवन में स्वास्थ्य लाभ का पिटारा।
हुई पप्पू की जोरू न्यू ब्रांड जो थी कभी खटारा।।

करने लगी गुस्सा, टेढ़ा मेढ़ा मुंह बनाकर बीवी।
करवाओ उसे शीर्षासन और करो सीधी।।

रचनाकार – लोकेश इन्दौरा

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योग का अर्थ है अपने वास्तविक अस्तित्व ज्ञान। योग का उद्देश्य शरीर के अंदर मौजूद शक्तियों का उपयोग करते हुए परम परमात्मा की प्राप्ति। योग के अंदर यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधी हैं। इस प्रकार योग का दायरा केवल शारीरिक कसरत नहीं है। इसके कहीं भाग हैं। Read – Maa Par Suvichar

जब जब भी शरीर का संकुचन व प्रसारण होता है। तो शरीर की शक्तियों का विकास तो होता ही है साथ में रोग भी दूर होते हैं। योग से पाचनतंत्र पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। जिससे सम्पूर्ण जीवन स्वस्थ, हल्का एवं स्फूर्तियुक्त बनता है। Watch – Zindagi Par Kavita

योग एक ऐसी कला है जिसकी सहायता से गंभीर से गंभीर बीमारी पर विजय पाई जा सकती है। चाहे दमा हो, एलर्जी हो, हृदय रोग हो, या फिर शुगर सब ठीक हो सकता है। इंसान सेहतमंद है तो ही यह जहान है वरना फिर श्मसान है। Know – Patanjali Yoga Sutra

Yoga is famous in U.S.A., Britain, U.A.E. all world is doing Yoga today because they know the benefits of yoga.

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योग पर शायरी | Yoga Shayari in Hindi

योग का जीवन में महत्व उसी प्रकार है। जैसे शरीर के लिए भोजन का। जिस प्रकार ऊर्जा पाने के लिए भोजन जरूरी है। ठीक वैसे ही व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए योग प्रणायाम भी जरूरी है। Read – Anti Tobacco Poem in Hindi

योग से चर्बी का भी नाश होता है। शरीर स्वस्थ सुडौल और सुन्दर बनता है। योग से मन व इन्द्रियों पर भी नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है। वात, पित्त, कफ जैसे दोष दूर होते हैं।

हठयोग शरीर को शुद्ध, स्वस्थ व निर्मल बनाता है। यह शरीर को राजयोग के योग्य बनाते हैं। यह राजयोग मन के परमानंद से जुड़ा होता है। ना कि कुंडली वाला राजयोग।

कहते हैं योग का जनम भगवान् शिव से हुआ है। जब मानव धरती पर आया तो सबसे बड़ी समस्या यही थी। कि यह संसार तो मरणशील है ही साथ ही यहाँ कहीं बीमारियां है। Watch – Dosti Par Kavita

योग वात पित कफ तीनों को नियंत्रित करता है। योग से हम रोग मुक्त जीवन जीते हैं। मन को भी शुद्ध करते हैं। मन की शुद्धि का एक मात्र माध्यम योग ही है। जैसे पानी शरीर की शुद्ध करता है ठीक ध्यान भी वैसे ही करता है।

योग के कहीं प्रकार है। योग के शरीर पर बड़े ही अच्छे और सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। योग मनुष्य के जीवन को चार चाँद लगाता है। अष्टांग योग की उपयोगिता का महत्व हमारे शास्त्रों में है।

योग के कहीं सारे यम व नियम है। यम के अन्तर्गत अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह आते हैं इस प्रकार ये 5 प्रकार के हैं। नियम भी 5 प्रकार के हैं। शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान।

योग वैसे तो मुख्यतः 4 प्रकार का होता है। मंत्र योग, लययोग, हठयोग, राजयोग। मंत्र योग में विधिपूर्वक मंत्रोचार से सिद्धियां प्राप्त की जाती है। लय योग में अपने दैनिक जीवन के कार्यों को करते हुए ईश्वर का ध्यान किया जाता है।

Yoga Par Shayari

हठयोग में विभिन्न मुद्राएं , आसन, प्राणायाम इत्यादि आते हैं। जिससे मन एकाग्र होता है। तथा राज योग चित्त को निर्मल कर परमात्मा का साक्षात्कार किया जाता है।

आधुनिक समय में उदर रोगों, मधुमेह, मोटापा एवं गैस, कब्ज इत्यादि के लिए जो आसान किये जाते हैं वह निम्ह हैं। – सर्वांगासन, उत्तानपादासन, हलासन, कर्णपीड़ासन, नुकसान, पवनमुक्तासन, कंधरासन, दीर्घ नौकासन, पद्मासन, योग मुद्रासन, वज्रासन, सुप्तवज्रासन, शशकासन, मंडूकासन, कुर्मासन, वक्रासन, गोमुखासन, जानुशिरासन इत्यादि।

योग के बीच में विश्राम जरूरी रहता है और उसके लिए भी आसन ही किये जाने चाहिए। जैसे श्वासन – शरीर को पूर्ण विश्राम देता है और मानसिक व शारीरिक थकान दोनों दूर करता है। मकरासन व बलासन भी अच्छे हैं।

मोटापा आजकल बहुत बड़ी समस्या है इसके लिए द्विचक्रासन, पादवृतासन अर्ध हलासन आदि उपयोगी हैं। इनसे जांग व पेट की चर्बी में कमी होती है इससे शरीर सुडौल व आकर्षक बनता है।

मेरुदंड, सर्वाइकल, स्पोटलाइटिस, स्लिप डिस्क, सियाटिका आदि के लिए हमें चक्रासन, सेतुबंद आसन, मर्कटासन, मकरासन, भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, विपरीत नौकासन, अर्धचंद्रासन, त्रिकोणासन इत्यादि लाभकारी हैं।

इसके अतिरिक्त भी विविध ऐसे आसन है जो जीवन को स्वस्थ बनाते हैं। जैसे – शीर्षासन, ग्रीवासन, सिद्धासन, कुक्टासन, गर्भासन, सुप्तगर्भासन, तोलांगुलासन , मयूर आसन, पर्वतासन, मार्जरासन, ब्रह्मचर्यासन, गोरक्षासन, भूनमनासन इत्यादि।

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